अयोध्या: जिले में सरकारी महकमे में चल रहे लापरवाह और भ्रष्टाचार रवैया की एक जिंदा मिसाल सामने आई है. शनिवार को एक बुजुर्ग उपजिलाधिकारी बीकापुर के सामने कह रहा है कि वह जिंदा है. लेकिन, सरकारी कागज कुछ और ही बयां कर रहे हैं. लगभग 22 साल पहले दस्तावेजों में बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया गया.
ताजा मामला जिले के तहसील बीकापुर के विकासखंड तारुन अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत भदार खुर्द का है. ग्राम पंचायत भदार खुर्द निवासी बुजुर्ग महावीर ने शनिवार को उपजिलाधिकारी बीकापुर के समक्ष पेश होकर खुद के जीवित होने की गुहार लगाई. बुजुर्ग महावीर ने आरोप लगाया है कि करीब 20 वर्ष पूर्व गांव के ग्राम विकास अधिकारी द्वारा उसे कागज में मृतक दिखाकर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया. वहीं, षड्यंत्रकारियों ने लगभग 22 साल के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र का सहारा लेकर विरासत के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर दिया.
मामले का खुलासा होने के बाद राजस्व लेखपाल द्वारा ऑनलाइन आवेदन को निरस्त कर दिया गया. लेकिन, इस खुलासे के बाद गांव में सन्नाटा का माहौल व्याप्त है. पीड़ित महावीर ने यह भी बताया कि वह कहार जाति का है. जबकि, उसकी भूमि गाटा संख्या 1093 स्थित भूमि ग्राम भादर खुर्द बुजुर्ग पर षड्यंत्र के तहत अन्य बिरादरी के माफिया द्वारा छल से कब्जा करने का षड्यंत्र रचा गया है.
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उप जिलाधिकारी बीकापुर ने मामले की गंभीरता को भांपते हुए इस संवेदनशील मामले की जांच तहसीलदार को सौंपी है. वहीं, दूसरी ओर खंड विकास अधिकारी तारुन को भी जांच करने के निर्देश दिए हैं.
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