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बुलेट ट्रेन रूट से जुड़ेगी अयोध्या, संतों ने जताई खुशी

नई दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर से अयोध्या को जोड़े जाने पर यहां के संतों-महंतों ने प्रसन्नता जताई है. संतों ने बताया कि आजादी के बाद से पहली बार सरकार अयोध्या के इस तरह विकास के बारे में न केवल सोच रही है, बल्कि भौतिक धरातल पर यह दिखने भी लगा है.

स्वामी राजकुमार दास
स्वामी राजकुमार दास
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Published : Dec 14, 2020, 2:23 PM IST

Updated : Dec 14, 2020, 2:56 PM IST

अयोध्या: नई दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर से अयोध्या को जोड़े जाने पर यहां के संतों-महंतों ने प्रसन्नता व्यक्त की है. संतों ने इसे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और प्रदेश के योगी आदित्यनाथ सरकार का अयोध्या के प्रति विशेष लगाव बताते हुए ऐतिहासिक विकास बताया. साथ ही संतों ने सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया.

अयोध्या को बुलेट ट्रेन रुट से जोड़े जाने पर संतों की प्रतिक्रिया
नित्य सरयू महाआरती के संरक्षक ने जतायी खुशी

श्रीराम वल्लभकुंज के प्रमुख व नित्य सरयू महाआरती के संरक्षक स्वामी राजकुमार दास ने कहा कि मोदी सरकार व योगी सरकार अयोध्या के इस तरह विकास के बारे में न केवल सोच रही है, बल्कि भौतिक धरातल पर यह विकास दिखाई भी पड़ने लगा है. स्वामी राजकुमार दास ने कहा कि अब वह दूर नहीं है जब कुछ घंटे में विदेशी श्रद्धालु दिल्ली के रास्ते अयोध्या पहुंचकर दर्शन-पूजन कर उसी दिन वापस हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि चौरासी कोस में अयोध्या को विकसित कर सरकार की कोशिश है कि श्रद्धालु राम से जुड़े हर ऐतिहासिक स्थलों को जानें.

'करोड़ों रामभक्तों को मिलेगा फायदा'

सिद्ध पीठ नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की सरकारों ने बुलेट ट्रेन की सुविधा से अयोध्या को जोड़कर करोड़ों राम भक्तों के अयोध्या दर्शन की अभिलाषा को पूरा करने के लिए बहुत बड़ा कदम उठाया है. इसके लिए राम भक्त इस सरकार के प्रति हमेशा आभारी रहेंगे.

हनुमानगढ़ी के पुजारी ने जताई खुशी

हनुमानगढ़ी के पुजारी व पार्षद रमेश दास ने भी रेल कॉरिडोर से अयोध्या को जोड़े जाने पर गहरी प्रसन्नता जताई. उन्होंने कहा कि अयोध्या पूरे विश्व की थाती है. यह मानवतावादी संस्कृति की प्रतीक, प्रबल लोकतंत्र की हितैषी, आदर्श पारिवारिक रिश्तों को रेखांकित करने वाली विश्व की सर्वोच्च संस्कृति है. इससे पूरे विश्व का समागम होगा और विश्व के लोग इसे आत्मसात कर इस घोर कलयुग में भगवान राम और अयोध्या की संस्कृति से लाभान्वित हो सकेंगे.

'केंद्र और राज्य की सरकार अयोध्या के लिए चिंतित'

आंजनेय सेवा समिति के अध्यक्ष महंत शशिकांत दास ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की सरकारें अयोध्या के विकास के लिए हर पल चिंतित हैं. वृहद स्तर पर कार्य योजनाएं बनाकर उन्हें लागू कराया जा रहा है. रेल कॉरिडोर सरकार की सोच का साकार रूप है. पत्थर मंदिर के महंत मनीष दास ने कहा कि हाई स्पीड रेल कॉरिडोर से अयोध्या को जोड़ना अयोध्या की बहुत बड़ी उपलब्धि है. इससे न केवल अयोध्या बल्कि देश-विदेश के करोड़ों लोगों को लाभ होगा.


पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत ने जाहिर की प्रसन्नता

इसके अलावा पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत कमला दास रामायणी, प्रसिद्ध कर्मकांडी सुग्रीव तिवारी, सियाराम किला के महन्त करुणानिधान शरण, लक्ष्मण किला के महंत मैथिली रमण शरण, महंत अंजनी शरण, पूर्व सभासद रामभद्र शरण, संत जनक दुलारी शरण, पार्षद आलोक मिश्रा आदि ने भी अयोध्या को रेल कॉरिडोर से जोड़े जाने पर प्रसन्नता जताई है.


कुछ ही घंटों में पहुंचाएगी बुलेट ट्रेन

बता दें कि हाई स्पीड रेल कॉरिडोर से जोड़े जाने पर बुलेट ट्रेन के जरिए अयोध्या कुछ ही घंटे में पहुंचा जा सकेगा. इससे राम भक्तों को सहूलियत मिलने के साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. बुलेट ट्रेन की गति लगभग 300 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगी. बुलेट ट्रेन के लिए लिडार तकनीक के सहारे हेलीकॉप्टर व अन्य उपकरणों के जरिए सर्वे का काम किया जा रहा है, जो कुछ ही सप्ताह में पूरा हो जाएगा.

अयोध्या: नई दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर से अयोध्या को जोड़े जाने पर यहां के संतों-महंतों ने प्रसन्नता व्यक्त की है. संतों ने इसे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और प्रदेश के योगी आदित्यनाथ सरकार का अयोध्या के प्रति विशेष लगाव बताते हुए ऐतिहासिक विकास बताया. साथ ही संतों ने सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया.

अयोध्या को बुलेट ट्रेन रुट से जोड़े जाने पर संतों की प्रतिक्रिया
नित्य सरयू महाआरती के संरक्षक ने जतायी खुशी

श्रीराम वल्लभकुंज के प्रमुख व नित्य सरयू महाआरती के संरक्षक स्वामी राजकुमार दास ने कहा कि मोदी सरकार व योगी सरकार अयोध्या के इस तरह विकास के बारे में न केवल सोच रही है, बल्कि भौतिक धरातल पर यह विकास दिखाई भी पड़ने लगा है. स्वामी राजकुमार दास ने कहा कि अब वह दूर नहीं है जब कुछ घंटे में विदेशी श्रद्धालु दिल्ली के रास्ते अयोध्या पहुंचकर दर्शन-पूजन कर उसी दिन वापस हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि चौरासी कोस में अयोध्या को विकसित कर सरकार की कोशिश है कि श्रद्धालु राम से जुड़े हर ऐतिहासिक स्थलों को जानें.

'करोड़ों रामभक्तों को मिलेगा फायदा'

सिद्ध पीठ नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की सरकारों ने बुलेट ट्रेन की सुविधा से अयोध्या को जोड़कर करोड़ों राम भक्तों के अयोध्या दर्शन की अभिलाषा को पूरा करने के लिए बहुत बड़ा कदम उठाया है. इसके लिए राम भक्त इस सरकार के प्रति हमेशा आभारी रहेंगे.

हनुमानगढ़ी के पुजारी ने जताई खुशी

हनुमानगढ़ी के पुजारी व पार्षद रमेश दास ने भी रेल कॉरिडोर से अयोध्या को जोड़े जाने पर गहरी प्रसन्नता जताई. उन्होंने कहा कि अयोध्या पूरे विश्व की थाती है. यह मानवतावादी संस्कृति की प्रतीक, प्रबल लोकतंत्र की हितैषी, आदर्श पारिवारिक रिश्तों को रेखांकित करने वाली विश्व की सर्वोच्च संस्कृति है. इससे पूरे विश्व का समागम होगा और विश्व के लोग इसे आत्मसात कर इस घोर कलयुग में भगवान राम और अयोध्या की संस्कृति से लाभान्वित हो सकेंगे.

'केंद्र और राज्य की सरकार अयोध्या के लिए चिंतित'

आंजनेय सेवा समिति के अध्यक्ष महंत शशिकांत दास ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की सरकारें अयोध्या के विकास के लिए हर पल चिंतित हैं. वृहद स्तर पर कार्य योजनाएं बनाकर उन्हें लागू कराया जा रहा है. रेल कॉरिडोर सरकार की सोच का साकार रूप है. पत्थर मंदिर के महंत मनीष दास ने कहा कि हाई स्पीड रेल कॉरिडोर से अयोध्या को जोड़ना अयोध्या की बहुत बड़ी उपलब्धि है. इससे न केवल अयोध्या बल्कि देश-विदेश के करोड़ों लोगों को लाभ होगा.


पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत ने जाहिर की प्रसन्नता

इसके अलावा पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत कमला दास रामायणी, प्रसिद्ध कर्मकांडी सुग्रीव तिवारी, सियाराम किला के महन्त करुणानिधान शरण, लक्ष्मण किला के महंत मैथिली रमण शरण, महंत अंजनी शरण, पूर्व सभासद रामभद्र शरण, संत जनक दुलारी शरण, पार्षद आलोक मिश्रा आदि ने भी अयोध्या को रेल कॉरिडोर से जोड़े जाने पर प्रसन्नता जताई है.


कुछ ही घंटों में पहुंचाएगी बुलेट ट्रेन

बता दें कि हाई स्पीड रेल कॉरिडोर से जोड़े जाने पर बुलेट ट्रेन के जरिए अयोध्या कुछ ही घंटे में पहुंचा जा सकेगा. इससे राम भक्तों को सहूलियत मिलने के साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. बुलेट ट्रेन की गति लगभग 300 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगी. बुलेट ट्रेन के लिए लिडार तकनीक के सहारे हेलीकॉप्टर व अन्य उपकरणों के जरिए सर्वे का काम किया जा रहा है, जो कुछ ही सप्ताह में पूरा हो जाएगा.

Last Updated : Dec 14, 2020, 2:56 PM IST
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