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अयोध्या: तीसरे दिन भी जारी रहा मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन - अयोध्या में दुर्गा पूजा

अयोध्या में सरयू तट पर मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन तीसरे दिन भी अनवरत जारी है. तीसरे दिन गोंडा, बस्ती बलरामपुर और गोसाईगंज के ग्रामीण इलाकों से मां दुर्गा की प्रतिमाओं को अयोध्या लाया गया और पवित्र सरयू नदी में उन्हें विसर्जित किया गया.

dimmersion in saryu river
ईटीवी भारत की टीम ने विसर्जन स्थल का जायजा लिया
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Published : Oct 27, 2020, 7:16 PM IST

अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन नगरी के पवित्र सरयू तट पर मां दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला लगातार तीन दिनों से जारी है. अयोध्या नगर क्षेत्र के अलावा अयोध्या गोंडा और बस्ती की सैकड़ों प्रतिमाएं पवित्र सरयू की लहरों में विसर्जित की जा रही है. मंगलवार को भी दिन निकलने के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हो गया.

ईटीवी भारत की टीम ने विसर्जन स्थल का जायजा लिया
अयोध्या और उससे सटे कई ग्रामीण इलाकों में पंचमी तिथि को मां दुर्गा की प्रतिमाओं की स्थापना की परंपरा रही है, जिसके बाद 9 दिन तक मां दुर्गा की आराधना होती है और फिर पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ श्रद्धालु मां की प्रतिमाओं को सरयू नदी में विसर्जित करते हैं. इसी कारण राम नगरी अयोध्या में दशहरे के दिन से शुरू हुआ विसर्जन कार्यक्रम अगले चार से पांच दिनों तक जारी रहता है.
विसर्जन कार्यक्रम को देखने आए श्रद्धालु उत्तम मौर्या ने बताया कि कोरोना के खतरे ने इस बार दुर्गा पूजा के उत्साह को कम कर दिया है. पूर्व के वर्षों में जहां दुर्गा पूजा के दौरान बड़े-बड़े पंडाल लगते थे. इस बार वह पंडाल नहीं लगे. वहीं इस बार दुर्गा पूजा विसर्जन में भी बेहद सादगी से मां की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा रहा है.सरयू नदी के तट पर विसर्जन को देखने के लिए हजारों की संख्या में भक्त श्रद्धालु मौजूद रहे. भक्तों ने जगत जननी को अगले वर्ष आने का निमंत्रण देते हुए सरयू की लहरों में उन्हें विदाई दी. इस मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने विसर्जन स्थल का जायजा लिया.

इस बार नहीं हो सका भरत मिलाप और राज गद्दी का कार्यक्रम
कोरोना संक्रमण ने राम नगरी अयोध्या में सदियों से चली आ रही भरत मिलाप और राजगद्दी की परंपरा को तोड़ दिया है. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस बार सिर्फ रस्मी तौर पर यह आयोजन हो रहा है. ऐसा पहली बार हुआ है जब अयोध्या में भरत मिलाप और राजगद्दी का कार्यक्रम प्रभावित हुआ हुआ है.

अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन नगरी के पवित्र सरयू तट पर मां दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला लगातार तीन दिनों से जारी है. अयोध्या नगर क्षेत्र के अलावा अयोध्या गोंडा और बस्ती की सैकड़ों प्रतिमाएं पवित्र सरयू की लहरों में विसर्जित की जा रही है. मंगलवार को भी दिन निकलने के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हो गया.

ईटीवी भारत की टीम ने विसर्जन स्थल का जायजा लिया
अयोध्या और उससे सटे कई ग्रामीण इलाकों में पंचमी तिथि को मां दुर्गा की प्रतिमाओं की स्थापना की परंपरा रही है, जिसके बाद 9 दिन तक मां दुर्गा की आराधना होती है और फिर पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ श्रद्धालु मां की प्रतिमाओं को सरयू नदी में विसर्जित करते हैं. इसी कारण राम नगरी अयोध्या में दशहरे के दिन से शुरू हुआ विसर्जन कार्यक्रम अगले चार से पांच दिनों तक जारी रहता है.
विसर्जन कार्यक्रम को देखने आए श्रद्धालु उत्तम मौर्या ने बताया कि कोरोना के खतरे ने इस बार दुर्गा पूजा के उत्साह को कम कर दिया है. पूर्व के वर्षों में जहां दुर्गा पूजा के दौरान बड़े-बड़े पंडाल लगते थे. इस बार वह पंडाल नहीं लगे. वहीं इस बार दुर्गा पूजा विसर्जन में भी बेहद सादगी से मां की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा रहा है.सरयू नदी के तट पर विसर्जन को देखने के लिए हजारों की संख्या में भक्त श्रद्धालु मौजूद रहे. भक्तों ने जगत जननी को अगले वर्ष आने का निमंत्रण देते हुए सरयू की लहरों में उन्हें विदाई दी. इस मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने विसर्जन स्थल का जायजा लिया.

इस बार नहीं हो सका भरत मिलाप और राज गद्दी का कार्यक्रम
कोरोना संक्रमण ने राम नगरी अयोध्या में सदियों से चली आ रही भरत मिलाप और राजगद्दी की परंपरा को तोड़ दिया है. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस बार सिर्फ रस्मी तौर पर यह आयोजन हो रहा है. ऐसा पहली बार हुआ है जब अयोध्या में भरत मिलाप और राजगद्दी का कार्यक्रम प्रभावित हुआ हुआ है.
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