अयोध्या : रामनगरी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में अभी दो महीना है, लेकिन अभी से धर्म नगरी में कार्यक्रमों का दौर शुरू हो गया है. कभी जय श्रीराम का उद्घोष करते हुए ढोल-मृदंग की आवाज पर मंडली कीर्तन करते दर्शन के लिए पहुंच रही तो कभी दूसरे शहरों से आए कलाकार कला के माध्यम से रामलला के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं. सोमवार की शाम ऐसा ही नजारा देखने को मिला. महाराष्ट्र के नागपुर से ढोल ताशे के साथ शिव गर्जना समूह के 100 से अधिक सदस्य अयोध्या पहुंचे. उन्होंने अपनी प्रस्तुतियों से सबका ध्यान खींचा.
रामनगरी पहुंचा सौ कलाकारों का जत्था : महाराष्ट्र के नागपुर से आए शिव गर्जना समूह के 100 महिला और पुलिस कलाकार अयोध्या के कारसेवक पुरम परिसर से निकलकर ढोल-ताशे बजाते हुए भगवान राम की अर्चना की. इस नजारे को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुट गई. समूह के कलाकारों में भगवान राम के दरबार का दर्शन करने और उनके समक्ष अपनी प्रस्तुति देने को लेकर खासा उत्साह देखा गया. समूह का नेतृत्व करने वाले प्रतीक टेटे ने बताया कि हमारी कई पीढ़ियों की प्रतीक्षा का फल अब हमें मिल रहा है. भगवान राम का मंदिर बन रहा है. इस खुशी में हम अपने समूह के साथ अयोध्या में भगवान राम की अर्चना करने के लिए आए हैं. इसके लिए हम अपने वाद्य यंत्रों को साथ लाए हैं. विशेष ध्वनि के साथ हम भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठित होने की खुशी मना रहे हैं.
महिला कलाकारों ने जमकर बजाए ढोल : महिला समूह का नेतृत्व कर रहीं कनक प्रतीक टेटे ने बताया कि भगवान राम अपने नवनिर्मित मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित होने वाले हैं. इससे बड़ी खुशी और कुछ नहीं हो सकती, जब भगवान राम का मंदिर बन रहा है तो धूम धड़ाका भी होगा और ढोल भी बजेंगे. हमारी लोक संस्कृति में जिन वाद्य यंत्र का प्रयोग किया गया है. उन्हीं के जरिए हम आज भगवान राम के दरबार में अपनी मौजूदगी का अहसास कराने आए हैं. उनके चरणों में हम अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं.आने वाले 22 जनवरी को भी इसी तरह से हम ढोल ताशे बजाकर उत्साह के साथ भगवान राम के मंदिर के उद्घाटन की खुशी मनाएंगे. हमारे समूह में 25 लड़कियां शामिल हैं जो ढोल ताशे के साथ प्रस्तुति देने आईं हैं.
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