अयोध्या: अयोध्या में आपको कई सारी विशेषताएं देखने को मिल जाएंगी, जो इस शहर को खास बनाती हैं. अगर आपको सामाजिक सौहार्द की मिसाल देखना है तो अयोध्या जरूर आना चाहिए. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि जिस अयोध्या विवाद को सांप्रदायिकता का परिणाम बताया जाता है, उसी अयोध्या में आपको हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल देखने को मिलेगी. शहर का वार्ड नंबर 18, जहां श्रीराम जन्मभूमि स्थल है. यहां के पार्षद हैं हाजी असद.
हाजी असद मुस्लिम समुदाय से हैं, लेकिन अयोध्या के लिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है. हाजी असद कहते हैं कि बिना सभी के सहयोग के उनका वार्ड नं. 18 से विजयी होना संभव नहीं है. वह ऐसा इसलिए कहते हैं क्योंकि वार्ड में महज 395 वोटर मुस्लिम समुदाय से हैं, बाकी 1800 मत हिंदुओं के हैं.
हर बार उनके अलावा कोई न कोई एक अन्य उम्मीदवार उनके ही समुदाय से खड़ा हो जाता है, जिससे उनका वोट बंट जाता है. असद कहते हैं कि श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र के निवासियों में सौहार्द कोई नई बात नहीं है. आपस में मिलजुल कर रहना यहां के लोगों की संस्कृति में शामिल है. हाजी असद 25 साल से वार्ड संख्या 18 के पार्षद हैं.
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हाजी असद का कहना है कि हर बार यहां स्थानीय चुनाव में भाजपा और कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार लड़ाए जाते हैं, लेकिन किसी की जीत नहीं होती. उनका कहना है कि उन्हें मुस्लिम समाज के साथ हिंदू समाज से भी भरपूर समर्थन मिलता है. इसी का नतीजा है कि वह पिछले 5 बार से लगातार चुनाव जीत रहे हैं.
सामाजिक सौहार्द के बारे में हाजी असद कहते हैं कि अयोध्या हमेशा से शांतिप्रिय शहर रहा है. यहां लोग मिलजुल कर रहते हैं. कुछ लोग हैं, जो सांप्रदायिकता की बात करके अपनी राजनीतिक रोटियां सेकते हैं. इस मामले को अयोध्या से बाहर मुद्दा बनाया जाता है. इसके बाद इसका राजनीतिकरण करके लाभ लिया जाता है.