अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या के सरयू तट के किनारे स्थित प्रमुख नया घाट चौराहे का नाम अब लता मंगेशकर चौक हो चुका है. वहीं इस चौराहे की सुंदरता को बढ़ाने के लिए और स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर(Vocal Queen Lata Mangeshkar) की स्मृति में लता मंगेशकर चौक का निर्माण कार्य(Construction work of Lata Mangeshkar Chowk) अंतिम चरण में है.
गुरुवार को इस चौक का प्रमुख आकर्षण एक विशालकाय वीणा वाद्य यंत्र ट्रक के जरिए पहुंच गया है. जिसे चौक के मध्य में स्थापित किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसी माह में चौक को बनाकर पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए दिन-रात कार्य चल रहा है. चौक के निर्माण होने से अयोध्या में प्रवेश करने वाले आम पर्यटकों दर्शनार्थियों को एक अद्भुत अनुभव होगा.
चौक के केंद्र में वीणा (संगीत वाद्ययंत्र) की 10 मीटर ऊंची मूर्ति स्थापित की जा रही है. स्टेनलेस स्टील से बने 92 कमल के फूलों वाले तालाब में मंच होगा. जिस पर वीणा स्थापित की जा रही है. लता मंगेशकर का इस साल फरवरी में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. इसके बाद मुख्यमंत्री ने उनके नाम पर मंदिर और शहर में एक चौक बनाने की घोषणा की थी.
सूत्रों की मानें तो आगामी 26 सितंबर को इस चौराहे का निरीक्षण का निरीक्षण खुद मुख्यमंत्री करने पहुंच रहे हैं. दीपोत्सव में लता मंगेशकर चौक का उद्घाटन(Inauguration of Lata Mangeshkar Chowk) सीएम करेंगे. लता मंगेशकर चौराहे पर लगने वाली वीणा के मूर्तिकार राम सुतार फाइन आर्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर ने बताया कि 40 फीट लंबी वीणा बनाई गई है. वीणा का निर्माण कांसे से हुआ है. वीणा की नक्काशी प्राचीन पद्धति पर की गई है. और इसका कुल वजन 14 टन है.
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चौराहे पर 45 डिग्री के एंगल पर वीणा को खड़ा किया जाएगा. वीणा में जमीन में निचले सपोर्ट पर मां लक्ष्मी और मां सरस्वती के चित्र बनाए गए हैं. वीणा के ऊपरी हिस्से में मां सरस्वती का चित्र और उनके आसपास दो मोर आकर्षण का केंद्र होंगे. मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल सुथार ने कहा कि मां सरस्वती का चित्र कमल दल पर है.
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