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अयोध्या: एक साल तक सीएम योगी को गुमराह कर कागजों पर विकास दिखाते रहे अधिकारी, अब भी काम जारी - cm yogi adityanath

सीएम योगी ने अयोध्या को कई योजनाओं का तोहफा दिया था. अयोध्या में 100 करोड़ से ज्यादा की योजनाओं को एक साल में पूरा करना था. अधिकारियों की लापरवाही के चलते अब तक उन योजनाओं में काम चल रहा है.

सीएम योगी.
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Published : Oct 17, 2019, 12:00 PM IST

अयोध्या: प्रदेश की योगी सरकार अपने विकासवादी मंशा को धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन के साथ जोड़कर बेहतर बनाने की योजना पर काम कर रही है. अयोध्या में दीपोत्सव को लेकर बड़ी योजनाओं के साथ तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन अधिकारी सरकार की साफ मंशा और योगी की साख पर बट्टा लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

एक साल बाद भी अधर में लटकी योजनाएं.


अधर में लटकी योजनाएं
अयोध्या में 100 करोड़ से ज्यादा की योजनायें 1 साल में पूरी की जानी थी. बावजूद इसके योजनाएं अधर में लटकी हुई हैं. योजनाओं में अभी काम ही चल रहा है. 1 साल का समय, 4 बड़े विभाग और 100 करोड़ से ज्यादा रुपये, फिर भी काम अब तक पूरा नहीं हुआ. जबकि इसके लिए प्रमुख सचिव सिंचाई ने जून तक का और प्रमुख सचिव पर्यटन ने 30 सितंबर तक का समय दिया था.


नहीं पूरा हुआ राम की पैड़ी के मंदिर को चमकाने का काम
आलम यह है कि जिस दीपोत्सव में आने के लिए सीएम योगी पूरी दुनिया में आमंत्रण दे रहे हैं. उसका काम अभी तक प्रगति पर ही चल रहा है. ऐसा तब हो रहा है जब तीन बार खुद प्रमुख सचिव सिंचाई, प्रमुख सचिव पर्यटन और खुद सरकार के कई विभागीय मंत्री पूरे साल निरीक्षण करते रहे हैं. जिस राम की पैड़ी पर सिंचाई विभाग के काम को 8 महीने में पूरा होना था, उसमें कुछ दिन ही बचे हैं और काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है. जिस पर्यटन विभाग और सांस्कृतिक विभाग की जिम्मेदारी राम की पैड़ी के मंदिर को चमकाने की थी, वह अभी तक शुरु भी नहीं हुई है.

राज्य हाईवे की जिम्मेदारी थी कि सड़कों की मरम्मत और डेवलेपमेंट को देखकर उसे दूर करें, वो सड़कें भी इस वक्त बनाई जा रही हैं. वहीं अयोध्या गोंडा हाईवे जो कि नया घाट से होकर जाता है, उसे भी पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया गया है. क्योंकि समय कम और काम ज्यादा है.

इसे भी पढ़ें:- अयोध्या मामला: बोले महंत नृत्यगोपाल दास, 'जनता की आवाज को न्यायालय भी सुनेगा'

25 अक्टूबर से शुरू होगी दीप लगाने की प्रक्रिया
अयोध्या में और बड़े स्तर पर विभिन्न योजनाओं की शुरुआत करने के साथ ही इसमें प्रोजेक्ट और पैसा दोनों दिया गया, लेकिन 1 साल बीतने के बाद भी कहीं भी अधिकारियों में गंभीरता नजर नहीं आ रही है. इससे काम की क्वालिटी, टाइम और रुपये भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते नजर आ रहे हैं. 22 अक्टूबर से 5 लाख दीप लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. 24 अक्टूबर से ही सभी विदेशी मेहमान आने लगेंगे. 25 अक्टूबर से सारे लोकप्रिय लोक नृत्यों का गायन-वादन और अन्य झांकियों को प्रदर्शनी में लगा दिया जाएगा. 26 अक्टूबर को दीपोत्सव शुरू होगा. इसका सरकार के साथ सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.


सरकार की मंशा अयोध्या का चहुमुखी विकास और पर्यटन से उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी को ट्रिलियन में लाना. सरकार की इस साफ विकासवादी सोच को अधिकारी बट्टा लगाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे.

अयोध्या: प्रदेश की योगी सरकार अपने विकासवादी मंशा को धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन के साथ जोड़कर बेहतर बनाने की योजना पर काम कर रही है. अयोध्या में दीपोत्सव को लेकर बड़ी योजनाओं के साथ तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन अधिकारी सरकार की साफ मंशा और योगी की साख पर बट्टा लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

एक साल बाद भी अधर में लटकी योजनाएं.


अधर में लटकी योजनाएं
अयोध्या में 100 करोड़ से ज्यादा की योजनायें 1 साल में पूरी की जानी थी. बावजूद इसके योजनाएं अधर में लटकी हुई हैं. योजनाओं में अभी काम ही चल रहा है. 1 साल का समय, 4 बड़े विभाग और 100 करोड़ से ज्यादा रुपये, फिर भी काम अब तक पूरा नहीं हुआ. जबकि इसके लिए प्रमुख सचिव सिंचाई ने जून तक का और प्रमुख सचिव पर्यटन ने 30 सितंबर तक का समय दिया था.


नहीं पूरा हुआ राम की पैड़ी के मंदिर को चमकाने का काम
आलम यह है कि जिस दीपोत्सव में आने के लिए सीएम योगी पूरी दुनिया में आमंत्रण दे रहे हैं. उसका काम अभी तक प्रगति पर ही चल रहा है. ऐसा तब हो रहा है जब तीन बार खुद प्रमुख सचिव सिंचाई, प्रमुख सचिव पर्यटन और खुद सरकार के कई विभागीय मंत्री पूरे साल निरीक्षण करते रहे हैं. जिस राम की पैड़ी पर सिंचाई विभाग के काम को 8 महीने में पूरा होना था, उसमें कुछ दिन ही बचे हैं और काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है. जिस पर्यटन विभाग और सांस्कृतिक विभाग की जिम्मेदारी राम की पैड़ी के मंदिर को चमकाने की थी, वह अभी तक शुरु भी नहीं हुई है.

राज्य हाईवे की जिम्मेदारी थी कि सड़कों की मरम्मत और डेवलेपमेंट को देखकर उसे दूर करें, वो सड़कें भी इस वक्त बनाई जा रही हैं. वहीं अयोध्या गोंडा हाईवे जो कि नया घाट से होकर जाता है, उसे भी पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया गया है. क्योंकि समय कम और काम ज्यादा है.

इसे भी पढ़ें:- अयोध्या मामला: बोले महंत नृत्यगोपाल दास, 'जनता की आवाज को न्यायालय भी सुनेगा'

25 अक्टूबर से शुरू होगी दीप लगाने की प्रक्रिया
अयोध्या में और बड़े स्तर पर विभिन्न योजनाओं की शुरुआत करने के साथ ही इसमें प्रोजेक्ट और पैसा दोनों दिया गया, लेकिन 1 साल बीतने के बाद भी कहीं भी अधिकारियों में गंभीरता नजर नहीं आ रही है. इससे काम की क्वालिटी, टाइम और रुपये भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते नजर आ रहे हैं. 22 अक्टूबर से 5 लाख दीप लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. 24 अक्टूबर से ही सभी विदेशी मेहमान आने लगेंगे. 25 अक्टूबर से सारे लोकप्रिय लोक नृत्यों का गायन-वादन और अन्य झांकियों को प्रदर्शनी में लगा दिया जाएगा. 26 अक्टूबर को दीपोत्सव शुरू होगा. इसका सरकार के साथ सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.


सरकार की मंशा अयोध्या का चहुमुखी विकास और पर्यटन से उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी को ट्रिलियन में लाना. सरकार की इस साफ विकासवादी सोच को अधिकारी बट्टा लगाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे.

Intro:"Please give Voice Over with good music"

अयोध्या. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपने विकासवादी मंशा में धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन को जोड़कर बेहतर बनाने की योजना पर काम कर रही है। अयोध्या में दीपोत्सव को लेकर बड़ी योजनाओं के साथ तैयारियां जोरों पर है, लेकिन भ्रष्टाचारी तंत्र के अधिकारी सरकार की साफ मंशा और योगी की साख पर बट्टा लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
अयोध्या में जिस तरह से 100 करोड़ से ज्यादा की योजनाओं को 1 साल के समय में पूरी की जानी थी उसमें अब तक सिर्फ खुदाई ही चल रही है। 1 साल का समय 4 बड़े विभाग 100 करोड़ से ज्यादा रुपए फिर भी काम अब तक पूरा नहीं हुआ। जबकि प्रमुख सचिव पर्यटन 30 सितंबर, प्रमुख सचिव सिंचाई ने जून तक का समय दिया था।

आलम यह है कि जिस दीपोत्सव में आने के लिए योगी जी पूरी दुनिया में आमंत्रण दे रहे हैं। उसका काम अभी तक प्रगति पर ही चल रहा है। और ऐसा तब हो रहा है जब तीन तीन बार खुद प्रमुख सचिव सिंचाई, प्रमुख सचिव पर्यटन और खुद सरकार के दर्जनों विभागीय मंत्री पूरे साल निरीक्षण करते रहे हैं। जिस राम की पैड़ी पर सिंचाई विभाग के काम को 8 महीने में पूरा होना था उसमें मात्र 10 दिन बचे हैं। जिस पर्यटन विभाग और सांस्कृतिक विभाग की जिम्मेदारी राम की पैड़ी के मंदिर को चमकाने की थी वह अभी तक शुरु भी नहीं हुई है।
राज्य हाई वे की जिम्मेदारी थी सड़कों की मरम्मत और डेवलोपमेन्ट को देखकर उसे दूर करे, वो सड़कें भी इस वक़्त बनाई जा रही। वहीं अयोध्या गोंडा हाई जो कि नया घाट से होकर जाता है, उसे भी पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया गया है। क्योंकि समय कम और काम ज्यादा।
अयोध्या में और बड़े स्तर पर विभिन्न योजनाओं की शुरुआत करने के साथ ही इसमें प्रोजेक्ट और पैसा दोनों दिया गया। लेकिन 1 साल बीतने के बाद भी कहीं भी अधिकारियों में गंभीरता नजर नहीं आ रही है। जिससे काम की क्वालिटी, टाइम और जनता का पैसा दोनों भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते नजर आ रहे हैं। आज 16 अक्टूबर खत्म हो कर 17 की सुबह होने को है। 22 अक्टूबर से 5लाख दीप लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, 24 अक्टूबर से ही सभी विदेशी मेहमान आने लगेंगे। 25अक्टूबर से सारे लोकप्रिय लोक नृत्यों का गायन वादन और अन्य झांकियों को प्रदर्शनी में लगा दिया जाएगा। और 26 अक्टूबर को देव दीपावली की शुरुआत यानी दीपोत्सव शुरू होगा। जिसका सरकार के साथ सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन ये सरकारी तंत्र अब तक काम पूरा नहीं कर सका।



Body:Voice Over
सरकार की मंशा साफ है, अयोध्या का चहुमुखी विकास और पर्यटन से उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी को ट्रिलियन में लाना। लेकिन सरकार की इस साफ विकासवादी सोच को बट्टा लगाने में कोई भी कसर इसके कमीशन खोर अधिकारी नहीं छोड़ना चाहते। क्योंकि इनकी आदत अभी भी पूर्व की भ्रष्टाचारी सपा बसपा जैसी ही बनी हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस साफ विचार और विकासवादी सोच को लेकर अयोध्या में दीपोत्सव कराते हैं।
पूरे साल उन्हीं के अधिकारी योजनाओं को फाइलों में घुमाते रहते हैं। और जब समय कम बचता है तब काम में तेजी दिखाई जाती है । जिससे सरकार से मनचाहा पेमेंट हासिल कर सके।
अब सवाल यह है कि पिछले दीपोत्सव के दौरान ही अयोध्या में पर्यटन को विशेष महत्व दिया था, तो 1 साल तक सरकारी अधिकारी क्या कर रहे थे। काम पूरा करने का टाइम लिमिट खत्म हुए 2 महीने से ज्यादा हो चुका है। लेकिन अभी भी कंस्ट्रक्शन जोरों पर है। खुद मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव सिंचाई, प्रमुख सचिव गृह, 1दिन पहले से लेकर, पिछले साल 3बार आ चुके लेकिन भ्रष्ट तंत्र हवा हवाई दिखाकर बस Yes बॉस करवाता रहा, लेकिन काम शून्य।
100 करोड़ से ज्यादा की योजनाओं को 1 साल के समय में पूरी की जानी थी उसमें अब तक सिर्फ खुदाई ही चल रही है। 1 साल का समय 4 बड़े विभाग 100 करोड़ से ज्यादा रुपए फिर भी काम अब तक पूरा नहीं हुआ।
अब इतने कम समय में क्वालिटी और काम एक साथ कैसे होंगे ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन एक बार फिर से जनता की गाढ़ी कमाई पानी के जैसे बहाई जा रही है, जिसका कोई अंत दिखाई नहीं देता। फिलहाल हम इंतजार में हैं दीपोत्सव भव्य और विश्व स्तरीय हो जिसे एक बार फिर से उत्तर प्रदेश का नाम पूरी दुनिया में जाना जाए।


Conclusion:दिनेश मिश्रा।
8808540402
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