अयोध्याः श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) द्वारा अयोध्या में राम मंदिर विस्तार की योजना के लिए खरीदी गई जमीनों पर उठा विवाद बड़ा रूप ले सकता है. अब इस मामले में निर्वाणी अनी अखाड़े के श्री महंत धर्मदास ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जाने की ठान ली है. महंत धर्मदास ने मंगलवार को अयोध्या के हनुमानगढ़ी परिसर में चल रहे 11 दिवसीय विशेष अनुष्ठान की पूर्णाहुति करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की योजना बना ली है. महंत धर्मदास ने बताया कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों के खिलाफ जांच की मांग करने से पूर्व अनुष्ठान के जरिए हनुमान जी से अनुमति ले ली है. अब ऐसे लोगों के खिलाफ हम विधिक कार्यवाही करेंगे, जो राम भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ करते हुए राम मंदिर निर्माण के लिए आए चंदे में भ्रष्टाचार कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे महंत धर्मदास. अयोध्या के हनुमानगढ़ी परिसर में चल रहे 11 दिवसीय विशेष अनुष्ठान की पूर्णाहुति के बाद मीडिया से बात करते हुए निर्वाणी अनी अखाड़े के श्री महंत धर्मदास ने कहा कि ट्रस्ट के सदस्य जिस तरह से जमीन और मंदिर खरीद रहे हैं, उनकी योजना शक के दायरे में है. उन्होंने कहा कि जमीन खरीद में अगर कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई है तो आखिरकार जांच क्यों नहीं कराई जा रही है. महंत धर्मदास ने कहा कि प्रधानमंत्री जमीन से लेकर मंदिरों को खरीदे जाने के पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराएं, जिससे राम भक्तों के साथ न्याय हो. उन्होंने कहा कि राम के नाम पर जो लोग चंदा खा रहे हैं और आर्थिक भ्रष्टाचार कर रहे हैं उन्हें देश और समाज कतई माफ नहीं करेगा. इस मुद्दे को लेकर हम हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक की लड़ाई लड़ेंगे और इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है. हनुमान जी से विधिक आज्ञा ली जा चुकी है. अब अयोध्या के संतों का प्रतिनिधि मंडल इस मामले पर कानूनी कार्रवाई करने जा रहा है. श्री महंत धर्मदास ने कहा कि जिन लोगों ने जमीन और मंदिर खरीदने के नाम पर आर्थिक भ्रष्टाचार किया है, उनकी जांच की जाए. अगर वह दोषी हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. महंत धर्मदास ने कहा कि वह तीनों निर्वाणी अनी अखाड़े के श्री महंतों के साथ जल्द ही मीटिंग करेंगे और पुरातन समाज एकजुट होकर इस प्रकरण पर मुखर आवाज उठाएगा.धार्मिक अनुष्ठान में शामिल महंत दिलीप दास ने कहा कि हमारा उद्देश्य सिर्फ इतना है कि जिन लोगों ने भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए आए हुए आर्थिक सहयोग का दुरुपयोग किया है उनके खिलाफ कार्रवाई हो. दुनियाभर के हिंदू समाज की आस्था के साथ कोई खिलवाड़ नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम पहले बाबर से लड़ते आए हैं और अब जय चंदो से लड़ रहे हैं. इनसे समाज को आगाह करने के लिए जो संभव होगा वह प्रयास किया जाएगा. हम पहले सुप्रीम कोर्ट जाएंगे, अगर हमें न्याय नहीं मिलेगा तो हम जनता की कोर्ट में जाकर भी इस मुद्दे को उठाएंगे. हमारी मांग है कि पूरे प्रकरण के निष्पक्ष जांच हो और अगर कोई दोषी है तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो. राम भक्तों की आस्था के साथ खेलने का अधिकार किसी को नहीं है. गुरु पूर्णिमा के पर्व से पूर्व भी हम न्यायालय में अपनी याचिका दाखिल कर सकते हैं.
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बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण योजना में विस्तार करने को लेकर राम जन्मभूमि परिसर से सटे कई मंदिरों को ट्रस्ट ने खरीदा है. इसके अलावा जिन लोगों के मकान अधिग्रहण में प्रभावित होंगे उन्हें पुनः स्थापित करने के लिए ट्रस्ट अयोध्या में कई स्थानों पर जमीन खरीद चुका है. इन्हीं जमीनों को खरीदने में विवाद खड़ा हुआ था और सस्ती कीमत पर खरीदी गई जमीनों को महंगी कीमत पर खरीदने को लेकर ट्रस्ट के सदस्यों पर विपक्ष ने गंभीर आरोप लगाए थे. जिसके बाद यह पूरा प्रकरण बेहद चर्चा का केंद्र रहा. 4 दिन पूर्व चित्रकूट में हुई संघ के प्रांत प्रचारकों की बैठक में भी यह मुद्दा गूंजा था. चर्चा इस बात की भी है कि मंदिर निर्माण की तमाम योजनाओं पर संघ अपनी सीधी नजर रखेगा.