अयोध्या: राम जन्मभूमि पर बनने वाले राम मंदिर की भव्यता और ऊंचाई को लेकर विश्व हिंदू रक्षा संगठन संतुष्ट नहीं है. संगठन के पदाधिकारियों ने सरयू तट से सांस्कृतिक आंदोलन शुरू किया है. इसमें राम मंदिर की ऊंचाई 251 फीट करने की मांग की गई है. साथ ही राम मंदिर आंदोलन में अपनी जान गवांने वाले कारसेवकों को राम जन्मभूमि परिसर में सम्मान देने की भी बात कही गई है.
विश्व हिंदू रक्षा संगठन की इकाई धर्म सेना के प्रमुख व बाबरी विध्वंस के प्रमुख आरोपी संतोष दुबे के आह्वान पर इस आंदोलन को चलाया जा रहा है. इस आंदोलन को विश्व हिंदू रक्षा संगठन का भी समर्थन प्राप्त है. राम जन्मभूमि परिसर में विश्व का सबसे विशालतम व गगनचुंबी मंदिर की मांग को लेकर विश्व हिंदू रक्षा संगठन द्वारा राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी महाराज को ज्ञापन के माध्यम से एक मांग पत्र सौंपा गया. हिंदू रक्षा संगठन की ओर से इस पत्र के माध्यम से मंदिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह की इच्छा के अनुरूप विश्व के विशालतम और भव्य राम मंदिर निर्माण की मांग की गई.
इस मौके पर विश्व हिंदू रक्षा संगठन की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अर्चना सिंह ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में अपनी जान गवांने वाले कार सेवकों का सम्मान आवश्यक है. राम जन्मभूमि परिसर में उन्हें पहचान दिलाने की व्यवस्था होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की इच्छा के अनुरूप भव्य और दिव्य मंदिर बनना चाहिए. राम मंदिर की 128 फीट ऊंचाई बेहद कम है, जिसे कम से कम 250 फीट से अधिक होना चाहिए.
हिंदू रक्षा संगठन की धर्म सेना इकाई के प्रमुख संतोष दुबे ने कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण देश के गौरव का विषय है. ऐसे में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की इच्छा के अनुरूप राम मंदिर की ऊंचाई इतनी हो कि अयोध्या की 14 कोसी परिक्रमा में कहीं से भी इसे देखा जा सके. संगठन की ओर से उठाई जा रही मांगों को संतोष दुबे ने सांकेतिक आंदोलन बताया है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में यह मांग उठानी बेहद आवश्यक है.
हिंदू रक्षा संगठन के पदाधिकारियों ने श्री मणि रामदास छावनी पहुंचकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महंत अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास को अपनी मांगों से संबंधित पत्र सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि अयोध्या में लगभग 500 मंदिर ऐसे हैं, जिनकी ऊंचाई 128 फीट से अधिक है. ऐसे में मंदिर की ऊंचाई को कम रखना न्याय संगत नहीं है. मंदिर की ऊंचाई कम से कम 251 फीट की होनी चाहिए. संगठन की ओर से कहा गया है कि ट्रस्ट में ऐसे भी लोग शामिल हैं, जिन्होंने कभी भी रामजन्म भूमि आंदोलन में किसी भी स्तर पर संघर्ष नहीं किया था. ऐसे तत्वों को ट्रस्ट से बाहर किए जाने की आवश्यकता है. उनके स्थान पर वीर बलिदानी कारसेवकों के परिवार वालों और राम मंदिर आंदोलन में संघर्षशील लोगों को शामिल किया जाए.
इस मौके पर सरयू तट पर हिंदूवादी संगठन के पदाधिकारी संतोष दुबे, उत्तर, अजय शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष किन्नर रानी, उत्तर प्रदेश केंद्र प्रकोष्ठ अध्यक्ष पवन दुबे और प्रदेश उपाध्यक्ष अवनीश दुबे समेत संगठन के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे.