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परिक्रमा मेला और दीपोत्सव कार्यक्रम में सिर्फ अयोध्यावासियों को ही मिलेगी अनुमति - parikrama mela in ayodhya

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में 11 नवंबर से लेकर 30 नवंबर के बीच होने वाले दीपोत्सव कार्यक्रम 14 कोसी परिक्रमा मेला, पंचकोसी परिक्रमा मेला और कार्तिक पूर्णिमा स्नान मेला के मद्देनजर सुरक्षा से जुड़ी पाबंदियां बढ़ जाएंगी. जिला प्रशासन ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मेला आयोजन की अनुमति तो दे दी है, लेकिन इस आयोजन में सिर्फ अयोध्या के लोगों को शामिल होने दिया जाएगा.

दीपोत्सव कार्यक्रम
दीपोत्सव कार्यक्रम
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Published : Nov 7, 2020, 2:23 PM IST

अयोध्या: राम नगरी अयोध्या में नवंबर माह में होने वाले विभिन्न धार्मिक आयोजनों में सिर्फ अयोध्या के साधु-संतों और नागरिकों को शामिल होने की अनुमति मिलेगी. अयोध्या में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को शामिल होने की अनुमति नहीं होगी. शुक्रवार को जिला प्रशासन ने बैठक कर 11 नवंबर से 13 नवंबर के बीच होने वाले दीपोत्सव कार्यक्रम को लेकर महत्वपूर्ण गाइडलाइन तैयार की है. इसके अतिरिक्त 25 नवंबर से 30 नवंबर के बीच होने वाले 14 कोसी परिक्रमा, पंचकोसी परिक्रमा और कार्तिक पूर्णिमा स्नान को लेकर भी एक लंबी गाइडलाइन तैयार की गई है. इसके अनुसार अयोध्या में सिर्फ उन्हीं लोगों को दर्शन पूजन और परिक्रमा की अनुमति होगी जो स्थानीय हैं. बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा.

जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बैठक में मौजूद अधिकारियों को बताया कि श्री राम मंदिर भूमि पूजन के बाद यहां श्रद्धालुओं के ज्यादा आगमन की सम्भावना है. लेकिन कोविड प्रोटोकाल के कारण पूर्व प्रक्रिया को नियंत्रित किया जाना है. इसके लिए हमे सीमावर्ती जनपदों गोण्डा, बस्ती, अम्बेडकरनगर, सुलतानपुर, अमेठी, बाराबंकी आदि के बैरियर व्यवस्था को मजबूत करना होगा. इससे बाहरी लोगों की भागीदारी न हो सके. इस दीपोत्सव एवं कार्तिक मेले को अयोध्यावासियों के लिए स्थानीय मेला के रूप में मनाना होगा. बाहरी लोग किसी भी प्रकार से न आ पायें, इसके लिए हमें मजिस्ट्रेट, क्षेत्राधिकारी की संयुक्त बैठकें, शान्ति समिति की ग्राम प्रधानों और थानाध्यक्षों आदि के साथ बैठकें आयोजित करनी होंगी. इसके लिए इन क्षेत्रों में प्रभावी ढ़ंग से कार्य करना है. इसके लिए एक अंतर्जनपदीय व्हाटसअप ग्रुप बनाया गया है, जिसका नं0 9454402642 है. इसके माध्यम से सूचना दी जाएगी और प्रचार-प्रसार किया जायेगा.

आतंकियों की हिट लिस्ट में है अयोध्या

बैठक में मौजूद डीआईजी/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार ने बताया कि मंदिर के भूमि पूजन के बाद पहले से भी यह क्षेत्र आतंकी संगठनों की निगाह में है. इसलिए अयोध्या के साथ-साथ सीमावर्ती जनपदों के अधिकारियों की भी सामूहिक जिम्मेदारी है. सुरक्षा को लेकर एसएसपी बस्ती और गोण्डा के साथ बात हुई है. अन्य अधिकारियों से भी बात की जाएगी. उन्होंने कहा कि हमें ट्रैफिक प्लान लागू करना होगा, जिससे कि दीपोत्सव कार्तिक मेला, 14 कोसी, पंचकोसी परिक्रमा आदि बेहतर ढंग से सम्पन्न हो सकें. इसके लिए हमे रूट डायवर्जन योजना, होटल-ढाबे की चेकिंग, आश्रमों की भी चेकिंग करनी होगी. 11 नवम्बर 2020 को सुबह 6 बजे वाहनों की चेकिंग हाइवे को छोड़कर कराई जाएगी. साथ ही कोई भी बाहरी वाहन बिना वैध कारणों से शहर में आने नहीं दिया जायेगा. इसकी पूर्व चेकिंग सीमावर्ती जनपदों में भी की जाएगी.

मण्डलायुक्त एमपी अग्रवाल ने कहा कि आप लोगों को बहुत ही कम समय में बुलाया गया. आप लोग अनुभवी अधिकारी हैं. हमारा एवं शासन का मुख्य लक्ष्य है कि कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए दीपोत्सव, कार्तिक मेला, 14 कोसी, पंचकोसी, कार्तिक पूर्णिमा स्नान को इन स्थानों में बाहरी लोगों की भागीदारी न हो. क्योकि कोविड के प्रसार की पूरी सम्भावना एवं सुरक्षा की भी व्यवस्था होनी है. इसके लिए स्थानीय स्तर पर मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधिकारी, थानाध्यक्ष एवं सिविल अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि, शान्ति समिति आदि की बैठकें आयोजित करें. इस वर्ष उक्त कार्यक्रमों में न आने की अपील करें.

अयोध्या: राम नगरी अयोध्या में नवंबर माह में होने वाले विभिन्न धार्मिक आयोजनों में सिर्फ अयोध्या के साधु-संतों और नागरिकों को शामिल होने की अनुमति मिलेगी. अयोध्या में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को शामिल होने की अनुमति नहीं होगी. शुक्रवार को जिला प्रशासन ने बैठक कर 11 नवंबर से 13 नवंबर के बीच होने वाले दीपोत्सव कार्यक्रम को लेकर महत्वपूर्ण गाइडलाइन तैयार की है. इसके अतिरिक्त 25 नवंबर से 30 नवंबर के बीच होने वाले 14 कोसी परिक्रमा, पंचकोसी परिक्रमा और कार्तिक पूर्णिमा स्नान को लेकर भी एक लंबी गाइडलाइन तैयार की गई है. इसके अनुसार अयोध्या में सिर्फ उन्हीं लोगों को दर्शन पूजन और परिक्रमा की अनुमति होगी जो स्थानीय हैं. बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा.

जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बैठक में मौजूद अधिकारियों को बताया कि श्री राम मंदिर भूमि पूजन के बाद यहां श्रद्धालुओं के ज्यादा आगमन की सम्भावना है. लेकिन कोविड प्रोटोकाल के कारण पूर्व प्रक्रिया को नियंत्रित किया जाना है. इसके लिए हमे सीमावर्ती जनपदों गोण्डा, बस्ती, अम्बेडकरनगर, सुलतानपुर, अमेठी, बाराबंकी आदि के बैरियर व्यवस्था को मजबूत करना होगा. इससे बाहरी लोगों की भागीदारी न हो सके. इस दीपोत्सव एवं कार्तिक मेले को अयोध्यावासियों के लिए स्थानीय मेला के रूप में मनाना होगा. बाहरी लोग किसी भी प्रकार से न आ पायें, इसके लिए हमें मजिस्ट्रेट, क्षेत्राधिकारी की संयुक्त बैठकें, शान्ति समिति की ग्राम प्रधानों और थानाध्यक्षों आदि के साथ बैठकें आयोजित करनी होंगी. इसके लिए इन क्षेत्रों में प्रभावी ढ़ंग से कार्य करना है. इसके लिए एक अंतर्जनपदीय व्हाटसअप ग्रुप बनाया गया है, जिसका नं0 9454402642 है. इसके माध्यम से सूचना दी जाएगी और प्रचार-प्रसार किया जायेगा.

आतंकियों की हिट लिस्ट में है अयोध्या

बैठक में मौजूद डीआईजी/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार ने बताया कि मंदिर के भूमि पूजन के बाद पहले से भी यह क्षेत्र आतंकी संगठनों की निगाह में है. इसलिए अयोध्या के साथ-साथ सीमावर्ती जनपदों के अधिकारियों की भी सामूहिक जिम्मेदारी है. सुरक्षा को लेकर एसएसपी बस्ती और गोण्डा के साथ बात हुई है. अन्य अधिकारियों से भी बात की जाएगी. उन्होंने कहा कि हमें ट्रैफिक प्लान लागू करना होगा, जिससे कि दीपोत्सव कार्तिक मेला, 14 कोसी, पंचकोसी परिक्रमा आदि बेहतर ढंग से सम्पन्न हो सकें. इसके लिए हमे रूट डायवर्जन योजना, होटल-ढाबे की चेकिंग, आश्रमों की भी चेकिंग करनी होगी. 11 नवम्बर 2020 को सुबह 6 बजे वाहनों की चेकिंग हाइवे को छोड़कर कराई जाएगी. साथ ही कोई भी बाहरी वाहन बिना वैध कारणों से शहर में आने नहीं दिया जायेगा. इसकी पूर्व चेकिंग सीमावर्ती जनपदों में भी की जाएगी.

मण्डलायुक्त एमपी अग्रवाल ने कहा कि आप लोगों को बहुत ही कम समय में बुलाया गया. आप लोग अनुभवी अधिकारी हैं. हमारा एवं शासन का मुख्य लक्ष्य है कि कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए दीपोत्सव, कार्तिक मेला, 14 कोसी, पंचकोसी, कार्तिक पूर्णिमा स्नान को इन स्थानों में बाहरी लोगों की भागीदारी न हो. क्योकि कोविड के प्रसार की पूरी सम्भावना एवं सुरक्षा की भी व्यवस्था होनी है. इसके लिए स्थानीय स्तर पर मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधिकारी, थानाध्यक्ष एवं सिविल अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि, शान्ति समिति आदि की बैठकें आयोजित करें. इस वर्ष उक्त कार्यक्रमों में न आने की अपील करें.

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