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अयोध्या पहुंचा 500 किलो का 'सोने' का नगाड़ा, नेपाल के 1100 उपहार, 44 फीट की धर्म ध्वजा, कन्नौज का गुलाबी इत्र

गुजरात का 500 किलो का नगाड़ा अयोध्या पहुंच चुका है. इसके अलावा गुजरात से ही 44 फीट का धर्म ध्वज भी पहुंच है. इसे राम मंदिर में लहराया जाएगा. चलिए जानते हैं अयोध्या पहुंचे उपहारों के बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 12, 2024, 11:58 AM IST

Updated : Jan 13, 2024, 6:32 AM IST

अयोध्याः राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन 22 जनवरी को होना है. इसके पहले देश और नेपाल से उपहारों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. गुजरात से 500 किलो वजन का नगाड़ा अयोध्या भेजा गया है. इसे अयोध्या में लगा भी दिया गया है. सोने की परत वाले इस नगाडे़ की खूबसूरती देखते ही बन रही है. इसके अलावा गुजरात से ही 44 फीट का धर्म ध्वज भी अयोध्या भेजा गया है. यह राम मंदिर में स्थापित किया जाएगा.

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सोने और चांदी की परत चढ़ा 500 किलो का नगाड़ा.

माता जानकी के मायके नेपाल से भी 1100 उपहार भेजे अयोध्या भेजे गए हैं. मान्यता है कि शुभ मौके पर बेटी के घर उपहार भेजे जाते हैं. इसी के चलते नेपाल से 1100 उपहार अयोध्या पहुंच चुके हैं. इन उपहारों में माता जानकी के जेवर, चांदी की चरण पादुकाएं और पकवान आदि शामिल है. नेपाल में राम मंदिर के आयोजन को लेकर खास उत्साह है. इसके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से अलग-अलग उपहार पहुंचने का सिलसिला जारी है.

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नेपाल से भेजे गए 1100 उपहार.

इत्र की नगरी कन्नौज से गुलाबी इत्र राम मंदिर के लिए भेजा गया है. प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर इस इत्र का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे पूर्व तालों की नगरी अलीगढ़ से एक विशालकाय ताला भी अयोध्या भेजा जा चुका है. यहीं नहीं एक विशालकाय घंटा भी अयोध्या राम मंदिर पहुंच चुका है.

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गुजरात से आई 44 फीट की ध्वजा.

मंदिर परिसर में ही स्थापित किया जाएगा नगाड़ा
बताया गया कि नगाड़े को मंदिर परिसर में ही स्थापित किया जाएगा. इस नगाड़े पर सोने और चांदी की परत चढ़ाई गई है. साथ ही कलात्मक नक्काशी की गई. इसके साथ तांबे और लोहे को भी इस्तेमाल नगाड़े के इस्तेमाल में किया गया है. इस विशालकाय नगाड़े को गुजरात के डबगर समाज ने बनाया है. यह विशाल नगाड़ा हिंदू संस्कृति की पहचान है. बताया गया कि इस नगाड़े का निर्माण कर्णावती के दरियापुर में किया गाय है. गुजरात विहिप की ओर से इन नगाड़े को स्वीकारने के लिए पत्र भेजा गया है.

ये भी पढ़ेंः महारानी कैकेयी ने माता सीता को उपहार में दिया था खूबसूरत कनक भवन, आज भी सुनाई देती पायल की आवाज

ये भी पढ़ेंः भगवान राम ने बाराबंकी में ली थी शिक्षा-दीक्षा, भाइयों संग बाल काल में इस आश्रम में रहे थे

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सोने और चांदी की परत चढ़ा 500 किलो का नगाड़ा.

माता जानकी के मायके नेपाल से भी 1100 उपहार भेजे अयोध्या भेजे गए हैं. मान्यता है कि शुभ मौके पर बेटी के घर उपहार भेजे जाते हैं. इसी के चलते नेपाल से 1100 उपहार अयोध्या पहुंच चुके हैं. इन उपहारों में माता जानकी के जेवर, चांदी की चरण पादुकाएं और पकवान आदि शामिल है. नेपाल में राम मंदिर के आयोजन को लेकर खास उत्साह है. इसके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से अलग-अलग उपहार पहुंचने का सिलसिला जारी है.

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नेपाल से भेजे गए 1100 उपहार.

इत्र की नगरी कन्नौज से गुलाबी इत्र राम मंदिर के लिए भेजा गया है. प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर इस इत्र का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे पूर्व तालों की नगरी अलीगढ़ से एक विशालकाय ताला भी अयोध्या भेजा जा चुका है. यहीं नहीं एक विशालकाय घंटा भी अयोध्या राम मंदिर पहुंच चुका है.

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गुजरात से आई 44 फीट की ध्वजा.

मंदिर परिसर में ही स्थापित किया जाएगा नगाड़ा
बताया गया कि नगाड़े को मंदिर परिसर में ही स्थापित किया जाएगा. इस नगाड़े पर सोने और चांदी की परत चढ़ाई गई है. साथ ही कलात्मक नक्काशी की गई. इसके साथ तांबे और लोहे को भी इस्तेमाल नगाड़े के इस्तेमाल में किया गया है. इस विशालकाय नगाड़े को गुजरात के डबगर समाज ने बनाया है. यह विशाल नगाड़ा हिंदू संस्कृति की पहचान है. बताया गया कि इस नगाड़े का निर्माण कर्णावती के दरियापुर में किया गाय है. गुजरात विहिप की ओर से इन नगाड़े को स्वीकारने के लिए पत्र भेजा गया है.

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Last Updated : Jan 13, 2024, 6:32 AM IST
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