अयोध्या: इस साल 6 दिसंबर की सुबह पिछले हर साल से अलग दिख रही है. हर साल जहां 6 दिसंबर के दिन तनाव का माहौल होता था वहीं इस बार 6 दिसंबर को न केवल श्रद्धालु तन्मयता के साथ सरयू नदी में स्नान कर मंदिरों में दर्शन कर रहे हैं, बल्कि नागेश्वर नाथ मंदिर में अभिषेक भी कर रहे हैं. जहां एक ओर अयोध्या में पूरी तरह शांति का वातावरण बना हुआ है, वहीं साधु-संत अपनी दिनचर्या के तहत मंदिरों में घंटी बजा रहे हैं. वहीं रोज की तरह दुकानें भी खुली हुई हैं.
शहर के नया घाट बंधा तिराहा, राम की पैड़ी, हनुमानगढ़ी चौराहा, टेढ़ी बाजार चौराहा, ऋण मोचन घाट, अशर्फी भवन और राजघाट आदि इलाके पूरी तरह शांत हैं. सभी प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. अस्थाई कैमरे लगाकर और सोशल मीडिया पर साइबर सेल के द्वारा निगरानी कर समाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
डीआईजी दीपक कुमार ने बताया कि सुरक्षा के हर शख्त उपाय किए गए हैं. पुलिस अधीक्षक विजय पाल सिंह ने नया घाट, टेढ़ी बाजार आदि स्थानों पर भ्रमण कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की. साथ ही वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों को निरंतर सक्रिय रहने का निर्देश दिया.
जहां एक ओर अयोध्या में पूरी तरह शांति का वातावरण बना हुआ है. वहीं साधु-संत अपनी दिनचर्या के तहत मंदिरों में घंटी बजाकर पूजा-पाठ कर रहे हैं. रोज की तरह दिनचर्या की दुकान खुली हुई हैं और चौराहों पर, मंदिरों में श्रद्धालुओं का आवागमन जारी है. सुरक्षा की दृष्टि से केवल वाहनों को प्रवेश मिला है, जबकि आम नागरिकों से भी पूछताछ की जा रही है.
संकट मोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हनुमानगढ़ी के वरिष्ठ संत संजय दास ने बताया कि 6 दिसंबर को लेकर कहीं कोई भय-तनाव का वातावरण नहीं है. राम मंदिर पर न्यायालय का आदेश आने के बाद अयोध्या पूरी तरह शांत है. सब लोग उल्लास के बीच रामलला का दर्शन कर रहे हैं.
विश्व हिन्दू परिषद के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि इस बार हर प्रकार के आयोजन पर रोक है, फिर भी हम सब प्रसन्न हैं. अयोध्या को उसकी गरिमा लगातार प्राप्त होती जा रही है. उन्होंने कहा कि एक दिन भारत विश्व गुरु बनेगा और अयोध्या उसका केंद्र होगी.