अयोध्या: रामजन्मभूमि मामले में बुधवार को सुनवाई समाप्त हो चुकी है. अब पूरे देश की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले पर टिकी हुई है. ऐसे में मंदिर पर फैसला और दीपोत्सव के मद्देनजर अयोध्या को बुधवार से ही फुल प्रूफ प्लान के तहत सुरक्षित किया जा रहा है. सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इस मामले पर सरकार गंभीर है. इसीलिए उसने डबल सिक्योरिटी प्लान तैयार किया है.
छावनी में तब्दील हुई अयोध्या
अयोध्या को सेना के बंकर की तरह तैयार किया जा रहा है, जिसके अंदर आने के जितने भी रास्ते होंगे, उससे दोगुने यहां से बाहर निकालने के लिए बनाए जाएंगे. अयोध्या में एंट्री के लिए 12 मार्गों को एक में मर्ज करते हुए सिर्फ 4 मुख्य एंट्री पॉइंट्स बनाए गए हैं. वहीं लोगों को व्यवस्थित तरीके से बाहर निकालने के लिए मुख्य मार्ग और उसमें जोड़ते हुए 8 अन्य मार्गों का चयन किया गया है. एंट्री 4 द्वार से और बाहर निकलने के लिए 16 द्वार बनाए गए हैं. इनमें से हर एक एंट्री द्वार की गिनती के हिसाब से 4 द्वारों को सिर्फ सुरक्षाकर्मी और एम्बुलेंस को निकालने के लिए रखा जाएगा.
भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती
- फैसले की गंभीरता और दीपोत्सव को देखते हुए अयोध्या में अतिरिक्त पुलिस फोर्स की तैनाती की जा रही है.
- प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी और लखनऊ से RAF, PAC और पुलिस की बटालियन को बुलाया गया है.
- पीएसी के साथ-साथ प्रयागराज, गोरखपुर और वाराणसी जोन से पुलिस फोर्स की भी डिमांड की गई है.
- जल्द ही ये सब अयोध्या पहुंचकर मोर्चा सम्भालेंगे.
- जोनल फोर्स के साथ सीबीसीआईडी, एंटी करप्शन, ईओडब्लू और पीएसी की फोर्स भी तैनात रहेगी.
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- दीपोत्सव की सुरक्षा के लिए 7 एडिशनल एसपी, 20 सीओ, 20 इंस्पेक्टर, 70 सब इंस्पेक्टर, 500 सिपाही और 7 कंपनी पीएसी रहेगी.
- गोरखपुर, वाराणसी और प्रयागराज जोन से 60 इंस्पेक्टर, 50 हेड कांस्टेबल, 300 कांस्टेबल को रवाना किया जा रहा है.
- शहर को फूल प्रूफ बनाने के लिए उपचुनाव के बाद केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भी अयोध्या जाने का आदेश दे दिया गया है.
- पैरामिलिट्री फोर्स के साथ एटीएस की कमांडो टीम भी यहां लगाई जा रही है.
- ऐसा पहली बार होगा, जब अयोध्या में सड़कों पर एटीएस कमांडोज की टीम गश्त करती नजर आएगी.
- एसटीएफ और एटीएस की सर्विलांस टीम को भी बुधवार से लगा दिया गया है.
तीन जोन में बंटा है राम जन्मभूमि क्षेत्र
राम जन्मभूमि क्षेत्र को सुरक्षा के लिहाज से पहले से ही 3 जोन में बांटा गया है, जिसमें यलो जोन और रेड जोन में आने-जाने वाले गाड़ियों की लगातार चेकिंग की जा रही है. यहां तक कि स्थानीय लोगों को भी हिदायत दे दी गई है कि वे लोग जारी किए गए प्रवेश पत्र और पास अपने साथ लेकर चलें.
90 के दशक जैसी सुरक्षा
बता दें कि श्री राम जन्म भूमि स्थल रेड जोन में आता है. बाहरी पुलिस का रेड और यलो जोन के अंदर कोई हस्तक्षेप नहीं होता है. एसपी सिक्योरिटी के बाद सीधे यह जोन एसएसपी, डीएम और उसके ऊपर मंडलायुक्त की देखरेख में होता है, जिसकी अब सीधी रिपोर्टिंग लखनऊ मुख्यालय को होगी. क्षेत्रीय लोगों की माने तो यह सिक्योरिटी जितनी आज देखने को मिल रही है, इसके पहले सिर्फ 1992 और 90 के दशक में ही देखने को मिली थी.