अयोध्या: प्रॉपर्टी डीलरों के मानक का पालन किये बिना ही जमीन बेचने के मामले में प्राधिकरण ने सूची जारी की थी. उस लिस्ट को लेकर अधिकारी नये-नये दावे कर रहे हैं. इस मामले में जिले के कई माननीयों का नाम सामने आने के बाद अयोध्या विकास प्राधिकरण (ayodhya development authority) के अधिकारी बैकफुट पर नजर आ रहे हैं.
प्राधिकरण के अधिकारी जारी लिस्ट की प्रासंगिकता पर ही सवाल उठा रहे हैं. वहीं, इस लिस्ट के सामने आने के बाद जहां विपक्ष ने सत्ताधारी दल पर जुबानी हमले तेज कर दिये हैं. अयोध्या की प्रसिद्ध सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी के प्रमुख पुजारी राजू दास का बयान सामने आया है. उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है, कि प्राधिकरण की जारी लिस्ट में असली भू-माफियाओं का नाम नहीं है. उन्होंने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है.
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पुजारी राजू दास ने रविवार की देर शाम अपना एक वीडियो बयान जारी किया. उन्होंने कहा है कि जो लिस्ट जारी हुई है, उसमें उन भू-माफियाओं का नाम शामिल नहीं है, जो वास्तविकता में बड़े पैमाने पर जमीनों को अवैध रूप से खरीदने और बेचने का काम कर रहे हैं. ऐसे लोगों में कई कथित संत और ब्यूरोक्रेट भी शामिल हैं. कुछ कथित समाजसेवी भी हैं, जो समाज सेवा के नाम पर अपना उल्लू सीधा करने और जमीनों के कारोबार में लगे हुए हैं. ऐसे लोगों का लिस्ट में नाम ना शामिल होना बड़ी लापरवाही है. वहीं, प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि अगर वह जिम्मेदारी से काम करते तो इस तरह के काम नहीं होते. महंत राजू दास ने मांग की है कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए. इससे असली भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके और अयोध्या का विकास सुचारू रूप से हो सके.
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