अयोध्या: धर्मनगरी में राम के नाम पर खेल करने का एक बड़ा मामला सामने आया है. जिसमें सरयू नदी के किनारे डूब क्षेत्र की जमीनें सरकारी नजूल की जमीनें और ग्रामीण क्षेत्र की जमीनों के एक बड़े हिस्से को सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर प्रॉपर्टी डीलरों ने बेचा है. इस खरीद-फरोख्त में किसी भी मानक का पालन नहीं किया गया है. जिसके दृष्टिगत अयोध्या विकास प्राधिकरण ने 40 ऐसे प्रॉपर्टी डीलरों की लिस्ट जारी की है, जिन्होंने गैरकानूनी तरीके से जमीनें खरीदी बेची और वहां प्लाटिंग कराकर कॉलोनी बसा दीं.
शर्मनाक बात यह है कि इन प्रॉपर्टी डीलरों की लिस्ट में अयोध्या के सदर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, महापौर ऋषिकेश उपाध्याय और मिल्कीपुर के पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा का नाम भी शामिल है. विकास प्राधिकरण द्वारा यह लिस्ट जारी करने के बाद हड़कंप मचा हुआ है और विपक्ष अब सत्तारूढ़ दल को घेरने की तैयारी में जुट गया है.फैजाबाद शहर के तटीय इलाकों में बड़े पैमाने पर जमीनों की प्लॉटिंग करा कर उन्हें बेचा गया. वहां पर अवैध रूप से कॉलोनियां बसाई गई. लोगों ने मकान खरीदे और अपने घर बना लिए.
बीते 15 दिन पहले जब विकास प्राधिकरण ने उस इलाके को नदी का तराई इलाका मानते हुए डूब क्षेत्र घोषित कर बुलडोजर लेकर मकानों को गिराना शुरू किया तो हड़कंप मच गया. जिसके बाद जब मामले की जांच पड़ताल शुरू हुई तो पता चला कि जिन लोगों ने इस इलाके में मकान बनाए हैं. उन्होंने जमीन के बैनामे से लेकर सरकारी महकमे के जरिए खारिज दाखिल की कार्रवाई और नगर निगम से मकान नंबर भी आवंटित करा लिया है. ऐसे में यह मकान स्वामी दावा कर रहे हैं कि जब उनके पास जमीन पर कब्जा लेने और मकान बनाने का अधिकार प्राप्त है तो उनके मकान और जमीन अवैध कैसे घोषित हो गए.
पूर्व राज्य मंत्री ने बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप
अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा प्रॉपर्टी डीलरों को अवैध रूप से जमीन बेचने के मामले में सियासत तेज हो गई है. जमीन की अवैध खरीद-परोख्त के मामले में सत्ताधारी दल के एक विधायक, एक पूर्व विधायक और एक महापौर का नाम सामने आने पर विपक्षी दलों को हमलावर होने का मौका मिल गया है. इस मामले में समाजवादी पार्टी में राज्य मंत्री रहे तेज नारायण पांडे पवन ने बीजेपी पर निशाना साधा है.
पूर्व मंत्री पवन पांडे ने मंडल के कमिश्नर और मुख्यमंत्री सहित प्रमुख सचिव को प्रेषित एक पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने मांग की है कि नजूल और राजस्व विभाग के विभिन्न विभागों और पटल पर काम करने वाले कुछ कर्मचारी अधिकारियों को तत्काल हटाकर कार्यालय को सील किया जाए. पूर्व मंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार से संबंधित दस्तावेजों को कर्मचारियों/अधिकारियों द्वारा नुकसान पहुंचाया जा सकता है. पवन पांडे ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल के नेता राम के नाम पर अयोध्या को लूट रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि अयोध्या में हो रही लूट के षड्यंत्र में राजस्व विभाग और नजूल के कई अधिकारी/कर्मचारी भी शामिल हैं. जिनकी मदद से अवैध रूप से जमीनों की खरीद-फरोख्त की गई है. अवैध रूप से कॉलोनियां बनाई गईं हैं. पवन पांडे ने इस मामले में कार्रवाई कराने की मांग की है.
सांसद लल्लू सिंह ने की थी SIT की मांग
जब इस पूरे मामले को लेकर बवाल खड़ा हुआ और विपक्ष ने सरकार को और प्रशासन को घेरना शुरू किया. तब फैजाबाद सांसद लल्लू सिंह ने करीब सप्ताह भर पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा और इस पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि अयोध्या जिले में बड़े पैमाने पर सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से प्रॉपर्टी डीलरों ने जमीनों की प्लॉटिंग की है और लोगों को बेचा है. इस मामले में सांसद लल्लू सिंह ने एक एसआईटी गठित कर एसआईटी टीम के द्वारा जांच की मांग की थी. जिसके बाद अब विकास प्राधिकरण ने 40 प्रॉपर्टी डीलरों की लिस्ट जारी कर दी है.
विकास प्राधिकरण द्वारा जारी की गई लिस्ट में शहर के कई बड़े प्रॉपर्टी डीलर शामिल है. दिलचस्प बात यह है कि अयोध्या सदर के विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने प्रॉपर्टी डीलर नन्हे मियां के साथ, जबकि अयोध्या नगर निगम के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने निजी तौर पर जमीनों की खरीद-फरोख्त की है और उन्हें बेचा भी है. वहीं, मिल्कीपुर से पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा ने सचिन अग्रवाल नाम के प्रॉपर्टी डीलर के साथ जमीनों का सौदा किया है. इसके अलावा जमीनों को ग्राहकों को बेचा भी गया है और इस पूरी कार्रवाई में तमाम सरकारी नियमों की अवहेलना की गई है.
जिन जमीनों की खरीद-फरोख्त को लेकर हंगामा खड़ा हुआ है, यह जमीन है अयोध्या सरयू नदी के तराई क्षेत्र से लेकर अयोध्या नगर निगम के रिहायशी इलाकों शहर से सटे ग्रामीण इलाकों से जुड़ी है. विकास प्राधिकरण द्वारा लिस्ट जारी करने के बाद हड़कंप मचा हुआ है. अवैध रूप से प्लाटिंग करने और कॉलोनी बसाने के मामले में जब सत्तारूढ़ दल के विधायक और महापौर का नाम सामने आया है तो अब इस मामले को लेकर राजनीति होना लाजमी है और कहीं न कहीं सत्ताधारी दल के नेता सवालों के घेरे में हैं.
वहीं, अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने कहा है कि लिस्ट जारी करके लोगों को नोटिस भेजने की कार्रवाई की जा रही है. जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने लोगों से अपील की है कि वह प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा बेची जा रही जमीनों को न खरीदें बिना विकास प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराए अपने मकान न बनाएं.
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