अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की पावन नगरी में रविवार को एक अलग उल्लास और उत्साह दिखा. मंदिरों का शहर कही जाने वाली अयोध्या नगरी के लगभग 5000 से अधिक मंदिरों में भगवान राम के विवाह उत्सव की धूम है. शाम ढलते अलग-अलग मंदिरों से भगवान राम की बारात मुख्य सड़क मार्ग पर रवाना हो गई. अपने आराध्य के विवाह उत्सव में झूमते नाचते गाते श्रद्धालु भगवान राम के पावन पुनीत विवाह उत्सव में शामिल हुए. अयोध्या में यह परंपरा सैकड़ो वर्षों से चली आ रही है.
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पालकी पर सवार होकर निकले कनक बिहारी सरकार: अगहन विवाह पंचमी तिथि पर अयोध्या के विभिन्न मंदिरों में भगवान राम और जनकसुता सीता के विवाह की परंपरा रही है. अयोध्या के प्रसिद्ध रंग महल, कनक भवन, राम वल्लभा कुंज, जानकी महल, विहूति भवन सहित अन्य मंदिरों से राम बारात निकाली गई. शहर के प्रमुख मार्गों से जब भगवान राम की बारात निकली तो अपने आराध्य के विवाह की उत्सव की खुशी में श्रद्धालु जमकर नाचते हुए नजर आए. विवाह पंचमी तिथि पर आज पूरी रात मंदिरों में भगवान राम और सीता का विवाह आयोजन होगा.
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भगवान राम सीता विवाह की सभी परंपराओं का अनुसरण: अयोध्या के प्रसिद्ध रंग महल मंदिर के महंत रामशरण दास ने बताया कि जिस समय भगवान राम ने धनुष तोड़ा था, विवाह तो उसी समय हो गया था. लेकिन, समाज में प्रेम और सनातन धर्म की प्रगति के लिए भगवान राम ने विवाह की उन सारी परंपराओं को निभाया जिसे आज हम अनुसरण कर रहे हैं. भगवान राम सीता का विवाह सनातन धर्म की परंपरा का प्रमाण है. अगले वर्ष भगवान राम अपने नवनिर्मित मंदिर में विराजमान होंगे. इसलिए, इस वर्ष राम विवाह की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है.
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