अयोध्या: राम नगरी में चल रहे राम मंदिर निर्माण के साथ ही विजन डाक्यूमेंट योजना के तहत अयोध्या के सौंदर्यीकरण को लेकर प्रदेश सरकार और स्थानीय व्यापारी व नागरिक आमने-सामने हैं. अयोध्या के मुख्य मार्गों को चौड़ा करने को लेकर व्यापारियों का विरोध है. व्यापारियों का कहना है कि पहले उन्हें दुकान के बदले दुकान दी जाए, जिससे उनकी रोजी-रोटी न छिने. उसके बाद उनकी दुकानों को तोड़ा जाए.
व्यापारियों का आरोप है कि जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार ने उनके साथ धोखा किया है. पहले दुकान देने की बात की गई थी. लेकिन अब बिना दुकान दिए उनकी दुकानों को तोड़ने की योजना बना ली गई है.
व्यापारी इस योजना के खिलाफ आंदोलन काफी दिनों से कर रहे हैं. अब अयोध्या के व्यापारियों ने एक बड़ा फैसला लेते हुए इस साल दीपावली न मनाने का निर्णय लिया है. गुरुवार की देर रात अयोध्या के राजद्वार पार्क में स्थानीय व्यापारियों की बैठक में यह निर्णय सामूहिक रूप से लिया गया है.
इसे भी पढ़ें - संघ प्रमुख मोहन भागवत पहुंचे लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की मुलाकात
अयोध्या के स्थानीय व्यापारियों और सपा नेताओं की ओर से एक वीडियो भी वायरल किया जा रहा है, जिसमें रात के अंधेरे में राम कथा पार्क के सामने मंदिरों को तोड़ा जा रहा है. व्यापारियों का आरोप है कि जिला प्रशासन दबाव में लेकर स्थानीय नागरिकों का उत्पीड़न कर रहा है. रात के अंधेरे में फोर्स लगाकर लोगों के घर मकान दुकान तोड़े जा रहे हैं.
स्थानीय व्यापारी नेता नंद कुमार गुप्ता नंदू ने बताया कि जब विकास योजना बनी थी, उस समय सभी व्यापारियों और नागरिकों को विश्वास दिलाया गया था कि किसी का कोई नुकसान नहीं होगा. सभी को रहने के लिए घर और कारोबार के लिए दुकान दी जाएगी. लेकिन अब बिना कोई मदद दिए व्यापारियों की दुकान तोड़ने की पूरी तैयारी कर ली गई है.
श्रृंगार हाट से लेकर राम गुलेला मार्ग पर करीब 100 से अधिक दुकानदार ऐसे हैं, जिनका परिवार दुकानों के कारोबार से चलता है. उनके सामने भूखे मारने का संकट खड़ा हो गया है.इसीलिए व्यापारियों ने सामूहिक रूप से निर्णय लिया है कि इस वर्ष दीपावली का त्यौहार नहीं मनाएंगे.
इसे भी पढ़ें - विशाल कैनवास पर उकेरे जा रहे रामायण के प्रमुख प्रसंग, देखें पेटिंग...
व्यापारियों ने कहा भला कैसे मनाएं त्यौहार...
गुरुवार की देर रात गोपनीय रूप से आयोजित इस बैठक में मौजूद सैकड़ों व्यापारियों ने दुकानों को तोड़ने की योजना का विरोध किया. बैठक में शामिल घनश्याम गुप्ता ने कहा कि जब हमारे पास खाने के लिए नहीं है तो दीपावली किस बात की मनाई जाए.
बिना दूसरी जगह दुकान दिए हमारी दुकानों की नाप ले ली गई है, कभी भी रात के अंधेरे में हमारी दुकानें तोड़ी जा सकती हैं.
हम डर के साए में जी रहे हैं. किस मन से हम त्यौहार मनाए. बैठक में शामिल एक अन्य व्यापारी रमेश गुप्ता ने कहा कि जब परिवार का पेट नहीं भरेगा तो त्यौहार की खुशी कैसी. प्रशासन ने विश्वास दिलाया था कि हमें न्याय मिलेगा.
हमें दुकान के बदले दुकान मिलेगी, लेकिन अभी तक इस योजना पर कोई बात नहीं हुई. बल्कि हमारी दुकानों की नाप ले ली गई और तोड़ने की तैयारी कर ली गई है. इसलिए हम इस बार दीपावली का त्यौहार नहीं मनाएंगे.
दीपोत्सव पर झेलना होगा व्यापारियों का विरोध
बताते चलें कि बीते चार वर्षो की तरह इस वर्ष भी अयोध्या में दिव्य दीपोत्सव कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया जाना है. इस बार इस आयोजन को और विस्तार दिया गया है और 3 नवंबर से लेकर 6 नवंबर तक यह आयोजन चलेगा, जिसमें 7,50,000 से अधिक दीपक जलाने 500 लेजर ड्रोन के जरिए रामकथा का प्रदर्शन करने और शोभायात्रा निकालने का कार्यक्रम है.
भले ही प्रदेश की योगी सरकार अयोध्या की दिवाली की रौनक पूरी दुनिया तक पहुंचाना चाहती है. लेकिन जिन व्यापारियों के सामने पेट भरने का संकट खड़ा हो गया है. उनकी दिवाली तो बेरौनक ही होने वाली है. जाहिर तौर पर इस बार दीपोत्सव कार्यक्रम में प्रदेश सरकार को स्थानीय व्यापारियों का विरोध भी झेलना पड़ सकता है.