अयोध्या: 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में रामलला अपने नए महल में विराजमान होंगे. रामलला को लेकर सभी लोग उल्ल्लास में हैं, लेकिन इस उल्लास में रंग बिरंगे फूलों के साथ खुशबू भरने का काम कर रहा है अयोध्या का मौर्य परिवार. मौर्य परिवार रामलला का पुश्तैनी माली परिवार है, जो प्रतिदिन उनके लिए फूलों की माला तैयार करता है, जिससे रामलाल का श्रृंगार किया जाता है. प्रभु का यह माली परिवार इस समय खास प्रसन्न है कि अब उनके प्रभु राजमहल में विराजमान होने जा रहे हैं.
रामलला की मालिन मौर्य परिवार से है, जो तीन पीढ़ियों से उनके लिए माला तैयार करने का काम करती हैं. यह प्रत्येक दिन माला तैयार कर शाम में मंदिर भेजती हैं और सुबह इन्हीं महिलाओं के साथ रामलला का श्रृंगार किया जाता है. यह परिवार अयोध्या में राम मंदिर प्रांगण के पीछे रहता है और इन दिनों उत्सव की तैयारी में लगा हुआ है. परिवार की सभी महिलाएं अब बाकायदा उत्सव में गीत गाकर प्रभु के लिए गजरा व अलग-अलग फूलों की माला तैयार कर रही हैं.
कैसे तैयार होती है भगवान राम की माला: गीता मौर्य बताती हैं कि, प्रभु की माला को बनाने में बेहद साफ सफाई का ध्यान रखा जाता है. हम सुबह 4:30 बजे उठकर पूजा करके प्रभु के लिए फूल चुनते हैं. उसके बाद उसे पूरी तरीके से साफ करते हैं. इसके साथ 2 बजे से हम और हमारा पूरा परिवार बैठकर प्रभु के लिए फूलों की माला तैयार करता है. फिर शाम 5 बजे तक की माला तैयार किया जाता है. हम प्रत्येक दिन 5 से 6 अलग-अलग फूलों से माला व गजरे तैयार करते हैं, जिनमें से एक विशेष गजरा होता है जो हमारे रामलला के लिए तैयार किया जाता है. हमारा प्रयास होता है कि हम अच्छे-अच्छे फूलों को चुनकर प्रभु के लिए माला तैयार करें, जिससे प्रभु हमारे खूबसूरत दिखें. वह कहती हैं कि, प्रभु के लिए गुलाब, गुलनार, गुलदाउदी, बेला, गेंदा, गुलाचीन, चांदनी इन सभी के साथ अन्य सीजन के अनुसार फूलों की माला रामलला को चढ़ाते हैं.
पूरा परिवार मिलकर करता है सेवा, अब गीतगाकर मना रहीं उत्सव: वह कहती है कि, हमें इस बात की बहुत खुशी है कि हमारे प्रभु अपने मंदिर में विराजमान हो रहे हैं. क्योंकि हम लोग जब माला लेकर के जाते थे तो हमें अच्छा नहीं लगता था कि हमारे प्रभु टेंट में विराजमान थे. अब हमें बहुत प्रसन्नता हो रही है कि हमारे प्रभु अब राजमहल में विराजने जा रहे हैं और हमें इस बात का गर्व होता है कि हम रामलला की मलिन है. प्रभु हमारे हाथों से बनाए गजरे से सुशोभित होते हैं. वहीं घर की दूसरी महिला भी बताती हैं कि, हम सब प्रभु के इस काम में पूरे दिन लगे रहते हैं. मगर थकान बिल्कुल नहीं होती, प्रभु का नाम और उनके भजन के साथ ही हमारे दिन की शुरुआत होती है और उन्ही के साथ ही हमारे दिन का अंत हो जाता है. हमारे साथ पूरा परिवार बच्चे सभी मिलकर के प्रभु के लिए फूलों की माला तैयार करते है.