अयोध्या: डाॅ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय (Dr Ram Manohar Lohia Avadh University) के कौटिल्य प्रशासनिक भवन के सभागार में दीपोत्सव-2022 की तैयारियों (ayodhya deepotsav 2022) को लेकर कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह (Vice Chancellor Prof. Akhilesh Kumar Singh) की अध्यक्षता में शुक्रवार को महत्वपूर्ण बैठक हुई. बैठक में कुलपति ने दीपोत्सव के पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय का छठवां दीपोत्सव है. पांचवी बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness Book of World Records) में विश्वविद्यालय का नाम दर्ज होने जा रहा है. इसके लिए सभी को पूरी लगन के साथ सहयोग करना होगा.
कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय के वालंटियर्स राम की पैड़ी पर 16 लाख दीपक (16 lakh diyas on ram ki paidi) जलाएंगे. दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो. अजय प्रताप सिंह द्वारा खाका खींचा जा चुका है. चिन्हित घाटों पर 20 अक्टूबर से दीपक लगाने का कार्य शुरू हो जाएगा, जो 21 अक्टूबर तक सम्पन्न होगा. घाटों पर दीपों की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन के सहयोग, एनसीसी कैडेटों तथा सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे.
बैठक में कुलपति प्रो. सिंह ने बताया कि दीपोत्सव को यादगार बनाने के लिए 12 अक्टूबर से 15 अक्टूबर के मध्य जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. इससे आम जनमानस को अयोध्या के ऐतिहासिक दीपोत्सव से परिचित कराया जाएगा. सभी घाटों पर मार्किंग का कार्य 17 अक्टूबर से प्रारम्भ होकर 19 अक्टूबर तक चलेगा. कुलपति ने बताया कि इस बार का दीपोत्सव खास हो, इसके कमेटियां बनाई गईं हैं. सभी कमेटियों को कार्य आवंटित कर दिए गए हैं. कुलपति ने सभी कमेटियों के समन्वयकों से कहा है कि क्रियाशीलता के साथ दीपोत्सव को भव्य बनाने में कोई कसर न छोडे़ं.
यह भी पढ़ें: दीपोत्सव पर अयोध्या के प्रमुख मंदिरों में जलेंगे 21000 दीपक, नगर निगम ने बनाई रणनीति
झारखंड के आदिवासी समाज के छात्र भी दीपोत्सव कार्यक्रम में लेंगे हिस्सा
बैठक में दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो. अजय प्रताप सिंह ने बताया कि राम की पैड़ी पर दीपकों के रख-रखाव के लिए स्थान चिन्हित कर लिया गया है. विश्वविद्यालय को दीपोत्सव के 15 दिन पहले तेल और दीये की सप्लाई की जाएगी. जिससे दीपोत्सव में दीए और तेल की कोई कमी न रहेगी. 18 हजार वालंटियर्स के लिए जलपान व भोजन की व्यवस्था की गई है. इन स्थानों का भौतिक निरीक्षण कर लिया गया है. प्रो. सिंह ने बताया कि इस बार के दीपोत्सव में झारखंड के आदिवासी समाज से 25 छात्र-छात्राएं वालंटियर्स के रूप में शामिल हो रहे हैं.
वहीं, शुक्रवार की सुबह अयोध्या के गुप्तार घाट परिसर की सीढ़ियां पर सुंदर चित्रों से आलोकित हो उठे. सरयू नदी के संरक्षण के उद्देश्य से गुप्तार घाट पर मां सरयू के पौराणिक महत्व एवं मान्यताओं के साथ-साथ उसमें वास करने वाले जलीय जीव जंतुओं, प्रवासी पक्षियों को दर्शाया गया. शहर के अवध इंटरनेशनल स्कूल के बच्चों द्वारा म्यूरल पेंटिंग के जरिए नदी के महत्व के साथ साथ सरयू नदी को संरक्षित करने का संदेश भी दिया गया. इस मौके पर जिला गंगा समिति द्वारा गुप्तार घाट क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर डस्टबिन भी रखवाया गया है. कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने मां सरयू के संरक्षण को लेकर शपथ ली.
यह भी पढ़ें: 23 अक्टूबर को अयोध्या में मनेगा दीपोत्सव, 14.50 लाख दीये प्रज्ज्वलित कर बनेगा रिकार्ड