अयोध्या: प्रदेश की योगी सरकार अपने विकासवादी मंशा को धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन के साथ जोड़कर बेहतर बनाने की योजना पर काम कर रही है. अयोध्या में दीपोत्सव को लेकर बड़ी योजनाओं के साथ तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन अधिकारी सरकार की साफ मंशा और योगी की साख पर बट्टा लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
अधर में लटकी योजनाएं
अयोध्या में 100 करोड़ से ज्यादा की योजनायें 1 साल में पूरी की जानी थी. बावजूद इसके योजनाएं अधर में लटकी हुई हैं. योजनाओं में अभी काम ही चल रहा है. 1 साल का समय, 4 बड़े विभाग और 100 करोड़ से ज्यादा रुपये, फिर भी काम अब तक पूरा नहीं हुआ. जबकि इसके लिए प्रमुख सचिव सिंचाई ने जून तक का और प्रमुख सचिव पर्यटन ने 30 सितंबर तक का समय दिया था.
नहीं पूरा हुआ राम की पैड़ी के मंदिर को चमकाने का काम
आलम यह है कि जिस दीपोत्सव में आने के लिए सीएम योगी पूरी दुनिया में आमंत्रण दे रहे हैं. उसका काम अभी तक प्रगति पर ही चल रहा है. ऐसा तब हो रहा है जब तीन बार खुद प्रमुख सचिव सिंचाई, प्रमुख सचिव पर्यटन और खुद सरकार के कई विभागीय मंत्री पूरे साल निरीक्षण करते रहे हैं. जिस राम की पैड़ी पर सिंचाई विभाग के काम को 8 महीने में पूरा होना था, उसमें कुछ दिन ही बचे हैं और काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है. जिस पर्यटन विभाग और सांस्कृतिक विभाग की जिम्मेदारी राम की पैड़ी के मंदिर को चमकाने की थी, वह अभी तक शुरु भी नहीं हुई है.
राज्य हाईवे की जिम्मेदारी थी कि सड़कों की मरम्मत और डेवलेपमेंट को देखकर उसे दूर करें, वो सड़कें भी इस वक्त बनाई जा रही हैं. वहीं अयोध्या गोंडा हाईवे जो कि नया घाट से होकर जाता है, उसे भी पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया गया है. क्योंकि समय कम और काम ज्यादा है.
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25 अक्टूबर से शुरू होगी दीप लगाने की प्रक्रिया
अयोध्या में और बड़े स्तर पर विभिन्न योजनाओं की शुरुआत करने के साथ ही इसमें प्रोजेक्ट और पैसा दोनों दिया गया, लेकिन 1 साल बीतने के बाद भी कहीं भी अधिकारियों में गंभीरता नजर नहीं आ रही है. इससे काम की क्वालिटी, टाइम और रुपये भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते नजर आ रहे हैं. 22 अक्टूबर से 5 लाख दीप लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. 24 अक्टूबर से ही सभी विदेशी मेहमान आने लगेंगे. 25 अक्टूबर से सारे लोकप्रिय लोक नृत्यों का गायन-वादन और अन्य झांकियों को प्रदर्शनी में लगा दिया जाएगा. 26 अक्टूबर को दीपोत्सव शुरू होगा. इसका सरकार के साथ सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
सरकार की मंशा अयोध्या का चहुमुखी विकास और पर्यटन से उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी को ट्रिलियन में लाना. सरकार की इस साफ विकासवादी सोच को अधिकारी बट्टा लगाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे.