अयोध्या: कोरोना संक्रमण से रामनगरी मुक्त है. ऐसे में अब संतों ने मंदिरों के दारवाजों को खोलना उचित बताया है, जिससे श्रद्धालु पूजा-अर्चना कर सकें. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि बहुत से लोग हैं, जो रामलला के दर्शन करना चाहते हैं. ऐसे लोगों के लिए प्रशासन को लॉकडाउन के नियमों का पालन कराते हुए दर्शन सुलभ कराना चाहिए.
दरअसल, लॉकडाउन के चलते लंबे समय से अयोध्या के मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद हैं. यहां कोरोना संक्रमण का मामला नहीं है. ऐसे में रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने रामलला समेत अयोध्या के प्रमुख मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए खोलना उचित बताया है. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग हैं, जो रामलला का दर्शन करना चाहते हैं. ऐसे में लोगों को नियमों का पालन सुनिश्चित कराते हुए उन्हें मंदिरों में दर्शन की अनुमति देना चाहिए.
श्रद्धालुओं के लिए दानपात्र में दान की व्यवस्था करना आवश्यक
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण होता रहेगा. इस दौरान मंदिर में दर्शन जारी रहना चाहिए, जहां रामलला अस्थाई रूप से विराजमान हैं. उनके दर्शन की श्रद्धालुओं को अनुमति मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के दान देने के लिए दान पात्र की व्यवस्था अति आवश्यक है. सामान्य वर्ग के जो श्रद्धालु थोड़ा बहुत देना चाहते हैं, उनके लिए यह व्यवस्था जरूरी है. सरकार और ट्रस्ट को इस दिशा में शीघ्र विचार करना चाहिए.
ग्रीन जोन में शामिल हो सकती है रामनगरी
रामनगरी कोरोना संक्रमण को लेकर ऑरेंज जोन में है. यहां कोविड-19 संक्रमण के मामले शून्य हैं. एकमात्र कोरोना संक्रमित पाई गई गर्भवती महिला की जांच रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है. महिला का सुरक्षित प्रवस भी हो चुका है. अगले सप्ताह में अगर संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आता तो अयोध्या कोरोना संक्रमण को लेकर ग्रीन जोन में आ जाएगी. इस बीच बड़ी संख्या में दूसरे प्रदेशों से आ रहे प्रवासी मजदूरों को लेकर प्रशासन गंभीर है. रेलवे स्टेशन पर पहुंचने पर सभी की थर्मल स्क्रीनिंग कराई जा रही है.
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