अयोध्या: बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत के मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है. वहीं महाराष्ट्र के पालघर में हुई संतों की हत्या को 5 महीने बीतने को हैं, लेकिन अब तक आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित नहीं हो सकी है. ऐसे में रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने महाराष्ट्र सरकार पर कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि संतों की हत्या के बाद संतोषजनक जांच न होना शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है.
आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि संत-महाराज समाज के सभी वर्गों के लिए कार्य करते हैं. ऐसे में बर्बरता से पूर्व संतों की हत्या के मामले में जांच पूरी होने में समय लगना और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई पूरी न हो पाना, देश के लिए दुर्भाग्य का विषय है.
शिवसेना हमेशा से संतों का सम्मान करती रही है, लेकिन बाला साहब ठाकरे के साथ ही यह सिद्धांत समाप्त हो गया. उद्धव ठाकरे की सरकार में महाराष्ट्र में संतों की निर्मम हत्या हो रही है. पालघर में संतों की हत्या के मामले में देश के सभी संत निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं, जो अभी तक हुआ नहीं है.
संत समाज अपना पूरा जीवन समाज को ही समर्पित करते हैं, बावजूद इसके उनकी हत्या कर दी जाती है. साथ ही दोषियों को सजा तक नहीं होती. संतों की हत्या करने वाले दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए, लेकिन अब तक महाराष्ट्र सरकार ने कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं सुनिश्चित करवाई है. आचार्य का कहना है कि पूरा संत समाज संतों की हत्या मामले में सीबीआई जांच की मांग करता है.