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अयोध्या: कचहरी सीरियल बम ब्लास्ट मामले में फैसला सुरक्षित, 20 दिसंबर को आएगा फैसला

उत्तर प्रदेश में कचहरी सीरियल बम ब्लास्ट के आरोपियों के भाग्य के फैसले की तिथि तय हो गई है. 13 साल पुराने इस मामले में 20 दिसंबर को अदालत अपना फैसला सुनाएगा.

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20 दिसंबर को आएगा कचहरी सीरियल बम ब्लास्ट पर फैसला.
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Published : Dec 11, 2019, 7:22 PM IST

अयोध्या: फैजाबाद कचहरी सीरियल बम ब्लास्ट के आरोपियों के भाग्य के फैसले की तिथि तय हो गई है. 13 साल पुराने इस मामले में 20 दिसंबर को अदालत अपना फैसला सुनाएगी. विशेष अदालत ने कचहरी सीरियल ब्लास्ट प्रकरण में सुनवाई पूरी कर ली है.

20 दिसंबर को आएगा कचहरी सीरियल बम ब्लास्ट पर फैसला.
  • अयोध्या मंडल कारागार में कचहरी सीरियल बम ब्लास्ट की सुनवाई का कल अंतिम दौर था, जो कि पूरा हो चुका है.
  • सुनवाई के बाद एडीजे ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और 20 दिसंबर को यह फैसला सुबह 10 बजे सुनाया जाएगा.
  • इस मामले पर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय बहादुर सिंह ने बताया कि यह बम ब्लास्ट लखनऊ, फैजाबाद और बनारस में हुए थे.
  • इसमें लगभग 36 से ज्यादा लोग घायल हुए थे,
  • वहीं कई लोगों की अयोध्या जिले में धमाके के दौरान मौत हुई थी, जिनमें दो स्टांप विक्रेता थे, एक मुवक्किल और दो अन्य लोग थे.

13 साल पुराने इस मामले पर सुनवाई पूरी
बता दें, 13 साल पुराने इस मामले पर अब सुनवाई पूरी हो चुकी है. फिलहाल सभी आरोपी बाराबंकी की जिला कारागार में बंद हैं और उन्हें इस फैसले के मद्देनजर अयोध्या मंडल कारागार में शिफ्ट करने का आदेश भी दिया जा चुका है. यह केस 23 नवंबर 2007 का है, जिसमें फैजाबाद, बनारस और लखनऊ की कचहरी में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे. एक के बाद एक हुए धमाके से पूरे देश में सनसनी फैल गई थी. इस धमाके में तत्कालीन एडवोकेट राधिका प्रसाद मिश्रा समेत कुल 4 लोगों की मौत हुई थी.

फैजाबाद में दो, लखनऊ और बनारस में हुए थे एक-एक ब्लास्ट
फैजाबाद में 2 ब्लास्ट हुए थे, जबकि लखनऊ में एक और बनारस में भी एक ब्लास्ट हुआ था. तत्कालीन एसटीएफ की टीम ने बाराबंकी रेलवे स्टेशन के पास से चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया था. जिन संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया, उनमें तारिक कासमी, मोहम्मद अख्तर और तारीख सज्जाद और रहमान और खालिद मुजाहिद मुख्य तौर पर शामिल थे. पिछले 13 साल से केस चल रहा था. इसमें से एक आरोपी खालिद मुजाहिद की बाराबंकी के जिला कारागार में मौत हो चुकी है. बाकी बचे हुए संदिग्ध आतंकियों पर 20 दिसंबर को फैसला सुनाया जाएगा. अयोध्या मंडल कारागार में स्पेशल कोर्ट में इस फैसले को सुनाया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- अयोध्या फैसला : हिन्दू महासभा दायर करेगी पुनर्विचार याचिका

20 दिसंबर को यह फैसला आना है. इस फैसले की पूरी सुनवाई कल ही हो चुकी थी. आज इस पर कोर्ट ने अपना फैसला लिखते हुए सुरक्षित रख लिया है. इस फैसले को 20 दिसंबर को सार्वजनिक किया जाएगा. हमने उसके मद्देनजर जिला प्रशासन से कचहरी में सिक्योरिटी और अन्य व्यवस्था को बंदोबस्त करने के लिए कहा है. पत्र में हमने सभी प्रकरण का जिक्र करते हुए यह भी कहा है कि इस केस से जुड़े हुए वकील को भी सुरक्षा दी जाए.
विजय बहादुर सिंह, अध्यक्ष, बार एसोसिएशन

अयोध्या: फैजाबाद कचहरी सीरियल बम ब्लास्ट के आरोपियों के भाग्य के फैसले की तिथि तय हो गई है. 13 साल पुराने इस मामले में 20 दिसंबर को अदालत अपना फैसला सुनाएगी. विशेष अदालत ने कचहरी सीरियल ब्लास्ट प्रकरण में सुनवाई पूरी कर ली है.

20 दिसंबर को आएगा कचहरी सीरियल बम ब्लास्ट पर फैसला.
  • अयोध्या मंडल कारागार में कचहरी सीरियल बम ब्लास्ट की सुनवाई का कल अंतिम दौर था, जो कि पूरा हो चुका है.
  • सुनवाई के बाद एडीजे ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और 20 दिसंबर को यह फैसला सुबह 10 बजे सुनाया जाएगा.
  • इस मामले पर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय बहादुर सिंह ने बताया कि यह बम ब्लास्ट लखनऊ, फैजाबाद और बनारस में हुए थे.
  • इसमें लगभग 36 से ज्यादा लोग घायल हुए थे,
  • वहीं कई लोगों की अयोध्या जिले में धमाके के दौरान मौत हुई थी, जिनमें दो स्टांप विक्रेता थे, एक मुवक्किल और दो अन्य लोग थे.

13 साल पुराने इस मामले पर सुनवाई पूरी
बता दें, 13 साल पुराने इस मामले पर अब सुनवाई पूरी हो चुकी है. फिलहाल सभी आरोपी बाराबंकी की जिला कारागार में बंद हैं और उन्हें इस फैसले के मद्देनजर अयोध्या मंडल कारागार में शिफ्ट करने का आदेश भी दिया जा चुका है. यह केस 23 नवंबर 2007 का है, जिसमें फैजाबाद, बनारस और लखनऊ की कचहरी में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे. एक के बाद एक हुए धमाके से पूरे देश में सनसनी फैल गई थी. इस धमाके में तत्कालीन एडवोकेट राधिका प्रसाद मिश्रा समेत कुल 4 लोगों की मौत हुई थी.

फैजाबाद में दो, लखनऊ और बनारस में हुए थे एक-एक ब्लास्ट
फैजाबाद में 2 ब्लास्ट हुए थे, जबकि लखनऊ में एक और बनारस में भी एक ब्लास्ट हुआ था. तत्कालीन एसटीएफ की टीम ने बाराबंकी रेलवे स्टेशन के पास से चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया था. जिन संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया, उनमें तारिक कासमी, मोहम्मद अख्तर और तारीख सज्जाद और रहमान और खालिद मुजाहिद मुख्य तौर पर शामिल थे. पिछले 13 साल से केस चल रहा था. इसमें से एक आरोपी खालिद मुजाहिद की बाराबंकी के जिला कारागार में मौत हो चुकी है. बाकी बचे हुए संदिग्ध आतंकियों पर 20 दिसंबर को फैसला सुनाया जाएगा. अयोध्या मंडल कारागार में स्पेशल कोर्ट में इस फैसले को सुनाया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- अयोध्या फैसला : हिन्दू महासभा दायर करेगी पुनर्विचार याचिका

20 दिसंबर को यह फैसला आना है. इस फैसले की पूरी सुनवाई कल ही हो चुकी थी. आज इस पर कोर्ट ने अपना फैसला लिखते हुए सुरक्षित रख लिया है. इस फैसले को 20 दिसंबर को सार्वजनिक किया जाएगा. हमने उसके मद्देनजर जिला प्रशासन से कचहरी में सिक्योरिटी और अन्य व्यवस्था को बंदोबस्त करने के लिए कहा है. पत्र में हमने सभी प्रकरण का जिक्र करते हुए यह भी कहा है कि इस केस से जुड़े हुए वकील को भी सुरक्षा दी जाए.
विजय बहादुर सिंह, अध्यक्ष, बार एसोसिएशन

Intro:अयोधया. साल 2007 में उत्तर प्रदेश के सीरियल बम ब्लास्ट में जान गवा चुके मासूम और निर्दोष लोगों की आत्मा को अब जाकर शांति मिलेगी। कचहरी बम ब्लास्ट के नाम से मशहूर हुआ यह कांड के फैसले की फ़ाइल पर निर्णय लिखकर रख लिया गया है। अयोध्या
मंडल कारागार में इसकी सुनवाई का कल अंतिम दौर था, जो कि, पूरी हो चुकी है। सुनवाई के बाद एडीजे ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और 20 दिसंबर 2019 को यह फैसला सुबह 10:00 बजे सुनाया जाएगा। इस मामले पर ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान बार एसोसिएशन अध्यक्ष विजय बहादुर सिंह ने बताया कि यह बम ब्लास्ट में लखनऊ फैजाबाद और बनारस में हुए थे। जिसमें लगभग 3 दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए थे, वही कई लोगों की अयोध्या जिले में धमाके के दौरान मौत हुई थी। जिनमें दो स्टांप विक्रेता थे, एक मुवक्किल और दो अन्य लोग थे. बार Body:एसोसिएशन अध्यक्ष विजय बहादुर सिंह ने बताया के 20 दिसंबर को यह फैसला आना है, इस फैसले को पूरी सुनवाई कल ही हो चुकी थी। आज इस पर कोर्ट ने अपना फैसला लिखते हुए सुरक्षित रख लिया है और इस फैसले को 20 दिसंबर को सार्वजनिक किया जाएगा, हमने उसके मद्देनजर जिला प्रशासन से कचहरी में सिक्योरिटी और अन्य व्यवस्था को बंदोबस्त करने के लिए कहा है, पत्र में हमने सभी प्रकरण का जिक्र करते हुए यह भी कहा है कि, इस केस से जुड़े हुए वकील को भी सुरक्षा दी जाए। आपको बताते चलें कि 13 साल पुराने इस मामले पर अब सुनवाई पूरी हो चुकी है फिलहाल सभी आरोपी बाराबंकी की जिला कारागार में बंद है और उन्हें इस फैसले के मद्देनजर अयोध्या मंडल कारागार में शिफ्ट करने का आदेश भी दिया जा चुका है यह केस 23 नवंबर 2007 का है जिसमें फैजाबाद बनारस और लखनऊ की कचहरी में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे एक के बाद एक हुए धमाके से पूरे देश में सनसनी दौड़ गई थी इस धमाके में तत्कालीन एडवोकेट राधिका प्रसाद मिश्रा समेत कुल 4 लोगों की मौत हुई थी फैजाबाद में 2 ब्लास्ट हुए थे जबकि लखनऊ में एक और बनारस में भी एक ब्लास्ट हुआ था तत्कालीन एसटीएफ की टीम ने बाराबंकी रेलवे स्टेशन के पास से चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया था जिन संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया उनमें तारिक कासमी मोहम्मद अख्तर और तारीख सज्जाद और रहमान और खालिद मुजाहिद मुख्य तौर पर शामिल थे एनी पर पिछले 13 साल से केस चल रहा था इसमें से एक आरोपी खालिद मुजाहिद की बाराबंकी के जिला कारागार में मौत हो चुकी है बाकी बचे हुए संदिग्ध आतंकियों पर 20 दिसंबर को फैसला सुनाया जाएगा अयोध्या मंडल कारागार में स्पेशल कोर्ट में इस फैसले को सुनाया जाएगा।

बाइट बार अस्सोसीएनशन विजय बहादुर सिंहConclusion:दिनेश मिश्रा
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