अयोध्या: देश भर में दुर्गा पूजा आयोजन के लिए मशहूर कोलकाता और यूपी में सुलतानपुर के बाद अयोध्या का नंबर आता है. बीते करीब 50 वर्षों से अयोध्या में दुर्गा पूजा का भव्य आयोजन हो रहा है. बीते 2 वर्षों से कोरोना संक्रमण के डर के चलते इस आयोजन की रौनक फीकी थी. दूर्गा पूजा के लिए अयोध्या में जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं. जहां एक तरफ दुर्गा पूजा पंडाल का निर्माण हो रहा है वहीं, दूसरी तरफ दुर्गा प्रतिमाओं को संवारने में बंगाल के कारीगर दिन रात लगे हुए हैं. वहीं, रामलीला में अभिनय के लिए गांव से लेकर शहर तक रिहर्सल का दौर जारी है.
इस साल शारदीय नवरात्र 26 सितंबर से शुरू हो रहे हैं. अयोध्या जनपद में 1800 स्थानों पर दुर्गा प्रतिमाएं स्थापित की जा रहीं हैं. वहीं, केवल अयोध्या शहर में 300 स्थानों पर दुर्गा प्रतिमा स्थापित(Durga idols installed at 300 places) की जाएंगी. इसके साथ ही जनपद के 300 स्थानों पर रामलीला का मंचन भी होगा.
पिछले साल दुर्गा पूजा का आयोजन महोत्सव के रूप में हुआ जरूर था लेकिन पहले जैसी रौनक नहीं थी. इसका कारण भी कहीं न कहीं महामारी से उबरे लोगों में अघोषित भय था. इस बार परिस्थितियां बदली हैं. कोरोना का प्रभाव समाप्ति पर पहुंच गया है. आम लोगों में व्याप्त भय भी समाप्त हुआ है. ऐसे में महोत्सव को अपने पुराने स्वरूप में मनाए जाने की उम्मीद जताई जा रही है. इसका अंदाजा शहर में दुर्गा पूजा महोत्सव मनाए जाने को लेकर प्रतिमा और पूजा पंडालों की तैयारी से लगाया जा रहा है.
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वहीं, कोलकाता से आए मूर्ति बनाने वाले कलाकार भी दुर्गा प्रतिमाओं को अंतिम रूप दे रहे हैं. शहर से लेकर देहात तक प्रतिमाओं को आकर्षक बनाने के लिए कलाकार पूरी तन्मयता से जुटे हुए हैं. अयोध्या शहर की दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन 5 अक्टूबर को(Immersion of Durga idols on October 5) गुप्तार घाट के निर्मली कुंड पर किया जाएगा. जनपद में अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग दिनों में दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन होगा.
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