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अयोध्या में 4 दिवसीय रंगोत्सव शुरू, हर ओर उल्लास का माहौल

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Published : Mar 25, 2021, 8:14 PM IST

Updated : Mar 25, 2021, 8:43 PM IST

वैसे तो पूरे देश में मथुरा की लठमार होली और बरसाने की होली प्रसिद्ध है. लेकिन भगवान राम की पावन नगरी अयोध्या में मनाई जाने वाली आध्यात्मिक होली भी अपना अलग महत्व रखती है. यहां रंग भरी एकादशी से शुरू होने वाली चार दिवसीय होली के दौरान स्वयं हनुमंत लला अपने आराध्य और भगवान रामलला के साथ होली खेलने अयोध्या नगरी की गलियों में निकलते हैं.

अयोध्या में 4 दिवसीय रंगोत्सव
अयोध्या में 4 दिवसीय रंगोत्सव

अयोध्या : फागुन का महीना लगते ही होली के पर्व की शुरुआत हो जाती है. देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग परंपराओं के अनुसार होली का पर्व मनाया जाता है. कहीं फूलों की होली, कहीं अबीर-गुलाल तो कहीं पानी में रंग घोलकर एक दूसरे को भिगोने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. वैसे तो पूरे देश में मथुरा की लठमार होली और बरसाने की होली प्रसिद्ध है.

हनुमानजी महाराज
हनुमानजी महाराज

लेकिन भगवान राम की पावन नगरी अयोध्या में मनाई जाने वाली आध्यात्मिक होली भी अपना अलग महत्व रखती है. यहां रंग भरी एकादशी से शुरू होने वाली चार दिवसीय होली के दौरान स्वयं हनुमंत लला अपने आराध्य और भगवान रामलला के साथ होली खेलने अयोध्या नगरी की गलियों में निकलते हैं.

साधुओं के सरयू स्नान के साथ शुरू होता है पांच दिवसीय उल्लास पर्व
साधुओं के सरयू स्नान के साथ शुरू होता है पांच दिवसीय उल्लास पर्व

यह भी पढ़ें : सरयू निकुंज मंदिर में मना भव्य पाटोत्सव

यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. वर्तमान में अयोध्या के प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी पीठ से निकलने वाले प्रसिद्ध प्रतीक चिह्न निशान के साथ नागा साधु अयोध्या के मंदिरों में जाकर होली खेलते हैं. इस परंपरा का सदियों से निर्वहन करते हैं. इसी के साथ अयोध्या में होने वाली इस चार दिवसीय भव्य होली परंपरा की शुरुआत होती है. होलिका दहन के अगले दिन शाम तक यह उत्सव अनवरत चलता रहता है.

अयोध्या में रामलला से होली खेलने निकलते हैं हनुमान जी महाराज
अयोध्या में रामलला से होली खेलने निकलते हैं हनुमान जी महाराज

पर्यटकों ने कहा भक्त और भगवान के बीच होली देखने का अलग अनुभव

रंगभरी एकादशी के मौके पर इस भव्य होली का आनंद लेने पहुंचे पर्यटकों के लिए यह बेहद आनंद देने वाला अनुभव होता है. महिला श्रद्धालु अनामिका पांडे ने बताया की मथुरा की होली के बारे में तो सभी जानते हैं लेकिन अयोध्या की होली के बारे में नहीं पता था. आज इस आयोजन में शामिल होकर बहुत आनंद आया. स्वयं भगवान के साथ रंगों का त्योहार मनाने का अपना अलग महत्व है.

अयोध्या में रामलला से होली खेलने निकलते हैं हनुमान जी महाराज

एक अन्य पर्यटक अखिल पांडे ने बताया कि वह पहली बार अयोध्या की होली देखने आए हैं. जिस तरह से अयोध्या के साधु संत भगवान के साथ होली खेलते हैं, उसे देखकर भक्त और भगवान के बीच के मधुर संबंधों का एहसास होता है. यहां का दृश्य वाकई में बहुत सुंदर है.

यह भी पढ़ें : रामलला दर्शन मार्ग पर भक्तों की सुविधा के लिए बिछाई जा रही कारपेट


रंगभरी एकादशी पर मिट जाता है संत और गृहस्थ का फर्क

नागा साधु कृष्ण कांत दास ने बताया कि अयोध्या की यह परंपरा सदियों पुरानी है. हनुमानगढ़ी के नागा साधु आपसी प्रेम भाईचारा और सामाजिक समरसता का संदेश देते हुए हनुमानगढ़ी से रंग गुलाल उड़ाते हुए पूरे नगर में भ्रमण करते हैं. सभी के साथ होली खेलते हैं. वैसे तो नागा साधुओं का जीवन सामान्य नागरिकों के जीवन से बिल्कुल अलग है लेकिन होली पर यह भेदभाव भी मिट जाता है. संत और गृहस्थ सभी मिलकर अयोध्या की इस होली का आनंद लेते हैं.

साधुओं के सरयू स्नान के साथ शुरू होता है पांच दिवसीय उल्लास पर्व

हनुमानगढ़ी के मुख्य अर्चक संत रमेश दास ने बताया कि रंगभरी एकादशी पर नागा साधु बजरंगबली के साथ होली खेलने के बाद हनुमानगढ़ी के प्रतीक चिह्न को लेकर नगर भ्रमण करते हैं. राम नगरी के चतुर्दिक 5 कोस की परिक्रमा करते हैं. उसके बाद सरयू स्नान का कार्यक्रम होता है. आज के इस उत्सव के साथ अयोध्या की चार दिवसीय होली का प्रारंभ होता है. इस परंपरा को प्रतिवर्ष पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ निभाया जाता है.


रामलला से होली खेलने निकलते हैं हनुमानजी महाराज

महंत राजू दास ने बताया कि रंगभरी एकादशी के मौके पर अयोध्या के हनुमानगढ़ी पीठ में होने वाली रंगो की होली का आध्यात्मिक महत्व भी है. इस परंपरा में स्वयं बजरंगबली महाराज ठाकुर जी के साथ होली खेलने के लिए अयोध्या नगरी में निकलते हैं. आज भी उसी परंपरा का निर्वहन हो रहा है जिसमें स्वयं हनुमंत लला सरकार अयोध्या के मंदिरों में जाकर विराजमान रामलला से होली खेलते हैं.

इस बार राममय है अयोध्या की होली

वहीं, महंत राजू दास ने कहा कि वैसे तो यह परंपरा सदियों से चली आ रही है लेकिन इस वर्ष अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण शुरू होने के साथ यह होली बेहद खास है. इस बार की होली राममय होली है. इस आयोजन के माध्यम से हम भगवान राम लला और हनुमंत लला सरकार से यह प्रार्थना करेंगे कि देश में सुख शांति समृद्धि आए. पूरे विश्व से कोरोना संकट समाप्त हो और इस महामारी से लोगों को निजात मिले.

अयोध्या : फागुन का महीना लगते ही होली के पर्व की शुरुआत हो जाती है. देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग परंपराओं के अनुसार होली का पर्व मनाया जाता है. कहीं फूलों की होली, कहीं अबीर-गुलाल तो कहीं पानी में रंग घोलकर एक दूसरे को भिगोने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. वैसे तो पूरे देश में मथुरा की लठमार होली और बरसाने की होली प्रसिद्ध है.

हनुमानजी महाराज
हनुमानजी महाराज

लेकिन भगवान राम की पावन नगरी अयोध्या में मनाई जाने वाली आध्यात्मिक होली भी अपना अलग महत्व रखती है. यहां रंग भरी एकादशी से शुरू होने वाली चार दिवसीय होली के दौरान स्वयं हनुमंत लला अपने आराध्य और भगवान रामलला के साथ होली खेलने अयोध्या नगरी की गलियों में निकलते हैं.

साधुओं के सरयू स्नान के साथ शुरू होता है पांच दिवसीय उल्लास पर्व
साधुओं के सरयू स्नान के साथ शुरू होता है पांच दिवसीय उल्लास पर्व

यह भी पढ़ें : सरयू निकुंज मंदिर में मना भव्य पाटोत्सव

यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. वर्तमान में अयोध्या के प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी पीठ से निकलने वाले प्रसिद्ध प्रतीक चिह्न निशान के साथ नागा साधु अयोध्या के मंदिरों में जाकर होली खेलते हैं. इस परंपरा का सदियों से निर्वहन करते हैं. इसी के साथ अयोध्या में होने वाली इस चार दिवसीय भव्य होली परंपरा की शुरुआत होती है. होलिका दहन के अगले दिन शाम तक यह उत्सव अनवरत चलता रहता है.

अयोध्या में रामलला से होली खेलने निकलते हैं हनुमान जी महाराज
अयोध्या में रामलला से होली खेलने निकलते हैं हनुमान जी महाराज

पर्यटकों ने कहा भक्त और भगवान के बीच होली देखने का अलग अनुभव

रंगभरी एकादशी के मौके पर इस भव्य होली का आनंद लेने पहुंचे पर्यटकों के लिए यह बेहद आनंद देने वाला अनुभव होता है. महिला श्रद्धालु अनामिका पांडे ने बताया की मथुरा की होली के बारे में तो सभी जानते हैं लेकिन अयोध्या की होली के बारे में नहीं पता था. आज इस आयोजन में शामिल होकर बहुत आनंद आया. स्वयं भगवान के साथ रंगों का त्योहार मनाने का अपना अलग महत्व है.

अयोध्या में रामलला से होली खेलने निकलते हैं हनुमान जी महाराज

एक अन्य पर्यटक अखिल पांडे ने बताया कि वह पहली बार अयोध्या की होली देखने आए हैं. जिस तरह से अयोध्या के साधु संत भगवान के साथ होली खेलते हैं, उसे देखकर भक्त और भगवान के बीच के मधुर संबंधों का एहसास होता है. यहां का दृश्य वाकई में बहुत सुंदर है.

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रंगभरी एकादशी पर मिट जाता है संत और गृहस्थ का फर्क

नागा साधु कृष्ण कांत दास ने बताया कि अयोध्या की यह परंपरा सदियों पुरानी है. हनुमानगढ़ी के नागा साधु आपसी प्रेम भाईचारा और सामाजिक समरसता का संदेश देते हुए हनुमानगढ़ी से रंग गुलाल उड़ाते हुए पूरे नगर में भ्रमण करते हैं. सभी के साथ होली खेलते हैं. वैसे तो नागा साधुओं का जीवन सामान्य नागरिकों के जीवन से बिल्कुल अलग है लेकिन होली पर यह भेदभाव भी मिट जाता है. संत और गृहस्थ सभी मिलकर अयोध्या की इस होली का आनंद लेते हैं.

साधुओं के सरयू स्नान के साथ शुरू होता है पांच दिवसीय उल्लास पर्व

हनुमानगढ़ी के मुख्य अर्चक संत रमेश दास ने बताया कि रंगभरी एकादशी पर नागा साधु बजरंगबली के साथ होली खेलने के बाद हनुमानगढ़ी के प्रतीक चिह्न को लेकर नगर भ्रमण करते हैं. राम नगरी के चतुर्दिक 5 कोस की परिक्रमा करते हैं. उसके बाद सरयू स्नान का कार्यक्रम होता है. आज के इस उत्सव के साथ अयोध्या की चार दिवसीय होली का प्रारंभ होता है. इस परंपरा को प्रतिवर्ष पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ निभाया जाता है.


रामलला से होली खेलने निकलते हैं हनुमानजी महाराज

महंत राजू दास ने बताया कि रंगभरी एकादशी के मौके पर अयोध्या के हनुमानगढ़ी पीठ में होने वाली रंगो की होली का आध्यात्मिक महत्व भी है. इस परंपरा में स्वयं बजरंगबली महाराज ठाकुर जी के साथ होली खेलने के लिए अयोध्या नगरी में निकलते हैं. आज भी उसी परंपरा का निर्वहन हो रहा है जिसमें स्वयं हनुमंत लला सरकार अयोध्या के मंदिरों में जाकर विराजमान रामलला से होली खेलते हैं.

इस बार राममय है अयोध्या की होली

वहीं, महंत राजू दास ने कहा कि वैसे तो यह परंपरा सदियों से चली आ रही है लेकिन इस वर्ष अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण शुरू होने के साथ यह होली बेहद खास है. इस बार की होली राममय होली है. इस आयोजन के माध्यम से हम भगवान राम लला और हनुमंत लला सरकार से यह प्रार्थना करेंगे कि देश में सुख शांति समृद्धि आए. पूरे विश्व से कोरोना संकट समाप्त हो और इस महामारी से लोगों को निजात मिले.

Last Updated : Mar 25, 2021, 8:43 PM IST
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