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योगी सरकार का सिक्योरिटी प्लान, अयोध्या की गलियों में घूमेंगे एटीएस कमांडो

अयोध्या में राम जन्मभूमि के विवादित स्थल पर अंतिम फैसले के मद्देनजर सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है. दरअसल, इस मामले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. शहर में किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सरकार ने तैयारियां पूरी कर ली हैं.

अयोध्या मे भारी सुरक्षा बल तैनात
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Published : Oct 17, 2019, 5:00 AM IST

Updated : Oct 17, 2019, 11:32 AM IST

अयोध्या: रामजन्मभूमि मामले में बुधवार को सुनवाई समाप्त हो चुकी है. अब पूरे देश की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले पर टिकी हुई है. ऐसे में मंदिर पर फैसला और दीपोत्सव के मद्देनजर अयोध्या को बुधवार से ही फुल प्रूफ प्लान के तहत सुरक्षित किया जा रहा है. सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इस मामले पर सरकार गंभीर है. इसीलिए उसने डबल सिक्योरिटी प्लान तैयार किया है.

अयोध्या की गलियों में घूमेंगे एटीएस कमांडो.

छावनी में तब्दील हुई अयोध्या
अयोध्या को सेना के बंकर की तरह तैयार किया जा रहा है, जिसके अंदर आने के जितने भी रास्ते होंगे, उससे दोगुने यहां से बाहर निकालने के लिए बनाए जाएंगे. अयोध्या में एंट्री के लिए 12 मार्गों को एक में मर्ज करते हुए सिर्फ 4 मुख्य एंट्री पॉइंट्स बनाए गए हैं. वहीं लोगों को व्यवस्थित तरीके से बाहर निकालने के लिए मुख्य मार्ग और उसमें जोड़ते हुए 8 अन्य मार्गों का चयन किया गया है. एंट्री 4 द्वार से और बाहर निकलने के लिए 16 द्वार बनाए गए हैं. इनमें से हर एक एंट्री द्वार की गिनती के हिसाब से 4 द्वारों को सिर्फ सुरक्षाकर्मी और एम्बुलेंस को निकालने के लिए रखा जाएगा.

भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती

  • फैसले की गंभीरता और दीपोत्सव को देखते हुए अयोध्या में अतिरिक्त पुलिस फोर्स की तैनाती की जा रही है.
  • प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी और लखनऊ से RAF, PAC और पुलिस की बटालियन को बुलाया गया है.
  • पीएसी के साथ-साथ प्रयागराज, गोरखपुर और वाराणसी जोन से पुलिस फोर्स की भी डिमांड की गई है.
  • जल्द ही ये सब अयोध्या पहुंचकर मोर्चा सम्भालेंगे.
  • जोनल फोर्स के साथ सीबीसीआईडी, एंटी करप्शन, ईओडब्लू और पीएसी की फोर्स भी तैनात रहेगी.

इसे भी पढ़ें-क्या है अयोध्या टाइटल सूट विवाद, वीडियो के जरिए समझें पूरा मामला

  • दीपोत्सव की सुरक्षा के लिए 7 एडिशनल एसपी, 20 सीओ, 20 इंस्पेक्टर, 70 सब इंस्पेक्टर, 500 सिपाही और 7 कंपनी पीएसी रहेगी.
  • गोरखपुर, वाराणसी और प्रयागराज जोन से 60 इंस्पेक्टर, 50 हेड कांस्टेबल, 300 कांस्टेबल को रवाना किया जा रहा है.
  • शहर को फूल प्रूफ बनाने के लिए उपचुनाव के बाद केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भी अयोध्या जाने का आदेश दे दिया गया है.
  • पैरामिलिट्री फोर्स के साथ एटीएस की कमांडो टीम भी यहां लगाई जा रही है.
  • ऐसा पहली बार होगा, जब अयोध्या में सड़कों पर एटीएस कमांडोज की टीम गश्त करती नजर आएगी.
  • एसटीएफ और एटीएस की सर्विलांस टीम को भी बुधवार से लगा दिया गया है.

तीन जोन में बंटा है राम जन्मभूमि क्षेत्र

राम जन्मभूमि क्षेत्र को सुरक्षा के लिहाज से पहले से ही 3 जोन में बांटा गया है, जिसमें यलो जोन और रेड जोन में आने-जाने वाले गाड़ियों की लगातार चेकिंग की जा रही है. यहां तक कि स्थानीय लोगों को भी हिदायत दे दी गई है कि वे लोग जारी किए गए प्रवेश पत्र और पास अपने साथ लेकर चलें.

90 के दशक जैसी सुरक्षा

बता दें कि श्री राम जन्म भूमि स्थल रेड जोन में आता है. बाहरी पुलिस का रेड और यलो जोन के अंदर कोई हस्तक्षेप नहीं होता है. एसपी सिक्योरिटी के बाद सीधे यह जोन एसएसपी, डीएम और उसके ऊपर मंडलायुक्त की देखरेख में होता है, जिसकी अब सीधी रिपोर्टिंग लखनऊ मुख्यालय को होगी. क्षेत्रीय लोगों की माने तो यह सिक्योरिटी जितनी आज देखने को मिल रही है, इसके पहले सिर्फ 1992 और 90 के दशक में ही देखने को मिली थी.

अयोध्या: रामजन्मभूमि मामले में बुधवार को सुनवाई समाप्त हो चुकी है. अब पूरे देश की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले पर टिकी हुई है. ऐसे में मंदिर पर फैसला और दीपोत्सव के मद्देनजर अयोध्या को बुधवार से ही फुल प्रूफ प्लान के तहत सुरक्षित किया जा रहा है. सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इस मामले पर सरकार गंभीर है. इसीलिए उसने डबल सिक्योरिटी प्लान तैयार किया है.

अयोध्या की गलियों में घूमेंगे एटीएस कमांडो.

छावनी में तब्दील हुई अयोध्या
अयोध्या को सेना के बंकर की तरह तैयार किया जा रहा है, जिसके अंदर आने के जितने भी रास्ते होंगे, उससे दोगुने यहां से बाहर निकालने के लिए बनाए जाएंगे. अयोध्या में एंट्री के लिए 12 मार्गों को एक में मर्ज करते हुए सिर्फ 4 मुख्य एंट्री पॉइंट्स बनाए गए हैं. वहीं लोगों को व्यवस्थित तरीके से बाहर निकालने के लिए मुख्य मार्ग और उसमें जोड़ते हुए 8 अन्य मार्गों का चयन किया गया है. एंट्री 4 द्वार से और बाहर निकलने के लिए 16 द्वार बनाए गए हैं. इनमें से हर एक एंट्री द्वार की गिनती के हिसाब से 4 द्वारों को सिर्फ सुरक्षाकर्मी और एम्बुलेंस को निकालने के लिए रखा जाएगा.

भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती

  • फैसले की गंभीरता और दीपोत्सव को देखते हुए अयोध्या में अतिरिक्त पुलिस फोर्स की तैनाती की जा रही है.
  • प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी और लखनऊ से RAF, PAC और पुलिस की बटालियन को बुलाया गया है.
  • पीएसी के साथ-साथ प्रयागराज, गोरखपुर और वाराणसी जोन से पुलिस फोर्स की भी डिमांड की गई है.
  • जल्द ही ये सब अयोध्या पहुंचकर मोर्चा सम्भालेंगे.
  • जोनल फोर्स के साथ सीबीसीआईडी, एंटी करप्शन, ईओडब्लू और पीएसी की फोर्स भी तैनात रहेगी.

इसे भी पढ़ें-क्या है अयोध्या टाइटल सूट विवाद, वीडियो के जरिए समझें पूरा मामला

  • दीपोत्सव की सुरक्षा के लिए 7 एडिशनल एसपी, 20 सीओ, 20 इंस्पेक्टर, 70 सब इंस्पेक्टर, 500 सिपाही और 7 कंपनी पीएसी रहेगी.
  • गोरखपुर, वाराणसी और प्रयागराज जोन से 60 इंस्पेक्टर, 50 हेड कांस्टेबल, 300 कांस्टेबल को रवाना किया जा रहा है.
  • शहर को फूल प्रूफ बनाने के लिए उपचुनाव के बाद केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भी अयोध्या जाने का आदेश दे दिया गया है.
  • पैरामिलिट्री फोर्स के साथ एटीएस की कमांडो टीम भी यहां लगाई जा रही है.
  • ऐसा पहली बार होगा, जब अयोध्या में सड़कों पर एटीएस कमांडोज की टीम गश्त करती नजर आएगी.
  • एसटीएफ और एटीएस की सर्विलांस टीम को भी बुधवार से लगा दिया गया है.

तीन जोन में बंटा है राम जन्मभूमि क्षेत्र

राम जन्मभूमि क्षेत्र को सुरक्षा के लिहाज से पहले से ही 3 जोन में बांटा गया है, जिसमें यलो जोन और रेड जोन में आने-जाने वाले गाड़ियों की लगातार चेकिंग की जा रही है. यहां तक कि स्थानीय लोगों को भी हिदायत दे दी गई है कि वे लोग जारी किए गए प्रवेश पत्र और पास अपने साथ लेकर चलें.

90 के दशक जैसी सुरक्षा

बता दें कि श्री राम जन्म भूमि स्थल रेड जोन में आता है. बाहरी पुलिस का रेड और यलो जोन के अंदर कोई हस्तक्षेप नहीं होता है. एसपी सिक्योरिटी के बाद सीधे यह जोन एसएसपी, डीएम और उसके ऊपर मंडलायुक्त की देखरेख में होता है, जिसकी अब सीधी रिपोर्टिंग लखनऊ मुख्यालय को होगी. क्षेत्रीय लोगों की माने तो यह सिक्योरिटी जितनी आज देखने को मिल रही है, इसके पहले सिर्फ 1992 और 90 के दशक में ही देखने को मिली थी.

Intro:अयोध्या। राम जन्मभूमि मामले में सुनवाई का अंतिम दौर समाप्ति की ओर है। अब सिर्फ फैसले के लिए पूरे देश की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हुई है। ऐसे में मंदिर पर फैसला और दीपोत्सव के मद्देनजर अयोध्या को आज से ही फुल प्रूफ प्लान के तहत सुरक्षित किया जा रहा है। सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इस मामले पर सरकार गंभीर है। इसलिए उसने डबल सिक्योरिटी प्लान तैयार किया है। इसके तहत हर प्रकार से दुगनी शक्ति की व्यवस्था की जाएगी। ऐसा करते हुए अयोध्या को सेना के बंकर की तरह तैयार किया जाएगा। जिससे अंदर आने के जितने भी रास्ते होंगे उससे डबल यहां से बाहर निकालने के लिए व्यवस्था की जाएगी। वही श्री राम जन्मभूमि क्षेत्र में सुरक्षा के लिहाज से पहले से ही 3 जून में बांटा गया है जिसमें यलो जोन, रेड जोन मैं आने जाने वाले गाड़ियों की लगातार चेकिंग की जा रही है यहां तक कि स्थानीय लोगों को भी हिदायत दे दी गई है कि उनको जारी किए गए प्रवेश पत्र और अपना पास अपने साथ लेकर चलें। आपको बताते चलें कि श्री राम जन्म भूमि स्थल रेड जोन में आता है और उसके आसपास जितने भी लाकर हैं उनको यलो जोन बनाया गया है इन दोनों क्षेत्रों के लिए एसपी सिक्योरिटी की एक अलग से तैनाती की गई है जिन के अंडर में यह दोनों जो रहते हैं बाहरी पुलिस का इस जोन के अंदर कोई हस्तक्षेप नहीं होता है एसपी सिक्योरिटी के बाद सीधे यह जून एसएसपी और डीएम और उसके ऊपर मंडलायुक्त के देखरेख में होता है जिसकी अब सीधी रिपोर्टिंग लखनऊ मुख्यालय को होगी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ दीपोत्सव को जोड़कर भी देखा जा रहा है तैयारियां और सुरक्षा ऐसी है कि यदि कोई शरारती तत्व सोचेगा भी तो उसकी रूह कांप जाएगी 24 घंटे मॉनिटर किए जा रहे हैं सीसीटीवी और सर्विलेंस सिस्टम को बढ़ा दिया गया है यह जेमार इतना तेज है के आसपास के नेटवर्क में मोबाइल से बातचीत बहुत ही साधारण तरीके से हो सकती है। क्षेत्री लोगों की माने तो यह सिक्योरिटी जितनी आज देखने को मिल रही है इसके पहले सिर्फ 1992 और 90 के दशक में ही देखने को मिली थी। ईटीवी भारत के पास सूत्रों के मुताबिक यह एक्सक्लूसिव और एक्स्ट्रा जानकारियां हैं जो अपने दर्शकों को लगातार बता रहा है।


Body:अयोध्या में एंट्री के लिए 12 मार्गों को एक में मर्ज करते हुए सिर्फ चार मुख्य एंट्री प्वाइंट्स बनाए गए हैं। वहीं लोगों को व्यवस्थित तरीके से बाहर निकालने के लिए आज मुख्य मार्ग और उसमें जोड़ते हुए आठ अन्य मार्गों का चयन किया गया है। यानी एंट्री चार द्वार से और बाहर निकलने के लिए 16 द्वार बनाए गए हैं। इनमें से हर एक एंटी द्वार की गिनती के हिसाब से चार द्वार से सुरक्षाकर्मी और एंबुलेंस को निकालने के लिए रखा जाएगा। इसमें प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी, लखनऊ से भी RAF, PAC और पुलिस की बटालियन को बुलाया गया है। फैसले की गंभीरता को देखते हुए और दीपोत्सव के लिहाज से अतिरिक्त पुलिस फोर्स की तैनाती की जा रही है। पीएससी के साथ-साथ 3 जून से पुलिस फोर्स की डिमांड को एक्सेप्ट करते हुए रवाना कर दिया गया है। प्रयागराज गोरखपुर और वाराणसी जोन से पुलिस फोर्स की डिमांड की गई थी जिसमें जल्दी यह सभी अयोध्या पहुंचकर मोर्चा संभालेंगे। जोनल फोर्स के साथ सीबीसीआईडी एंटी करप्शन ईओडब्ल्यू आरपीएससी की फोर्स भी तैनात रहेगी। इसके अलावा दीपोत्सव की सुरक्षा के लिए सात एडिशनल एसपी बीसीयू 20 इंस्पेक्टर 70 सब इंस्पेक्टर 500 सिपाही और सात कंपनी पीएससी रहेगी। गोरखपुर वाराणसी और प्रयागराज जॉन से 7 इंस्पेक्टर 50 हेड कांस्टेबल 300 कांस्टेबल को रवाना किया जा रहा है। वहीं इसे फुल फ्रॉक बनाने के लिए उपचुनाव के बाद केंद्रीय अर्धसैनिक बल भी अयोध्या जाने का आदेश दे दिया गया है। दीपोत्सव पर होने वाले भव्य कार्यक्रम को देखते हुए भारी पुलिस फोर्स की अयोध्या में तैनाती की जा रही है। पैरामिलिट्री फोर्स के साथ एटीएस की कमांडो टीम भी यहां लगाई जा रही है ऐसा पहली बार होगा जब अयोध्या की सड़कों पर एटीएस कमांडोज की टीम गश्त करती हुई नजर आएगी। एसटीएफ और एटीएस की सर्विलांस टीम में भी पूरी तरह से आज से लगा दिया गया है। वही अयोध्या से शिव अमर सिंह ने बताया अयोध्या हमेशा से संवेदनशील रही है सुरक्षा बढ़ाने के पीछे मुख्य उद्देश्य यहां के लोगों की सुरक्षा और माहौल को बनाए रखना है खुफिया तंत्र में आईबी व पुलिस से जुड़े हुए कई टीमें गाड़ियों की होटलों की धर्मशाला ओं की चेकिंग कर रही है सभी जगहों पर स्थानीय लोगों के साथ मिलकर सिविल ड्रेस में पुलिस तैनात है जिसमें महिलाओं की संख्या बढ़ाई गई है फिलहाल अयोध्या पूरी तरह से शांत है और यहां पर सांप्रदायिक सौहार्द बना रहेगा।


Conclusion:Video sending by wrap. दिनेश मिश्रा 8808540402
Last Updated : Oct 17, 2019, 11:32 AM IST
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