अयोध्या : भगवान श्रीराम की पवन नगरी अयोध्या को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन से जोड़ने के लिए योगी सरकार की मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम एयरपोर्ट निर्माण को लेकर विमानपत्तन प्राधिकरण ने एक बड़ा निर्देश जारी कर दिया है. अब एयरपोर्ट से 20 किलोमीटर की परिधि में बहुमंजिला इमारत बनाने के लिए विमानपत्तन प्राधिकरण से एनओसी लेनी पड़ेगी. इस निर्देश के बाद भवन निर्माण कराने की योजना बनाए लोगों के चेहरे पर चिंता की लकीरें बढ़ गयी हैं. बड़ी बात ये है कि अन्य शहरों की अपेक्षा अयोध्या में एयरपोर्ट शहरी आबादी से बिल्कुल सटे क्षेत्र में है. ऐसे में इस नए आदेश से मुश्किलें बढ़ सकती हैं. हालांकि तीन मंजिला तक के इमारतों को बनाने के लिए एनओसी नहीं लेनी होगी.
नए आदेश से प्रभावित होगी शहर की आबादी
इस नए आदेश के तहत अयोध्या विकास प्राधिकरण ने निर्देश जारी किया है कि अब मानक के अनुसार भवन का निर्माण कराने वाले लोगों को बहुमंजिला इमारत बनाने के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा. ये निर्देश उन सभी क्षेत्रवासियों के लिए है, जिनकी जमीन एयरपोर्ट से 20 किलोमीटर के दायरे में हैं. विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने इस संबंध में एक पत्र भी जारी किया है, जिसमें सरकारी और निजी स्वामित्व वाले भवन के स्वामियों को विमानपत्तन प्राधिकरण से एनओसी मिलने के बाद ही बहुमंजिला इमारतें बनाने की अनुमति प्राप्त होगी.
शहरी क्षेत्रों के लिए परेशानी का सबब बना नया आदेश
इस नए फरमान के आने के बाद उन तमाम शहरी लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरा गई हैं, जिन्हें बहुमंजिला इमारत का निर्माण कराना है. स्थानीय निवासी शिवम यादव ने बताया कि उन्हें अपने भवन का निर्माण कराना है, लेकिन अब इस नए आदेश के आने के बाद भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से एनओसी लेना भी बहुत मुश्किल काम है. स्थानीय व्यापारी राकेश गुप्ता की माने तो पहले ही भवन निर्माण के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराना मुश्किल काम था. अब एक नए आदेश से परेशानी और बढ़ जाएगी.
लोगों को हो सकती है परेशानी
बता दें कि लखनऊ, गोरखपुर और वाराणसी जैसे शहरों में एयरपोर्ट शहरी आबादी से काफी दूर है. इसलिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के नियमों से लोग प्रभावित नहीं होते थे, लेकिन अयोध्या में एयरपोर्ट बिल्कुल शहरी आबादी से सटे इलाके में बना हुआ है. ऐसे में इस नियम के चलते अब अयोध्या शहर में बहुमंजिला इमारतों को बनाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.