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अयोध्या में विवादित जमीन भी करोड़ों की बिक रही, देख और समझकर खरीदें

अयोध्या में हो रहे राम मंदिर निर्माण के लिए खरीद की जा रही जमीन में भ्रष्टाचार का मामला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. दिलचस्प बात यह है कि जिन लोगों ने ट्रस्ट को महंगे दाम पर विवादित जमीनें बेची. उन लोगों ने अयोध्या में कई और इलाकों में बड़े पैमाने पर विवादित जमीनों को खरीद रखा है.

अयोध्या जमीन खरीद विवाद.
अयोध्या जमीन खरीद विवाद.
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Published : Jun 30, 2021, 5:13 PM IST

Updated : Jun 30, 2021, 6:26 PM IST

अयोध्याः धार्मिक नगरी में राम मंदिर निर्माण शुरू होने के साथ ही यहां की जमीनों की कीमत 6 गुना से 10 गुना तक बढ़ चुकी है. जो जमीने निर्विवाद हैं, उनकी खरीद और बिक्री को लेकर जहां 10 गुना कीमत देकर भी लोग जमीन खरीदने को तैयार हैं. वहीं बड़े पैमाने पर विवादित जमीन और नजूल यानी सरकार के कब्जे की जमीनों को भी फर्जी दस्तावेज बनाकर बेचने की कवायद जोर-शोर से चल रही है.

इसी कड़ी में कुछ विवादित जमीन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को बेची गई. जब मामला चर्चा में आया तो पूरे मामले का खुलासा हुआ और अब इस मामले को लेकर राजनीति तेज हो गई है. दिलचस्प बात यह है कि जिन लोगों ने ट्रस्ट को महंगे दाम पर विवादित जमीन बेची, उन लोगों ने अयोध्या में कई और इलाकों में बड़े पैमाने पर विवादित जमीनों को खरीद रखा है. सूत्रों का दावा है कि यह जमीन भी ट्रस्ट को बेच दी जाती, लेकिन उससे पहले ही मामला सवालों के घेरे में आ गया और अब पूरे प्रकरण पर लीपापोती का दौर जारी है.

अयोध्या में जमीन बेचने का गोरखधंधा.

वहीं अयोध्या में सरयू तट के किनारे मीरापुर दोआबा की एक जमीन का बैनामा लिए जाने में भी माहपौर के बेहद करीबी रिश्तेदार रवि मोहन तिवारी और प्रॉपर्टी डीलर सुल्तान अंसारी का नाम सामने आया है. जमीन पर अपना अधिकार बताने वाले वर्तमान में जमीन के कब्जेदार ने कृष्ण कुमार पांडे ने आरोप लगाया है कि यह सभी व्यक्ति मिलकर गलत तरीके से जमीन का बैनामा करा चुके हैं और इस जमीन को ट्रस्ट को बेचने की तैयारी में थे.

न्यायालय में मुकदमा फिर भी जारी है खरीद-फरोख्त

अयोध्या में सत्यदेव पुरम चौराहे के पास स्थित सरयू नदी के किनारे जमीन के एक बड़े हिस्से पर खेती-बाड़ी कर रहे कृष्ण कुमार पांडे ने आरोप लगाया है कि सन 1990 में उन्होंने खाता संख्या-14 की जमीन बैनामे के जरिए ली थी. जिसके बाद इस जमीन पर मालिकाना हक को लेकर कई मुकदमे न्यायालय में विचाराधीन हैं. भूमि संख्या-14 के रूप में राजस्व अभिलेखों में दर्ज इस जमीन पर 23 अप्रैल को ट्रस्ट को जमीन बेचने वाले रवि मोहन तिवारी, सुल्तान अंसारी, रवि पाठक, कुसुम पाठक और उनके अन्य साथियों ने मिलकर बैनामा करा लिया. जबकि इस जमीन पर मालिकाना हक को लेकर वाद न्यायालय में लंबित है.

इसे भी पढ़ें- राम भक्तों के चंदे में चोरी करने की नीयत से खरीदी गई जमीन : संजय सिंह

कृष्ण कुमार पांडे ने बताया कि इस संबंध में उनके परिवार द्वारा इन सभी के खिलाफ कोतवाली अयोध्या में 8 जून को एफआईआर दर्ज कराई गई है. जिसमें जालसाजी करने कूट रचित दस्तावेज तैयार करने संपत्ति हड़पने सहित कई अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है. कृष्ण कुमार पांडे ने बताया कि इस जमीन को बेचने की तैयारी थी और अगर जमीन खरीद का मामला विवादों के घेरे में न आता तो इस जमीन का सौदा बड़ी कीमत पर ट्रस्ट के साथ रवि मोहन तिवारी, सुल्तान अंसारी और उनके साथी कर देते.

विवादित जमीन होने का लगा बोर्ड.
विवादित जमीन होने का लगा बोर्ड.

कृष्ण कुमार पांडे ने मांग की है कि भूमि विवाद प्रकरण न्यायालय में लंबित होने के बावजूद जमीन को अपना बनाने की प्रक्रिया करने वाले लोगों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाए, जिससे सत्ता शासन और रसूख के बल पर किसी व्यक्ति की जमीन पर कोई कब्जा न कर सके. साथ ही राम भक्तों द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए दिए गए चंदे का दुरुपयोग न हो और कोई भ्रष्टाचार न करें.

ट्रस्ट पर लगा है जमीन खरीद में भ्रष्टाचार करने का आरोप

ट्रस्ट को बेची गई जमीनों की खरीद और बिक्री के मामले में जहां आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और सदस्य अनिल मिश्रा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए, इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई करने के लिए कोतवाली नगर अयोध्या में लिखित तहरीर दी गई है. वहीं ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई हर जमीन के सौदे में अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय उनके रिश्तेदारों और ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र की भूमिका को लेकर भी सवाल उठे हैं.

इसे भी पढ़ें- राम मंदिर जमीन घोटाला : पवन पांडे का एक और आरोप, कई अधिकारी और नेता भी शामिल

खास बात यह है कि अयोध्या में कई विवादित जमीनों को खरीदने में उन्हीं लोगों का नाम शामिल है, जिन्होंने ट्रस्ट को दो करोड़ में खरीदी गई जमीन 10 मिनट बाद 18 करोड़ पचास लाख में बेची थी. इस सौदे में महापौर के बेहद करीबी रिश्तेदार रवि मोहन तिवारी और अयोध्या के प्रॉपर्टी डीलर सुल्तान अंसारी का नाम सामने आया था.

अयोध्याः धार्मिक नगरी में राम मंदिर निर्माण शुरू होने के साथ ही यहां की जमीनों की कीमत 6 गुना से 10 गुना तक बढ़ चुकी है. जो जमीने निर्विवाद हैं, उनकी खरीद और बिक्री को लेकर जहां 10 गुना कीमत देकर भी लोग जमीन खरीदने को तैयार हैं. वहीं बड़े पैमाने पर विवादित जमीन और नजूल यानी सरकार के कब्जे की जमीनों को भी फर्जी दस्तावेज बनाकर बेचने की कवायद जोर-शोर से चल रही है.

इसी कड़ी में कुछ विवादित जमीन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को बेची गई. जब मामला चर्चा में आया तो पूरे मामले का खुलासा हुआ और अब इस मामले को लेकर राजनीति तेज हो गई है. दिलचस्प बात यह है कि जिन लोगों ने ट्रस्ट को महंगे दाम पर विवादित जमीन बेची, उन लोगों ने अयोध्या में कई और इलाकों में बड़े पैमाने पर विवादित जमीनों को खरीद रखा है. सूत्रों का दावा है कि यह जमीन भी ट्रस्ट को बेच दी जाती, लेकिन उससे पहले ही मामला सवालों के घेरे में आ गया और अब पूरे प्रकरण पर लीपापोती का दौर जारी है.

अयोध्या में जमीन बेचने का गोरखधंधा.

वहीं अयोध्या में सरयू तट के किनारे मीरापुर दोआबा की एक जमीन का बैनामा लिए जाने में भी माहपौर के बेहद करीबी रिश्तेदार रवि मोहन तिवारी और प्रॉपर्टी डीलर सुल्तान अंसारी का नाम सामने आया है. जमीन पर अपना अधिकार बताने वाले वर्तमान में जमीन के कब्जेदार ने कृष्ण कुमार पांडे ने आरोप लगाया है कि यह सभी व्यक्ति मिलकर गलत तरीके से जमीन का बैनामा करा चुके हैं और इस जमीन को ट्रस्ट को बेचने की तैयारी में थे.

न्यायालय में मुकदमा फिर भी जारी है खरीद-फरोख्त

अयोध्या में सत्यदेव पुरम चौराहे के पास स्थित सरयू नदी के किनारे जमीन के एक बड़े हिस्से पर खेती-बाड़ी कर रहे कृष्ण कुमार पांडे ने आरोप लगाया है कि सन 1990 में उन्होंने खाता संख्या-14 की जमीन बैनामे के जरिए ली थी. जिसके बाद इस जमीन पर मालिकाना हक को लेकर कई मुकदमे न्यायालय में विचाराधीन हैं. भूमि संख्या-14 के रूप में राजस्व अभिलेखों में दर्ज इस जमीन पर 23 अप्रैल को ट्रस्ट को जमीन बेचने वाले रवि मोहन तिवारी, सुल्तान अंसारी, रवि पाठक, कुसुम पाठक और उनके अन्य साथियों ने मिलकर बैनामा करा लिया. जबकि इस जमीन पर मालिकाना हक को लेकर वाद न्यायालय में लंबित है.

इसे भी पढ़ें- राम भक्तों के चंदे में चोरी करने की नीयत से खरीदी गई जमीन : संजय सिंह

कृष्ण कुमार पांडे ने बताया कि इस संबंध में उनके परिवार द्वारा इन सभी के खिलाफ कोतवाली अयोध्या में 8 जून को एफआईआर दर्ज कराई गई है. जिसमें जालसाजी करने कूट रचित दस्तावेज तैयार करने संपत्ति हड़पने सहित कई अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है. कृष्ण कुमार पांडे ने बताया कि इस जमीन को बेचने की तैयारी थी और अगर जमीन खरीद का मामला विवादों के घेरे में न आता तो इस जमीन का सौदा बड़ी कीमत पर ट्रस्ट के साथ रवि मोहन तिवारी, सुल्तान अंसारी और उनके साथी कर देते.

विवादित जमीन होने का लगा बोर्ड.
विवादित जमीन होने का लगा बोर्ड.

कृष्ण कुमार पांडे ने मांग की है कि भूमि विवाद प्रकरण न्यायालय में लंबित होने के बावजूद जमीन को अपना बनाने की प्रक्रिया करने वाले लोगों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाए, जिससे सत्ता शासन और रसूख के बल पर किसी व्यक्ति की जमीन पर कोई कब्जा न कर सके. साथ ही राम भक्तों द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए दिए गए चंदे का दुरुपयोग न हो और कोई भ्रष्टाचार न करें.

ट्रस्ट पर लगा है जमीन खरीद में भ्रष्टाचार करने का आरोप

ट्रस्ट को बेची गई जमीनों की खरीद और बिक्री के मामले में जहां आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और सदस्य अनिल मिश्रा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए, इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई करने के लिए कोतवाली नगर अयोध्या में लिखित तहरीर दी गई है. वहीं ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई हर जमीन के सौदे में अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय उनके रिश्तेदारों और ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र की भूमिका को लेकर भी सवाल उठे हैं.

इसे भी पढ़ें- राम मंदिर जमीन घोटाला : पवन पांडे का एक और आरोप, कई अधिकारी और नेता भी शामिल

खास बात यह है कि अयोध्या में कई विवादित जमीनों को खरीदने में उन्हीं लोगों का नाम शामिल है, जिन्होंने ट्रस्ट को दो करोड़ में खरीदी गई जमीन 10 मिनट बाद 18 करोड़ पचास लाख में बेची थी. इस सौदे में महापौर के बेहद करीबी रिश्तेदार रवि मोहन तिवारी और अयोध्या के प्रॉपर्टी डीलर सुल्तान अंसारी का नाम सामने आया था.

Last Updated : Jun 30, 2021, 6:26 PM IST
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