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गुरु पूर्णिमा: अयोध्या में उमड़ा जनसैलाब, मथुरा में निकाली गई शोभा यात्रा - अयोध्या खबर

अयोध्या में गुरु पूर्णिमा का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. राम नगरी में आस्था और श्रद्धा का जनसैलाब उमड़ पड़ा है. ब्रह्म मुहूर्त से ही लाखों श्रद्धालुओं ने राम नगरी पहुंचकर पवित्र सरयू नदी में स्नान किया और मठ मंदिरों में दर्शन पूजन किया. साथ ही मथुरा में गौड़ीय मठ संप्रदाय के सनातन साधु संतों ने ढोल, नगाड़े, मृदंग, झांझ, मजीरा और बैंड बाजे की धुन पर नाचते हुए भव्य शोभायात्रा निकाली है.

अयोध्या में उमड़ा जनसैलाब
अयोध्या में उमड़ा जनसैलाब
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Published : Jul 24, 2021, 12:43 PM IST

Updated : Jul 24, 2021, 12:49 PM IST

अयोध्या: गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर राम नगरी अयोध्या में आस्था और श्रद्धा का जनसैलाब उमड़ पड़ा. ब्रह्म मुहूर्त से ही लाखों श्रद्धालुओं ने राम नगरी अयोध्या पहुंचकर पवित्र सरयू नदी में स्नान किया और मठ मंदिरों में दर्शन पूजन किया. दिन निकलने के साथ ही अयोध्या के विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. गुरु शिष्य परंपरा के पवित्र पर्व गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु के प्रति श्रद्धा अर्पित करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ अयोध्या में उमड़ पड़ी है. राम नगरी अयोध्या में गुरु पूर्णिमा पर्व मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. गुरु पूर्णिमा के पर्व पर अयोध्या के गुरुपीठ वशिष्ट कुंड में देर शाम मेले का आयोजन भी होगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे.

सदियों से गुरु पूर्णिमा पर्व पर अयोध्या में होते रहे हैं भव्य आयोजन
गुरु पूर्णिमा पर्व पर ब्रह्म मुहूर्त से ही पवित्र सरयू नदी में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मची रही. दिन निकलने के साथ ही भीड़ बढ़ती गई. सुरक्षा व्यवस्था के बीच श्रद्धालुओं ने पवित्र सरयू नदी में आस्था की डुबकी लगाई. सरयू स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं ने प्राचीन नागेश्वर नाथ मंदिर में दर्शन और पूजन भी किया. गुरु पूर्णिमा के मौके पर राम नगरी अयोध्या में कई धार्मिक आयोजन होंगे. दिन भर मंदिरों में भजन कीर्तन के साथ गुरु की आराधना का क्रम चलेगा. गोरखपुर से आए श्रद्धालु रवि किशन ने बताया कि गुरु पूर्णिमा का पर्व साल में एक ऐसा पर होता है. जब हम अपना पूरा समय गुरु को अर्पित करते हैं. पूरे दिन गुरु की सेवा में रहते हैं उनकी आरती पूजा की जाती है और उन्हें भेंट दी जाती है. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है.

अयोध्या में उमड़ा जनसैलाब

गुरु पूर्णिमा पर होगी मां सरयू की विशेष आरती
बताते चलें कि गुरु पूर्णिमा के मौके पर परंपरागत रूप से देर शाम सरयू घाट पर एक भव्य आयोजन किया जाएगा. प्रत्येक वर्ष होने वाले इस आयोजन की कड़ी में मां सरयू की भव्य आरती उतारी जाएगी और विशेष धार्मिक अनुष्ठान किए जाएंगे. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से भक्तों श्रद्धालुओं अयोध्या पहुंचे हैं. यह कार्यक्रम शाम करीब 6:00 बजे संत तुलसीदास घाट पर होगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे. बताते चलें कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान पहला ऐसा मौका है, जब इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या में पहुंचे हैं. हालांकि जिला प्रशासन ने शनिवार को बाजार के दुकानदारों से लॉकडाउन को पूरी तरह से पालन कराया है. लेकिन श्रद्धालु अभी भी खतरे से लापरवाह बने हुए हैं.

अयोध्या में उमड़ा जनसैलाब
अयोध्या में उमड़ा जनसैलाब

इसे भी पढ़ें-गुरु पूर्णिमा के मौके पर श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी

गुरु पूर्णिमा के मौके पर मथुरा में निकाली गई शोभा यात्रा
मथुरा: जिले में गुरु पूर्णिमा का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. गौड़ीय मठ संप्रदाय के सनातन साधु संतों ने ढोल, नगाड़े, मृदंग, झांझ, मजीरा और बैंड बाजे की धुन पर नाचते हुए कस्बे में भव्य शोभायात्रा निकाली गई. गोवर्धन कस्बे के चकलेश्वर राधा श्यामसुंदर मंदिर से मानसी गंगा तक संतो ने परिक्रमा भी लगाई.

सनातन संतों की शोभायात्रा
गौड़ीय मठ संप्रदाय के साधु संतों ने गुरु पूर्णिमा के पर्व पर अपने गुरु की याद में गोवर्धन कस्बे में भव्य शोभायात्रा निकाली. कस्बे के चकलेश्वर राधा श्याम सुंदर मंदिर से शोभायात्रा शुरू की गई, ढोल, नगाड़े, मृदंग, झांझ और बैंड बाजों की धुन पर सनातन साधु संत नाचते हुए शोभायात्रा में शामिल भी हुए.

मथुरा में निकाली गई शोभा यात्रा

इसे भी पढ़ें-Guru Purnima 2021: गुरु पूर्णिमा आज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

गौड़ीय मठ संतों ने किया गुरु को याद
गौड़ीय मठ के सनातन संतों ने अपने गुरु को याद करते हुए गुरु पूर्णिमा से एक दिन पूर्व मुंडन कराया और 500 वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वहन किया. 463 वर्ष पूर्व गौड़ीय मठ के पूजनीय संत गोलोक धाम पधार गए थे. उन्हीं की याद में सनातन साधु संत गुरु को याद करके कस्बे में भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है.

महंत राम किशन दास महाराज ने बताया कि गुरु पूर्णिमा का पर्व बड़े धूमधाम के साथ गोवर्धन में मनाया जा रहा है. कोविड-19 की गाइडलाइंस का पालन करते हुए राजकीय मुड़िया मेला पिछली बार की भांति इस बार भी निरस्त कर दिया गया है. इस मुड़िया मेले में देश और विदेशों से लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन करने और परिक्रमा लगाने के लिए आते थे. हमारे भगवान अनंत हैं वह सब भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. घर पर बैठकर भगवान का स्मरण करें. सनातन संतों ने अपनी गुरु की याद में शोभा यात्रा निकाली गई.

प्रयागराज में मनाई गई गुरु पूर्णिमा
प्रयागराज: गुरु पूर्णिमा के अवसर पर प्रयागराज गंगा घाटों के किनारे आस्था का सैलाब टूट पड़ा है. हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई. इसके बाद गुरु का दर्शन करके आशीर्वाद लिया. वहीं पूर्णिमा पर व्रतियों ने ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान के बाद व्रत का संकल्प लिया. इस दौरान मंदिरों में भगवान शिव को रोली, कुमकुम, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित कर व्रतियों ने अपने गुरु का ध्यान किया.

प्रयागराज में मनाई गई गुरु पूर्णिमा
प्रयागराज में मनाई गई गुरु पूर्णिमा

शनिवार को गुरुओं के दर्शन और आशीर्वाद के लिए मठों, आश्रमों में शिष्य पहुंचें. इस दौरान गुरुओं को अन्न, वस्त्र, मिष्ठान, फूल माला और दक्षिणा अर्पित की जाएगी. शहर के मठों, मंदिरों में जगह -जगह भंडारे आयोजित किए गए हैं. पुराणों के अनुसार चारों वेदों के रचयिता महर्षि वेद व्यास के अवतरण दिवस को गुरु पूर्णिमा महोत्सव के रूप में मनाया जाता है. महत्वपूर्ण पर्व के चलते शनिवार की सुबह से ही गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी देखने को मिली. प्रयागराज के अलावा प्रदेश के अन्य जनपदों से भी लोग इस पावन पर्व पर संगम पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचे और अपने गुरु के चरणों में शीश वंदन किया. हालांकि कोरोना प्रकोप की वजह से अन्य घाटों पर भीड़ कम रही. आपको बता दें कि आषाढ़ मास की पूर्णिमा को 'गुरु पूर्णिमा' कहते हैं.

अयोध्या: गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर राम नगरी अयोध्या में आस्था और श्रद्धा का जनसैलाब उमड़ पड़ा. ब्रह्म मुहूर्त से ही लाखों श्रद्धालुओं ने राम नगरी अयोध्या पहुंचकर पवित्र सरयू नदी में स्नान किया और मठ मंदिरों में दर्शन पूजन किया. दिन निकलने के साथ ही अयोध्या के विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. गुरु शिष्य परंपरा के पवित्र पर्व गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु के प्रति श्रद्धा अर्पित करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ अयोध्या में उमड़ पड़ी है. राम नगरी अयोध्या में गुरु पूर्णिमा पर्व मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. गुरु पूर्णिमा के पर्व पर अयोध्या के गुरुपीठ वशिष्ट कुंड में देर शाम मेले का आयोजन भी होगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे.

सदियों से गुरु पूर्णिमा पर्व पर अयोध्या में होते रहे हैं भव्य आयोजन
गुरु पूर्णिमा पर्व पर ब्रह्म मुहूर्त से ही पवित्र सरयू नदी में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मची रही. दिन निकलने के साथ ही भीड़ बढ़ती गई. सुरक्षा व्यवस्था के बीच श्रद्धालुओं ने पवित्र सरयू नदी में आस्था की डुबकी लगाई. सरयू स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं ने प्राचीन नागेश्वर नाथ मंदिर में दर्शन और पूजन भी किया. गुरु पूर्णिमा के मौके पर राम नगरी अयोध्या में कई धार्मिक आयोजन होंगे. दिन भर मंदिरों में भजन कीर्तन के साथ गुरु की आराधना का क्रम चलेगा. गोरखपुर से आए श्रद्धालु रवि किशन ने बताया कि गुरु पूर्णिमा का पर्व साल में एक ऐसा पर होता है. जब हम अपना पूरा समय गुरु को अर्पित करते हैं. पूरे दिन गुरु की सेवा में रहते हैं उनकी आरती पूजा की जाती है और उन्हें भेंट दी जाती है. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है.

अयोध्या में उमड़ा जनसैलाब

गुरु पूर्णिमा पर होगी मां सरयू की विशेष आरती
बताते चलें कि गुरु पूर्णिमा के मौके पर परंपरागत रूप से देर शाम सरयू घाट पर एक भव्य आयोजन किया जाएगा. प्रत्येक वर्ष होने वाले इस आयोजन की कड़ी में मां सरयू की भव्य आरती उतारी जाएगी और विशेष धार्मिक अनुष्ठान किए जाएंगे. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से भक्तों श्रद्धालुओं अयोध्या पहुंचे हैं. यह कार्यक्रम शाम करीब 6:00 बजे संत तुलसीदास घाट पर होगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे. बताते चलें कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान पहला ऐसा मौका है, जब इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या में पहुंचे हैं. हालांकि जिला प्रशासन ने शनिवार को बाजार के दुकानदारों से लॉकडाउन को पूरी तरह से पालन कराया है. लेकिन श्रद्धालु अभी भी खतरे से लापरवाह बने हुए हैं.

अयोध्या में उमड़ा जनसैलाब
अयोध्या में उमड़ा जनसैलाब

इसे भी पढ़ें-गुरु पूर्णिमा के मौके पर श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी

गुरु पूर्णिमा के मौके पर मथुरा में निकाली गई शोभा यात्रा
मथुरा: जिले में गुरु पूर्णिमा का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. गौड़ीय मठ संप्रदाय के सनातन साधु संतों ने ढोल, नगाड़े, मृदंग, झांझ, मजीरा और बैंड बाजे की धुन पर नाचते हुए कस्बे में भव्य शोभायात्रा निकाली गई. गोवर्धन कस्बे के चकलेश्वर राधा श्यामसुंदर मंदिर से मानसी गंगा तक संतो ने परिक्रमा भी लगाई.

सनातन संतों की शोभायात्रा
गौड़ीय मठ संप्रदाय के साधु संतों ने गुरु पूर्णिमा के पर्व पर अपने गुरु की याद में गोवर्धन कस्बे में भव्य शोभायात्रा निकाली. कस्बे के चकलेश्वर राधा श्याम सुंदर मंदिर से शोभायात्रा शुरू की गई, ढोल, नगाड़े, मृदंग, झांझ और बैंड बाजों की धुन पर सनातन साधु संत नाचते हुए शोभायात्रा में शामिल भी हुए.

मथुरा में निकाली गई शोभा यात्रा

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गौड़ीय मठ संतों ने किया गुरु को याद
गौड़ीय मठ के सनातन संतों ने अपने गुरु को याद करते हुए गुरु पूर्णिमा से एक दिन पूर्व मुंडन कराया और 500 वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वहन किया. 463 वर्ष पूर्व गौड़ीय मठ के पूजनीय संत गोलोक धाम पधार गए थे. उन्हीं की याद में सनातन साधु संत गुरु को याद करके कस्बे में भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है.

महंत राम किशन दास महाराज ने बताया कि गुरु पूर्णिमा का पर्व बड़े धूमधाम के साथ गोवर्धन में मनाया जा रहा है. कोविड-19 की गाइडलाइंस का पालन करते हुए राजकीय मुड़िया मेला पिछली बार की भांति इस बार भी निरस्त कर दिया गया है. इस मुड़िया मेले में देश और विदेशों से लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन करने और परिक्रमा लगाने के लिए आते थे. हमारे भगवान अनंत हैं वह सब भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. घर पर बैठकर भगवान का स्मरण करें. सनातन संतों ने अपनी गुरु की याद में शोभा यात्रा निकाली गई.

प्रयागराज में मनाई गई गुरु पूर्णिमा
प्रयागराज: गुरु पूर्णिमा के अवसर पर प्रयागराज गंगा घाटों के किनारे आस्था का सैलाब टूट पड़ा है. हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई. इसके बाद गुरु का दर्शन करके आशीर्वाद लिया. वहीं पूर्णिमा पर व्रतियों ने ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान के बाद व्रत का संकल्प लिया. इस दौरान मंदिरों में भगवान शिव को रोली, कुमकुम, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित कर व्रतियों ने अपने गुरु का ध्यान किया.

प्रयागराज में मनाई गई गुरु पूर्णिमा
प्रयागराज में मनाई गई गुरु पूर्णिमा

शनिवार को गुरुओं के दर्शन और आशीर्वाद के लिए मठों, आश्रमों में शिष्य पहुंचें. इस दौरान गुरुओं को अन्न, वस्त्र, मिष्ठान, फूल माला और दक्षिणा अर्पित की जाएगी. शहर के मठों, मंदिरों में जगह -जगह भंडारे आयोजित किए गए हैं. पुराणों के अनुसार चारों वेदों के रचयिता महर्षि वेद व्यास के अवतरण दिवस को गुरु पूर्णिमा महोत्सव के रूप में मनाया जाता है. महत्वपूर्ण पर्व के चलते शनिवार की सुबह से ही गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी देखने को मिली. प्रयागराज के अलावा प्रदेश के अन्य जनपदों से भी लोग इस पावन पर्व पर संगम पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचे और अपने गुरु के चरणों में शीश वंदन किया. हालांकि कोरोना प्रकोप की वजह से अन्य घाटों पर भीड़ कम रही. आपको बता दें कि आषाढ़ मास की पूर्णिमा को 'गुरु पूर्णिमा' कहते हैं.

Last Updated : Jul 24, 2021, 12:49 PM IST
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