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अवध विवि में नैक मूल्यांकन के दृष्टिगत किया गया स्वैच्छिक श्रमदान - अवध विश्वविद्यालय में स्वैच्छिक श्रमदान

डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में नैक मूल्यांकन के दृष्टिगत स्वैच्छिक श्रमदान किया गया. इस अभियान में विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया.

अवध विश्वविद्यालय में कर्चमारियों ने किया स्वैच्छिक श्रमदान
अवध विश्वविद्यालय में कर्चमारियों ने किया स्वैच्छिक श्रमदान
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Published : Jan 24, 2021, 5:17 PM IST

अयोध्या: डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह के दिशा-निर्देशन में नैक मूल्यांकन के दृष्टिगत रविवार को प्रातः दो घंटे तक परिसर के विभिन्न विभागों में स्वैच्छिक श्रमदान एवं साफ-सफाई अभियान चला. इस अभियान में विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया.

इस अभियान में परिसर के कुलपति कार्यालय, प्रशासनिक भवन में लेखा विभाग, परीक्षा विभाग, गोपनीय, सम्बद्धता विभाग, अभियत्रंण विभाग, उपाधि विभाग, प्रशासनिक विभाग एवं ईडीपी सेल में अधिकारियों, प्रभारियों एवं कर्मचारियों ने अपने-अपने परिसर की साफ-सफाई कर श्रमदान किया.

इसी क्रम में शैक्षणिक विभागों में भी स्वैच्छिक श्रमदान किया गया, जिसमें परिसर के विभिन्न विभागों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने विभागों की साफ-सफाई कर श्रमदान किया. इस अभियान में कुछ विभागों के छात्र-छात्राओं ने अपने विभागों की साफ-सफाई कर श्रमदान किया.

अभियान मुख्य परिसर से लेकर आईईटी परिसर तक वृहद स्तर पर चला. कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने परिसर के दीक्षा भवन से लेकर विश्वविद्यालय के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तक का भ्रमण कर साफ-सफाई की जानकारी प्राप्त की.

स्वैच्छिक श्रमदान के प्रति कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय में नैक की टीम मार्च के प्रथम सप्ताह में आनी है. इस दृष्टिगत परिसर एवं विभागों को साफ-सुथरा बनाये रखने के लिए इस मुहिम को चलाया जा रहा है. इस मुहिम में विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारी अपना स्वैच्छिक श्रमदान कर रहे हैं.

कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने बताया कि स्वच्छता प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में जन्म से ही दिनचर्या के रूप में है. यह जरूरी नहीं है कि व्यक्ति इसे सिर्फ अपने घरों तक सीमित रखे, जहां से जुड़े हैं उसके आस-पास भी स्वच्छता के प्रति जागरूक रहना चाहिए. इससे समाज को एक साकारात्मक संदेश जाएगा. इस अभियान में विश्वविद्यालय के अधिकारी, शिक्षक एवं कर्मचारी शामिल रहे.

स्वच्छता एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के एमटीए विभाग द्वारा 'राष्ट्रीय पर्यटन दिवस' के रूप के अवसर पर तीन दिवसीय कार्यक्रम के द्वितीय क्रम में रविवार 24 जनवरी को स्वच्छता एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह रहे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने कहा कि हमारा देश हमारा गौरव है. पर्यटन को यदि बढ़ावा देना है तो बिना साफ-सफाई एवं जागरूकता के संभव नहीं है. पर्यटन की दृष्टि से अयोध्या का विकास तभी संभव है, जब हम सब स्वच्छता के प्रति जागरूक हों.

कुलपति ने सभी छात्र-छात्राओं को स्वच्छता के प्रति जागरूक रहने की प्रेरणा दी और कहा कि एक आदर्श जीवन वही होता है, जिसमें जीवन व्यवस्थित रहता है. व्यवस्थित करने का अर्थ है सही आदतों का मेल रहना, क्योंकि हमारे पास अथाह धन रहने के बावजूद भी अगर हम व्यवहार में स्वच्छता न लाएं तो हमारा धन व्यर्थ है.

गंदगी के कारण ढेर सारी जानलेवा बीमारियां फैलती हैं
जीवन में स्वच्छता का महत्व इतना ज्यादा है कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे समझाते हुए 'स्वच्छ भारत अभियान' जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रम चलाए, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत को स्वच्छ बनाने के साथ-साथ पूरी तरह खुले में शौच मुक्त बनाना है. गंदगी के कारण ढेर सारी जानलेवा बीमारियां फैलती हैं. इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका दैनिक रूप में अपने शरीर एवं आसपास के क्षेत्र की साफ-सफाई. इसलिए स्वच्छता के प्रति जागरूक रहें और दूसरों को भी जागरूक बनाएं.

अयोध्या: डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह के दिशा-निर्देशन में नैक मूल्यांकन के दृष्टिगत रविवार को प्रातः दो घंटे तक परिसर के विभिन्न विभागों में स्वैच्छिक श्रमदान एवं साफ-सफाई अभियान चला. इस अभियान में विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया.

इस अभियान में परिसर के कुलपति कार्यालय, प्रशासनिक भवन में लेखा विभाग, परीक्षा विभाग, गोपनीय, सम्बद्धता विभाग, अभियत्रंण विभाग, उपाधि विभाग, प्रशासनिक विभाग एवं ईडीपी सेल में अधिकारियों, प्रभारियों एवं कर्मचारियों ने अपने-अपने परिसर की साफ-सफाई कर श्रमदान किया.

इसी क्रम में शैक्षणिक विभागों में भी स्वैच्छिक श्रमदान किया गया, जिसमें परिसर के विभिन्न विभागों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने विभागों की साफ-सफाई कर श्रमदान किया. इस अभियान में कुछ विभागों के छात्र-छात्राओं ने अपने विभागों की साफ-सफाई कर श्रमदान किया.

अभियान मुख्य परिसर से लेकर आईईटी परिसर तक वृहद स्तर पर चला. कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने परिसर के दीक्षा भवन से लेकर विश्वविद्यालय के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तक का भ्रमण कर साफ-सफाई की जानकारी प्राप्त की.

स्वैच्छिक श्रमदान के प्रति कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय में नैक की टीम मार्च के प्रथम सप्ताह में आनी है. इस दृष्टिगत परिसर एवं विभागों को साफ-सुथरा बनाये रखने के लिए इस मुहिम को चलाया जा रहा है. इस मुहिम में विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारी अपना स्वैच्छिक श्रमदान कर रहे हैं.

कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने बताया कि स्वच्छता प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में जन्म से ही दिनचर्या के रूप में है. यह जरूरी नहीं है कि व्यक्ति इसे सिर्फ अपने घरों तक सीमित रखे, जहां से जुड़े हैं उसके आस-पास भी स्वच्छता के प्रति जागरूक रहना चाहिए. इससे समाज को एक साकारात्मक संदेश जाएगा. इस अभियान में विश्वविद्यालय के अधिकारी, शिक्षक एवं कर्मचारी शामिल रहे.

स्वच्छता एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के एमटीए विभाग द्वारा 'राष्ट्रीय पर्यटन दिवस' के रूप के अवसर पर तीन दिवसीय कार्यक्रम के द्वितीय क्रम में रविवार 24 जनवरी को स्वच्छता एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह रहे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने कहा कि हमारा देश हमारा गौरव है. पर्यटन को यदि बढ़ावा देना है तो बिना साफ-सफाई एवं जागरूकता के संभव नहीं है. पर्यटन की दृष्टि से अयोध्या का विकास तभी संभव है, जब हम सब स्वच्छता के प्रति जागरूक हों.

कुलपति ने सभी छात्र-छात्राओं को स्वच्छता के प्रति जागरूक रहने की प्रेरणा दी और कहा कि एक आदर्श जीवन वही होता है, जिसमें जीवन व्यवस्थित रहता है. व्यवस्थित करने का अर्थ है सही आदतों का मेल रहना, क्योंकि हमारे पास अथाह धन रहने के बावजूद भी अगर हम व्यवहार में स्वच्छता न लाएं तो हमारा धन व्यर्थ है.

गंदगी के कारण ढेर सारी जानलेवा बीमारियां फैलती हैं
जीवन में स्वच्छता का महत्व इतना ज्यादा है कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे समझाते हुए 'स्वच्छ भारत अभियान' जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रम चलाए, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत को स्वच्छ बनाने के साथ-साथ पूरी तरह खुले में शौच मुक्त बनाना है. गंदगी के कारण ढेर सारी जानलेवा बीमारियां फैलती हैं. इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका दैनिक रूप में अपने शरीर एवं आसपास के क्षेत्र की साफ-सफाई. इसलिए स्वच्छता के प्रति जागरूक रहें और दूसरों को भी जागरूक बनाएं.

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