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श्री रामलला के पुजारी बोले 'श्रीराम मंदिर से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं', हम सब हैं उनकी सेना

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ के नाम से ट्रस्ट का निर्माण कर दिया गया है और साथ ही सभी सदस्यों की घोषणा भी कर दी गई है. ट्रस्ट में पूरे देश भर से साधु संतों को शामिल किया गया है. इसको लेकर श्री रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.

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श्री रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
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Published : Feb 6, 2020, 9:27 AM IST

अयोध्या: राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट की प्रधानमंत्री ने घोषणा कर दी है. इसके कुछ ही घंटों बाद सभी सदस्यों की घोषणा भी हो गई. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट करते हुए एक दलित को सदस्य बनाने की घोषणा भी की, जिसमें अन्य सदस्यों मे श्रीरामलला विराजमान का केस लड़ने वाले परासरन को अध्यक्ष बनाया गया है.

श्री रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास से ईटीवी भारत की खास बातचीत.

देश भर से साधु संतों किया गया शामिल
ट्रस्ट में अन्य सदस्यों के रूप में पूरे देश भर से साधु संतों को भी इसमें शामिल किया गया है. अयोध्या के राज परिवार से भी एक सदस्य को चुना गया है.

नृत्य गोपाल दस को नहीं मिला स्थान
सबसे महत्वपूर्ण एक और बात आज यहां देखने को मिली, कि श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दस को इसमे स्थान नहीं मिल पाया है. इसके अलावा विश्व हिन्दू परिषद के किसी भी व्यक्ति को इसमे सदस्य नहीं बनाया गया है.

रामलला के मुख्य पुजारी ने ईटीवी भारत से की विशेष बातचीत
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान श्री रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि भगवान श्री राम ही सत्य हैं. उनके साथी तो सभी हैं, किसी धर्म या समुदाय का हो वानर, भालू, रीछ, दलित सब उनके साथ थे.

इसे भी पढ़ें- EXCLUSIVE : अयोध्या में सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए चयनित जमीन की पहली तस्वीर

भगवान राम का मंदिर बनना सबसे महत्वपूर्ण
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ के नाम से बनाए गए ट्रस्ट में ट्रस्टी के तौर पर अयोधया के राजा के नाम की घोषणा का भी उन्होंने स्वागत किया है. इनके अलावा सभी सदस्यों का स्वागत किया गया है. भगवान राम का मंदिर बनने से महत्वपूर्ण कोई भी सदस्य या कोई भी व्यक्ति नहीं हो सकता. हमें सिर्फ रामलला को टेंट से निकाल कर एक भव्य और दिव्य मंदिर का स्वरूप देना है.

आपको बताते चलें कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ के नाम से ट्रस्ट का निर्माण कर दिया गया है. इसके ट्रस्टी विरेंद्र मिश्रा जो यहां के राजा हैं, उन्हें बनाया गया है. जबकि नृत्य गोपाल दास जी को ट्रस्ट अध्यक्ष बनाए की चर्चाएं जोरों पर थी. सभी ने केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है.

अयोध्या: राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट की प्रधानमंत्री ने घोषणा कर दी है. इसके कुछ ही घंटों बाद सभी सदस्यों की घोषणा भी हो गई. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट करते हुए एक दलित को सदस्य बनाने की घोषणा भी की, जिसमें अन्य सदस्यों मे श्रीरामलला विराजमान का केस लड़ने वाले परासरन को अध्यक्ष बनाया गया है.

श्री रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास से ईटीवी भारत की खास बातचीत.

देश भर से साधु संतों किया गया शामिल
ट्रस्ट में अन्य सदस्यों के रूप में पूरे देश भर से साधु संतों को भी इसमें शामिल किया गया है. अयोध्या के राज परिवार से भी एक सदस्य को चुना गया है.

नृत्य गोपाल दस को नहीं मिला स्थान
सबसे महत्वपूर्ण एक और बात आज यहां देखने को मिली, कि श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दस को इसमे स्थान नहीं मिल पाया है. इसके अलावा विश्व हिन्दू परिषद के किसी भी व्यक्ति को इसमे सदस्य नहीं बनाया गया है.

रामलला के मुख्य पुजारी ने ईटीवी भारत से की विशेष बातचीत
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान श्री रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि भगवान श्री राम ही सत्य हैं. उनके साथी तो सभी हैं, किसी धर्म या समुदाय का हो वानर, भालू, रीछ, दलित सब उनके साथ थे.

इसे भी पढ़ें- EXCLUSIVE : अयोध्या में सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए चयनित जमीन की पहली तस्वीर

भगवान राम का मंदिर बनना सबसे महत्वपूर्ण
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ के नाम से बनाए गए ट्रस्ट में ट्रस्टी के तौर पर अयोधया के राजा के नाम की घोषणा का भी उन्होंने स्वागत किया है. इनके अलावा सभी सदस्यों का स्वागत किया गया है. भगवान राम का मंदिर बनने से महत्वपूर्ण कोई भी सदस्य या कोई भी व्यक्ति नहीं हो सकता. हमें सिर्फ रामलला को टेंट से निकाल कर एक भव्य और दिव्य मंदिर का स्वरूप देना है.

आपको बताते चलें कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ के नाम से ट्रस्ट का निर्माण कर दिया गया है. इसके ट्रस्टी विरेंद्र मिश्रा जो यहां के राजा हैं, उन्हें बनाया गया है. जबकि नृत्य गोपाल दास जी को ट्रस्ट अध्यक्ष बनाए की चर्चाएं जोरों पर थी. सभी ने केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है.

Intro:अयोध्या. राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट की आज प्रधानमंत्री ने घोषणा कर दी है। इसके कुछ ही घंटों बाद सभी सदस्यों की घोषणा भी हो गई है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट करते हुए एक दलित को सदस्य बनाने की घोषणा की। जिसमे अन्य सदस्यों मे श्रीरामलला विराजमान का केस लड़ने वाले के पाराशर को अध्यक्ष बनाया गया है, ट्रस्ट में अन्य सदस्यों के रूप में पूरे देश भर से साधु संतों को भी इसमें शामिल किया गया है। अयोध्या के राज परिवार से भी एक सदस्य को चुना गया है। अयोध्या से डॉक्टर अनिल मिश्रा को भी स्थान मिला है।
सबसे महत्वपूर्ण एक और बात आज यहाँ देखने को मिली, कि श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अदध्यक्ष नृत्य गोपाल दस को इसमे स्थान नहीं मिल पाया है। इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण बात ये भी है कि, विश्व हिन्दू परिषद के किसी भी व्यक्ति को इसमे सदस्य नहीं बनाया गया है।
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान श्री रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि भगवान श्री राम ही सत्य हैं। उनके साथी तो सभी हैं, किसी धर्म या समुदाय का हो। वानर भालू रीछ दलित सब उनके साथ थे।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ के नाम से बनाए गए ट्रस्ट में ट्रस्टी के तौर पर राजा अयोधया के नाम की घोषणा से भी उन्होंने स्वागत किया है। इनके अलावा सभी सदस्यों का स्वागत किया गया है। भगवान राम का मंदिर बनने से। महत्वपूर्ण। कोई भी सदस्य या कोई भी व्यक्ति नहीं हो सकता। हमें सिर्फ रामलला को टेंट से निकाल कर एक भव्य और दिव्य मंदिर का स्वरूप देना है। वही। उन्हें सदस्य क्यों नहीं मनाया गया? इस विषय पर उन्होंने बोलने से पहले ही इनकार कर दिया।

Body:आपको बताते चलें कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ के नाम से ट्रस्ट का निर्माण कर दिया गया है। इसके ट्रस्टी विरेंद्र मिश्रा जो यहां के राजा हैं उन्हें बनाया गया है। जबकि नृत्य गोपाल दास जी को। ट्रस्ट अध्यक्ष बनाए की चर्चाएं जोरों पर थी। सभी ने केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है।Conclusion:Exclusive
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