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'अयोध्या की महत्ता' पर व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन

अयोध्या जिले में राजकीय उद्यान में सांसद लल्लू सिंह के द्वारा आयोजित 'अयोध्या की महत्ता' पर विद्वान आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण के व्याख्यान ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. महंत मिथिलेश नंदिनी शरण ने कहा कि महाराज मनु के द्वारा वैकुष्ठ से लाई गई पुरी जिसे अयोध्या कहते हैं.

cultural heritage of ayodhya
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Published : Jan 24, 2021, 5:48 PM IST

अयोध्या: राजकीय उद्यान में सांसद लल्लू सिंह के द्वारा आयोजित 'अयोध्या की महत्ता' पर विद्वान आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण के व्याख्यान व कार्यकर्ता सहभोज में महानगर के हजारों कार्यकर्ता इकठ्ठा हुए. पूरा राजकीय उद्यान परिसर कार्यकर्ताओं से भरा रहा. अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत को संगीतमय मधुर गीतों की प्रस्तुति से कलाकरों ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कार्यक्रम में स्वागत किया गया. पंचमुखी महादेव गुप्तारघाट के महंत मिथिलेश नंदिनी शरण ने कहा कि भगवान श्री राम जिस भूमि का पूजन करते हैं, उस अयोध्या के महत्व का वर्णन किस प्रकार किया जा सकता है. हम अयोध्यावासी हैं, इसलिए पूरी दुनिया में प्रणाम व संस्कार मिलता है.

महंत मिथिलेश नंदिनी शरण ने कहा कि महाराज मनु के द्वारा वैकुष्ठ से लाई गई पुरी जिसे अयोध्या कहते हैं. किसी भी प्रकार से अयोध्या को परास्त नहीं किया जा सकता है. पापों से अयोध्या कभी पराभव नहीं होती, क्योंकि पाप इसका स्पर्श नहीं कर सकता है. यह भगवान विष्णु की आदिपुरी है और उनके चक्र पर स्थित है.

उन्होने कहा कि अयोध्या के समान पूरे ब्रहमांड में कोई दूसरी पुरी नहीं है. समान्यता हमारा ध्यान अयोध्या को लेकर भगौलिक विस्तार की ओर जाता है, लेकिन जब भगवान श्री राम से हमारा लगाव होता है तब हमें अनुभव होता है कि हम सामान्य भूगोल में नहीं रामनगरी में रह रहे हैं.

अयोध्या के हैं कई स्वरूप
महंत मिथिलेश नंदिनी शरण ने कहा कि भगवान के विग्रह को प्रस्तुत करती सप्तपुरियों में अयोध्या मस्तक है, इसलिए सबसे श्रेष्ठ है. सरयू में स्नान करने वाला प्रारब्ध का भोग नहीं करता. अयोध्या के कई स्वरूप हैं, उसमें एक अयोध्या की राजधानी का है. यहां से रामराज्य की अवधारणा मिलती है.

सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि पौराणिक ग्रंथों में वर्णित अयोध्या के चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग पर स्थित धार्मिक स्थल अध्यात्म व भक्ति के भाव को परिवेश में घोलते हैं. हमारी आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विरासत की जानकारी देते हैं. उन्होंने कहा कि अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत को जनजन तक पहुंचाने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है.

महपौर ऋषिकेश उपाध्याय ने कहा कि अयोध्या की महिमा व गरिमा के अनुसार उसका विकास किया जा रहा है. वहीं विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने कहा कि पयर्टकों को विश्व मानकों के आधार पर सुविधा प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है. कार्यक्रम का संचालन महानगर जिलाध्यक्ष अभिषेक मिश्रा ने किया.

अयोध्या: राजकीय उद्यान में सांसद लल्लू सिंह के द्वारा आयोजित 'अयोध्या की महत्ता' पर विद्वान आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण के व्याख्यान व कार्यकर्ता सहभोज में महानगर के हजारों कार्यकर्ता इकठ्ठा हुए. पूरा राजकीय उद्यान परिसर कार्यकर्ताओं से भरा रहा. अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत को संगीतमय मधुर गीतों की प्रस्तुति से कलाकरों ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कार्यक्रम में स्वागत किया गया. पंचमुखी महादेव गुप्तारघाट के महंत मिथिलेश नंदिनी शरण ने कहा कि भगवान श्री राम जिस भूमि का पूजन करते हैं, उस अयोध्या के महत्व का वर्णन किस प्रकार किया जा सकता है. हम अयोध्यावासी हैं, इसलिए पूरी दुनिया में प्रणाम व संस्कार मिलता है.

महंत मिथिलेश नंदिनी शरण ने कहा कि महाराज मनु के द्वारा वैकुष्ठ से लाई गई पुरी जिसे अयोध्या कहते हैं. किसी भी प्रकार से अयोध्या को परास्त नहीं किया जा सकता है. पापों से अयोध्या कभी पराभव नहीं होती, क्योंकि पाप इसका स्पर्श नहीं कर सकता है. यह भगवान विष्णु की आदिपुरी है और उनके चक्र पर स्थित है.

उन्होने कहा कि अयोध्या के समान पूरे ब्रहमांड में कोई दूसरी पुरी नहीं है. समान्यता हमारा ध्यान अयोध्या को लेकर भगौलिक विस्तार की ओर जाता है, लेकिन जब भगवान श्री राम से हमारा लगाव होता है तब हमें अनुभव होता है कि हम सामान्य भूगोल में नहीं रामनगरी में रह रहे हैं.

अयोध्या के हैं कई स्वरूप
महंत मिथिलेश नंदिनी शरण ने कहा कि भगवान के विग्रह को प्रस्तुत करती सप्तपुरियों में अयोध्या मस्तक है, इसलिए सबसे श्रेष्ठ है. सरयू में स्नान करने वाला प्रारब्ध का भोग नहीं करता. अयोध्या के कई स्वरूप हैं, उसमें एक अयोध्या की राजधानी का है. यहां से रामराज्य की अवधारणा मिलती है.

सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि पौराणिक ग्रंथों में वर्णित अयोध्या के चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग पर स्थित धार्मिक स्थल अध्यात्म व भक्ति के भाव को परिवेश में घोलते हैं. हमारी आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विरासत की जानकारी देते हैं. उन्होंने कहा कि अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत को जनजन तक पहुंचाने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है.

महपौर ऋषिकेश उपाध्याय ने कहा कि अयोध्या की महिमा व गरिमा के अनुसार उसका विकास किया जा रहा है. वहीं विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने कहा कि पयर्टकों को विश्व मानकों के आधार पर सुविधा प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है. कार्यक्रम का संचालन महानगर जिलाध्यक्ष अभिषेक मिश्रा ने किया.

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