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Ayodhya Ram Mandir: राममंदिर निर्माण के 2 साल, कब होंगे रामलला के दर्शन, जानें खास बातें...

अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के निर्माण कार्य को शुरू हुए 2 साल पूरे हो गए हैं. 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा मंदिर निर्माण की नींव रखे जाने के बाद अब तक मंदिर में लगभग 30 से 40 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है.आइये जानते हैं मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें...

ram mandir in Ayodhya.
ram mandir in Ayodhya.
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Published : Aug 5, 2022, 10:46 AM IST

Updated : Aug 5, 2022, 11:21 AM IST

अयोध्या: धर्मनगरी अयोध्या में चल रहे भव्य राम मंदिर निर्माण कार्य के 2 वर्ष शुक्रवार को पूरे हो रहे हैं. 5 अगस्त 2020 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन कर राम मंदिर निर्माण की शुरुआत की थी. जिसके बाद तमाम खंझावातों को पार करते हुए मंदिर का निर्माण कार्य निर्बाध रूप से चल रहा है. इन 2 वर्षों में वह समय भी शामिल है जब कोरोना नाम की त्रासदी सदी से पूरी दुनिया परेशान थी. उस समय भी भगवान श्री राम लला की कृपा से मंदिर का निर्माण कार्य नहीं रुका.

जानकारी देते श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय.

चौंकाने वाली बात यह है की तमाम जतन करने के बाद भी देश की बड़ी आबादी कोरोना संक्रमण की शिकार हो गई. साल 2021 के अप्रैल-मई जून महीने में जब देश के हर राज्य है शहर में इस बीमारी ने मौत का तांडव मचा रखा था. उस समय भी मंदिर का निर्माण कार्य जारी था और यहां काम करने वाले सैकड़ों तकनीकी विशेषज्ञों और श्रमिकों को यह बीमारी छू भी नहीं पाई. राम भक्तों की मानें तो यह रामलला की कृपा ही है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में कोई अड़चन नहीं आई, कई बातें और भी हैं जो अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर को देश के अन्य मंदिरों से अलग बताती है. अपनी इस रिपोर्ट में हम आपको यह बताएंगे कि आखिरकार अयोध्या का राम मंदिर देश के अन्य भव्य मंदिरों से अलग क्यों है.

15 पीढ़ियों से 131 मंदिर बना चुके गुजरात के सोमपुरा परिवार ने बनाया है मंदिर का मॉडल
देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग शहरों में कई खूबसूरत मंदिरों के मॉडल बना चुके गुजरात के अहमदाबाद के सोमपुरा परिवार ने अयोध्या के राम मंदिर का मॉडल बनाया है. साल 1987 में विश्व हिंदू परिषद ने चंद्रकांत सोमपुरा से संपर्क कर उन्हें मंदिर का मॉडल बनाने के लिए कहा. हालांकि इस वक्त चंद्रकांत सोमपुरा की उम्र 80 वर्ष से अधिक है और अब उनके दो बेटे निखिल सोमपुरा और आशीष सोमपुरा इस काम को पूरी जिम्मेदारी से निभा रहे हैं. अयोध्या में जिस राम मंदिर का निर्माण हो रहा है उसका पूरा मॉडल इसी परिवार ने बनाया है.

नागर शैली में बनाया जा रहा है अयोध्या में राम मंदिर
अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर को खास नागर शैली में बनाया जा रहा है. मंदिर में 318 खंभे बनेंगे. नए डिजाइन के हिसाब से मंदिर की चौड़ाई 235 फीट, लंबाई 360 फीट और ऊंचाई 161 फीट होगी. मंदिर के गर्भगृह से पहले 3 शिखर वाले स्थान होंगे. सबसे पहले भजन-कीर्तन का स्थान, दूसरे में ध्यान और तीसरे में राम लला के दर्शन की व्यवस्था होगी. मंदिर के गर्भगृह में पुजारी के अलावा और किसी को जाने की अनुमति नहीं होगी. मंदिर के दूसरे तल पर राम दरबार होगा, जहां भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के साथ हनुमान भी विराजमान होंगे.

कितनी मजबूत बनाई गई है मंदिर की बुनियाद
15 मार्च, 2021 को राम मंदिर निर्माण के लिए खोदी गई नींव की भराई का काम शुरू हुआ. विशेषज्ञों की सलाह के बाद इंजीनियर सॉइल के जरिए नींव को भरा गया. रोलर कॉम्पेक्टेड कंक्रीट तकनीक से करीब 1 लाख, 20 हजार स्क्वेयर फीट एरिया में 40-45 परतें बिछाई गईं. हर एक परत की मोटाई 8 इंच है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, राम मंदिर के शिखर की ऊंचाई करीब 161 फीट होगी. मंदिर की लंबाई 280-300 फीट होगी, जबकि इसमें 5 गुंबद होंगे. जुलाई 2022 के महीने में मंदिर निर्माण का लगभग 40 फीसदी काम पूरा हो चुका है. जमीन के अंदर बुनियाद डालने के बाद मंदिर निर्माण के लिए प्लेटफार्म तैयार हो चुका है और अब पत्थरों को खड़ा कर मंदिर को आकार देने की बारी है. इस योजना पर नवंबर से काम शुरू करने के लिए ट्रस्ट ने पूरी तैयारी कर ली है.

1 हजार साल से ज्यादा हो सकती है मंदिर की आयु
मजबूती की बात करें तो यह मंदिर इतना मजबूत है कि बड़े से बड़े आंधी तूफान और भूकंप को भी झेल सकता है और मंदिर को कोई क्षति नहीं पहुंचेगी. इसके अलावा बाढ़ और भूस्खलन जैसी विपदा को भी यह मंदिर आसानी से झेल सकेगा. मंदिर को मजबूती देने के लिए जमीन तल से करीब 50 फीट नीचे तक खुदाई कर मिट्टी की एक चट्टान तैयार की गई है. इसके ऊपर रामलला का भव्य मंदिर खड़ा होगा. दावा इस बात का भी है कि यह मंदिर 1 हजार वर्ष तक यूं ही खड़ा रहेगा. इस मंदिर पर किसी भी प्राकृतिक विपदा का असर नहीं होगा.

इसे भी पढे़ं- Ram Mandir निर्माण के दो साल: जानिए, किसने तोड़ा मंदिर, कैसे ढहाया गया विवादित ढांचा और क्या हुआ इंसाफ?

अयोध्या: धर्मनगरी अयोध्या में चल रहे भव्य राम मंदिर निर्माण कार्य के 2 वर्ष शुक्रवार को पूरे हो रहे हैं. 5 अगस्त 2020 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन कर राम मंदिर निर्माण की शुरुआत की थी. जिसके बाद तमाम खंझावातों को पार करते हुए मंदिर का निर्माण कार्य निर्बाध रूप से चल रहा है. इन 2 वर्षों में वह समय भी शामिल है जब कोरोना नाम की त्रासदी सदी से पूरी दुनिया परेशान थी. उस समय भी भगवान श्री राम लला की कृपा से मंदिर का निर्माण कार्य नहीं रुका.

जानकारी देते श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय.

चौंकाने वाली बात यह है की तमाम जतन करने के बाद भी देश की बड़ी आबादी कोरोना संक्रमण की शिकार हो गई. साल 2021 के अप्रैल-मई जून महीने में जब देश के हर राज्य है शहर में इस बीमारी ने मौत का तांडव मचा रखा था. उस समय भी मंदिर का निर्माण कार्य जारी था और यहां काम करने वाले सैकड़ों तकनीकी विशेषज्ञों और श्रमिकों को यह बीमारी छू भी नहीं पाई. राम भक्तों की मानें तो यह रामलला की कृपा ही है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में कोई अड़चन नहीं आई, कई बातें और भी हैं जो अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर को देश के अन्य मंदिरों से अलग बताती है. अपनी इस रिपोर्ट में हम आपको यह बताएंगे कि आखिरकार अयोध्या का राम मंदिर देश के अन्य भव्य मंदिरों से अलग क्यों है.

15 पीढ़ियों से 131 मंदिर बना चुके गुजरात के सोमपुरा परिवार ने बनाया है मंदिर का मॉडल
देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग शहरों में कई खूबसूरत मंदिरों के मॉडल बना चुके गुजरात के अहमदाबाद के सोमपुरा परिवार ने अयोध्या के राम मंदिर का मॉडल बनाया है. साल 1987 में विश्व हिंदू परिषद ने चंद्रकांत सोमपुरा से संपर्क कर उन्हें मंदिर का मॉडल बनाने के लिए कहा. हालांकि इस वक्त चंद्रकांत सोमपुरा की उम्र 80 वर्ष से अधिक है और अब उनके दो बेटे निखिल सोमपुरा और आशीष सोमपुरा इस काम को पूरी जिम्मेदारी से निभा रहे हैं. अयोध्या में जिस राम मंदिर का निर्माण हो रहा है उसका पूरा मॉडल इसी परिवार ने बनाया है.

नागर शैली में बनाया जा रहा है अयोध्या में राम मंदिर
अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर को खास नागर शैली में बनाया जा रहा है. मंदिर में 318 खंभे बनेंगे. नए डिजाइन के हिसाब से मंदिर की चौड़ाई 235 फीट, लंबाई 360 फीट और ऊंचाई 161 फीट होगी. मंदिर के गर्भगृह से पहले 3 शिखर वाले स्थान होंगे. सबसे पहले भजन-कीर्तन का स्थान, दूसरे में ध्यान और तीसरे में राम लला के दर्शन की व्यवस्था होगी. मंदिर के गर्भगृह में पुजारी के अलावा और किसी को जाने की अनुमति नहीं होगी. मंदिर के दूसरे तल पर राम दरबार होगा, जहां भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के साथ हनुमान भी विराजमान होंगे.

कितनी मजबूत बनाई गई है मंदिर की बुनियाद
15 मार्च, 2021 को राम मंदिर निर्माण के लिए खोदी गई नींव की भराई का काम शुरू हुआ. विशेषज्ञों की सलाह के बाद इंजीनियर सॉइल के जरिए नींव को भरा गया. रोलर कॉम्पेक्टेड कंक्रीट तकनीक से करीब 1 लाख, 20 हजार स्क्वेयर फीट एरिया में 40-45 परतें बिछाई गईं. हर एक परत की मोटाई 8 इंच है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, राम मंदिर के शिखर की ऊंचाई करीब 161 फीट होगी. मंदिर की लंबाई 280-300 फीट होगी, जबकि इसमें 5 गुंबद होंगे. जुलाई 2022 के महीने में मंदिर निर्माण का लगभग 40 फीसदी काम पूरा हो चुका है. जमीन के अंदर बुनियाद डालने के बाद मंदिर निर्माण के लिए प्लेटफार्म तैयार हो चुका है और अब पत्थरों को खड़ा कर मंदिर को आकार देने की बारी है. इस योजना पर नवंबर से काम शुरू करने के लिए ट्रस्ट ने पूरी तैयारी कर ली है.

1 हजार साल से ज्यादा हो सकती है मंदिर की आयु
मजबूती की बात करें तो यह मंदिर इतना मजबूत है कि बड़े से बड़े आंधी तूफान और भूकंप को भी झेल सकता है और मंदिर को कोई क्षति नहीं पहुंचेगी. इसके अलावा बाढ़ और भूस्खलन जैसी विपदा को भी यह मंदिर आसानी से झेल सकेगा. मंदिर को मजबूती देने के लिए जमीन तल से करीब 50 फीट नीचे तक खुदाई कर मिट्टी की एक चट्टान तैयार की गई है. इसके ऊपर रामलला का भव्य मंदिर खड़ा होगा. दावा इस बात का भी है कि यह मंदिर 1 हजार वर्ष तक यूं ही खड़ा रहेगा. इस मंदिर पर किसी भी प्राकृतिक विपदा का असर नहीं होगा.

इसे भी पढे़ं- Ram Mandir निर्माण के दो साल: जानिए, किसने तोड़ा मंदिर, कैसे ढहाया गया विवादित ढांचा और क्या हुआ इंसाफ?

Last Updated : Aug 5, 2022, 11:21 AM IST
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