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अयोध्या: गोशाला बनी पौधशाला, धरतीपुत्रों की फसल चट कर रहे गोवंश

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में पशुओं के लिए बनाई गई गोशाला अब पौधशाला का रूप ले चुकी है. गोशाला को जहां दो भागों में बांट दिया गया, वहीं एक भाग में हरे भरे पेड़ दिख रहे हैं.

अयोध्या में गोशाला बनी पौधशाला
अयोध्या में गोशाला बनी पौधशाला
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Published : Mar 15, 2020, 11:54 AM IST

अयोध्या: उत्तर प्रदेश सरकार गोशाला संचालित करके खुले में घूम रहे गोवंशों के लिए व्यवस्था देने का दावा कर रही है. गोशाला की जमीनी हकीकत कुछ और ही है. खुले में घूम रहे गोवंश किसानों की फसलों को चट कर रहे हैं. दूसरी ओर गोशालाओं की बात करें तो वहां पशुओं की व्यवस्था न देकर पौधरोपण कर दिया गया है.

अयोध्या में गोशाला बनी पौधशाला

अयोध्या के अमानीगंज विकासखंड के तालढोली स्थित गोशाला का लोकार्पण नवंबर 2018 में हुआ था, लेकिन स्थानीय लोगों की माने तो यह गोशाला महज 3 महीने पहले ही संचालित हुई है.

गोशाला के एक भाग में हुआ पौधरोपण
अमानीगंज विकासखंड स्थित तालढोली गोशाला के एक भाग में पौधरोपण किया गया है. स्थानीय लोगों की माने तो इस समस्या को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की जा चुकी है. गोशाला के बड़े भाग में पौधरोपण किया गया है, जबकि छोटे भाग में महज 25 से 30 जानवर ही रखे गए हैं.

लोकार्पण के 1 वर्ष बाद संचालित हुई गोशाला
गोशाला में लोकार्पण के शिलापट में स्पष्ट लिखा है कि इसका लोकार्पण नवंबर 2018 में हुआ था, लेकिन स्थानीय लोगों की माने तो महज 3 महीने पहले यह गोशाला संचालित हुई है.

ईटीवी भारत की टीम ने इससे पहले दिसंबर महीने में जब स्थल का निरीक्षण किया था तो गोशाला पूरी तरह बंद पाई गई थी, जब स्थानीय ग्राम प्रधान से इस विषय में जानकारी मांगी गई तो वह कैमरे से बचते नजर आए.

कैमरे से हटकर जब उनसे बात की गई तो उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में इस गोशाला को संचालित कर दिया जाएगा. गोशाला संचालित होने का कारण उन्होंने बताया कि विद्युत कनेक्शन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते यहां गोशाला में पशुओं की व्यवस्था नहीं हो पा रही है.

फिलहाल गोशाला संचालक को लेकर आ रही लापरवाही चौंकाने वाली है. इसका खामियाजा स्थानीय किसानों और ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. खुले में घूम रहे गोवंश किसानों की फसलों को चट कर रहे हैं. वहीं जिम्मेदार अधिकारी जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं. उपजिलाधिकारी मिल्कीपुर का कहना है कि

गांव में राशि की समस्या आ रही थी, जिसके चलते गोशाला को दो पार्ट में बनाया गया है. इस विषय में ग्राम विकास अधिकारी से बातचीत के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
-अशोक कुमार शर्मा,एसडीएम

अयोध्या: उत्तर प्रदेश सरकार गोशाला संचालित करके खुले में घूम रहे गोवंशों के लिए व्यवस्था देने का दावा कर रही है. गोशाला की जमीनी हकीकत कुछ और ही है. खुले में घूम रहे गोवंश किसानों की फसलों को चट कर रहे हैं. दूसरी ओर गोशालाओं की बात करें तो वहां पशुओं की व्यवस्था न देकर पौधरोपण कर दिया गया है.

अयोध्या में गोशाला बनी पौधशाला

अयोध्या के अमानीगंज विकासखंड के तालढोली स्थित गोशाला का लोकार्पण नवंबर 2018 में हुआ था, लेकिन स्थानीय लोगों की माने तो यह गोशाला महज 3 महीने पहले ही संचालित हुई है.

गोशाला के एक भाग में हुआ पौधरोपण
अमानीगंज विकासखंड स्थित तालढोली गोशाला के एक भाग में पौधरोपण किया गया है. स्थानीय लोगों की माने तो इस समस्या को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की जा चुकी है. गोशाला के बड़े भाग में पौधरोपण किया गया है, जबकि छोटे भाग में महज 25 से 30 जानवर ही रखे गए हैं.

लोकार्पण के 1 वर्ष बाद संचालित हुई गोशाला
गोशाला में लोकार्पण के शिलापट में स्पष्ट लिखा है कि इसका लोकार्पण नवंबर 2018 में हुआ था, लेकिन स्थानीय लोगों की माने तो महज 3 महीने पहले यह गोशाला संचालित हुई है.

ईटीवी भारत की टीम ने इससे पहले दिसंबर महीने में जब स्थल का निरीक्षण किया था तो गोशाला पूरी तरह बंद पाई गई थी, जब स्थानीय ग्राम प्रधान से इस विषय में जानकारी मांगी गई तो वह कैमरे से बचते नजर आए.

कैमरे से हटकर जब उनसे बात की गई तो उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में इस गोशाला को संचालित कर दिया जाएगा. गोशाला संचालित होने का कारण उन्होंने बताया कि विद्युत कनेक्शन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते यहां गोशाला में पशुओं की व्यवस्था नहीं हो पा रही है.

फिलहाल गोशाला संचालक को लेकर आ रही लापरवाही चौंकाने वाली है. इसका खामियाजा स्थानीय किसानों और ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. खुले में घूम रहे गोवंश किसानों की फसलों को चट कर रहे हैं. वहीं जिम्मेदार अधिकारी जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं. उपजिलाधिकारी मिल्कीपुर का कहना है कि

गांव में राशि की समस्या आ रही थी, जिसके चलते गोशाला को दो पार्ट में बनाया गया है. इस विषय में ग्राम विकास अधिकारी से बातचीत के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
-अशोक कुमार शर्मा,एसडीएम

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