अयोध्या: 6 दिसंबर को अखिल भारत हिंदू महासभा के तत्वाधान में सरयू तट स्थित राम मंदिर आंदोलन के शलाका पुरुष रामचंद्र दास परमहंस जी महाराज की समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर वीर बलिदानी कारसेवकों को श्रद्धांजलि प्रदान की गई. इसके बाद सरयू तट पहुंचकर हाथ में सरयू जल लेकर मथुरा और काशी को मुक्त कराने का संकल्प लिया गया.
बलिदानी कारसेवकों की आर्थिक स्थिति बदहाल
हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता, अधिवक्ता मनीष पांडेय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि आज जब भव्य राम मंदिर की कल्पना साकार हो रही है तब परमहंस जी की समाधि और वीर बलिदानी कारसेवकों की आर्थिक स्थिति बेहद बदहाल अवस्था में है. जिनके बल पर सत्ता की प्राप्ति की गई आज वह घोर उपेक्षा के शिकार हैं.
अब काशी और मथुरा की बारी
मनीष पांडेय ने कहा कि अयोध्या की साधना पूर्ण हुई अब काशी और मथुरा की बारी है. न्यायालय के माध्यम से जनआंदोलनों के माध्यम से काशी और मथुरा को मुक्त कराया जाएगा. नया मंदिर शीश महल के महंत रामलोचन शरण शास्त्री राजन बाबा ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी महाराज के शीघ्र स्वस्थ और दीर्घायु होने की बात कही.
राम मंदिर का निर्माण होते देखना सुखद एहसास
श्री महंत रामचंद्र दास परमहंस सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष आचार्य नारायण मिश्र ने कहा कि सैकड़ों वर्षों के कालखंड के उपरांत भव्य राम मंदिर का निर्माण होते देखना सुखद एहसास है.
इस अवसर पर वरुण दास, दिनेश आचार्य महाराज, मनोज मिश्र, सरयू दास, राम किशोर दास, हिंदू महासभा के जिला महामंत्री चंद्रहास दीक्षित, जिला मंत्री अजय शुक्ला, सत्य प्रकाश पांडेय अनुपम तिवारी राजकिशोर मधुसूदन अरविंद प्रमुख रूप से उपस्थित रहे.