अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा मंदिर निर्माण कार्य विस्तार के लिए खरीदी गई जमीनों का विवाद कोर्ट की दहलीज पर पहुंच गया है. इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय समेत जमीन विक्रेता और जमीन खरीद में गवाह के रूप में शामिल अयोध्या के महापौर को भी आरोपी बनाया है. इस याचिका में कुल 10 आरोपी बनाए गए हैं. यह याचिका मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अयोध्या की अदालत में दाखिल की गई है. बुधवार को दाखिल इस याचिका को लेकर न्यायालय ने 1 सितंबर को नगर पुलिस से रिपोर्ट तलब की है.
सस्ती कीमत पर खरीदी गई जमीनों को महंगी कीमत में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा खरीदे जाने के आरोप के विवाद का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है. इस मामले को लेकर सबसे पहले मीडिया के सामने आने वाले आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने अयोध्या के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में धारा 156/3 के तहत अपने अधिवक्ता अरुण कुमार यादव के जरिए एक याचिका दाखिल की. इसमें ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा, जमीन खरीदारी में गवाह के रूप में मौजूद महापौर ऋषिकेश उपाध्याय जमीन बेचने वाले हरी पाठक, कुसुम पाठक, सुल्तान अंसारी, रवी मोहन तिवारी समेत 10 लोगों को आरोपी बनाया गया है.
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ट्रस्ट द्वारा जमीन खरीद मामले को लेकर ट्रस्ट के सदस्यों पर आरोप लगाने वाले अकेले सांसद संजय सिंह नहीं है. अयोध्या से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक और राज्य मंत्री रहे तेज नारायण पांडे पवन ने भी मीडिया के सामने आकर ट्रस्ट के सदस्यों पर बेहद गंभीर आरोप लगाए थे. हालांकि पवन पांडे ने कानूनी लड़ाई नहीं लड़ी. लेकिन इस मामले को लेकर निर्वाणी अखाड़े के महंत धर्मदास ने थाना राम जन्मभूमि में ट्रस्ट के सदस्यों के ऊपर धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज करने के लिए एक प्रार्थना पत्र भी पिछले सप्ताह दिया था. लेकिन अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. आप सांसद संजय सिंह ने भी पहले अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोतवाली नगर अयोध्या में पुलिस से कार्रवाई करने के लिए अपील की थी. लेकिन जब कार्रवाई नहीं हुई तब आप सांसद संजय सिंह ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.