अयोध्याः पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की अस्थियां आज अयोध्या के पवित्र नदी सरयू में प्रवाहित कर दी गईं. कल्याण सिंह के बेटे सांसद राजवीर सिंह और उनके पौत्र व यूपी सरकार में राज्यमंत्री संदीप सिंह अस्थियां लेकर दोपहर बाद अयोध्या पहुंचे. यहां पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत अस्थियों सरयू में प्रवाहित कर दिया गया.
इसके पहले अस्थि कलश वाहन अयोध्या के सरयू आरती घाट पर पहुंचा. जहां पर पहले से बनाए गए मंच पर अस्थि कलश को रखा गया. श्रद्धांजलि सभा कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के जिला स्तर के सभी वरिष्ठ नेताओं ने पुष्प अर्पित कर अस्थि कलश के जरिए दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को अंतिम विदाई दी.
बेटे रजवीर सिंह ने सरयू में प्रवाहित की अस्थियां
कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह और परिवार के अन्य सदस्यों ने नाव के जरिए सरयू नदी की धारा के पास पहुंचे और अस्थियों से भरा कलश विसर्जित कर दिया. इस दौरान हजारों की संख्या में समर्थक और अयोध्या के वरिष्ठ साधु-संत मौजूद रहे. दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि घाट के किनारे समर्थकों की इतनी ज्यादा तादात इकट्ठा हो गई थी. जिसे नियंत्रित करने में पुलिस को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा. कड़ी धूप होने के बावजूद बड़ी संख्या में समर्थक घंटों अस्थियों के कलश का दर्शन करने के लिए जमे रहे.
बाबूजी की अंतिम इच्छा हो रही है पूरी
अस्थि कलश को सरयू नदी में प्रवाहित करने के बाद दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह ने कहा कि बाबूजी की अंतिम इच्छा थी कि वह राम मंदिर का निर्माण अपनी आंखों से देख सके. वह इच्छा राम लला ने पूरी कर दी है. आज भले ही शरीर से वह हम सबके बीच नहीं है, लेकिन अयोध्या में उनकी आत्मा बसती थी.अयोध्या में आज भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है यही उनके लिए सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है.
संतों ने दी श्रद्धांजलि कल्याण सिंह को बताया सच्चा राम भक्त
श्रद्धांजलि सभा में मौजूद अयोध्या के वरिष्ठ संतो ने दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को सच्चा राम भक्त बताया. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए महंत शशिकांत दास ने कहा कि कल्याण सिंह जैसा राम भक्त अब इस धरती पर आएगा या नहीं यह संदिग्ध है. लेकिन इतना स्पष्ट है कि भगवान राम लला की सेवा में अपनी कुर्सी का त्याग करने वाले ऐसे अनन्य राम भक्तों का नाम चिरकाल के लिए अमर हो गया है. आज मां सरयू ने सच्चे राम भक्तों को अपनी गोद में समाहित कर लिया है. राम मंदिर का निर्माण ही दिवंगत कल्याण सिंह जी को सच्ची श्रद्धांजलि है.
बता दें कि अस्थि कलश विसर्जन यात्रा पैतृक गांव मढ़ौली से शुरू हुई, जो एटा के 5 विधानसभा क्षेत्रों से होती हुई सोरों स्थित गंगा घाट पहुंची. जहां अस्थियों का विसर्जन किया गया. इसके बाद यहां से चलकर आज अयोध्या पहुंची यहां से काशी और 11 सितंबर को हरिद्वार स्थित गंगा घाट के लिए अस्थि विसर्जन यात्रा रवाना की जाएगी.
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