अयोध्या: उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार की दोपहर धर्मनगरी अयोध्या पहुंचकर राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में दर्शन और पूजन किया. इसके साथ ही मंदिर निर्माण का अवलोकन भी किया. इसके बाद हनुमानगढ़ी में बजरंगबली की आरती भी उतारी. इसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए डिप्टी सीएम ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला. वहीं, राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बतौर यजमान शामिल होने को राजनीतिक स्टंट बताने के सवाल पर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जिन्हें इस पवित्र कार्यक्रम में राजनीति नजर आ रही है, उन्हें अपनी आंखों की जांच करानी चाहिए. विपक्ष के नेताओं को आमंत्रित करने के सवाल पर मौर्य ने कहा कि विपक्ष के लोग अगर राम भक्त हैं, तो चाहे निमंत्रण मिले या ना मिले, वह आ सकते हैं.
राम विरोधियों को मिल रहा जवाबः मौर्य ने कहा कि आज उन राम विरोधियों को जवाब मिल रहा है, जो कहा करते थे कि रामलला हम आएंगे और मंदिर निर्माण की तारीख नहीं बताएंगे. आज उन्हें तारीख भी बताई जा रही है और मंदिर का निर्माण भी हो रहा है. यह राम भक्तों और सनातन की जीत है. और राम विरोधियों की हार है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन का सिपाही होने के नाते, एक राम भक्त होने के नाते, मंदिर निर्माण से गदगद हूं. 22 जनवरी का इंतजार हर राम भक्त कर रहा है. जब भगवान राम लला नवीन विग्रह के साथ अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे. अयोध्या में बन रहा राम मंदिर राष्ट्र की एकता और अखंडता का मंदिर है. हमारे लिए सौभाग्य का विषय है कि 500 वर्षों की प्रतीक्षा अब संपूर्ण हो रही है. 22 जनवरी 2024 को रामलला अपने नए मंदिर में विराजमान होंगे.
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राम विरोधियों की हुई हार: केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि आज राम मंदिर पर राजनीति का आरोप जो लोग लगा रहे हैं.जब अयोध्या में राम भक्तों पर गोलियां चल रही थी, तब उन्हें कुछ नजर नहीं आया था. सन् 1992 में चार-चार राज्यों की सरकारों को बर्खास्त कर दिया गया था. तब उन्हें राम मंदिर की याद नहीं आई थी. जो लोग भगवान राम को काल्पनिक बताते थे, आज उनके अंदर भगवान राम के प्रति इतनी आस्था कैसे आ गई. क्या वो चुनाव देखकर राम भक्त बन गए हैं. अगर, ऐसा है तो यह राम भक्तों की जीत है. राम भक्त की विचारधारा की जीत है, और राम विरोधियों की हार है.
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