अयोध्या: राम मंदिर की नींव खुदाई से पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट राम मंदिर परिसर में पुराने निर्माण को हटाने की तैयारी में है. राम जन्मभूमि परिसर में कई प्राचीन मंदिर जीर्ण-शीर्ण हो गए हैं. ऐसे मंदिरों में श्रद्धालुओं का दर्शन प्रतिबंधित है. अब ट्रस्ट ने ऐसे मंदिरों को हटाने का निर्णय लिया है. रामजन्म परिसर में हटाए जाने वाले मंदिरों में 250 साल पुराना सीता रसोई भी शामिल है.
भगवान राम के जन्म स्थान पर राम मंदिर निर्माण कार्य लार्सन एंड टूब्रो कंपनी को सौंपा गया है. कंपनी के इंजीनियर्स ने मंदिर की नींव की खुदाई से पहले की तैयारी पूरी कर ली है. अयोध्या विकास प्राधिकरण से राम मंदिर निर्माण को लेकर एनओसी प्राप्त होते ही राम जन्मभूमि परिसर में मंदिर की नींव की खुदाई का कार्य होना है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा है कि मंदिर निर्माण में बड़ी-बड़ी मशीनों को लगाया जाएगा. मशीनों के मूवमेंट में बाधक बनने वाले पुराने जीर्ण-क्षीर्ण मंदिरों को हटाया जाना है.
राम जन्मभूमि परिसर में 250 वर्ष से अधिक पुराने मंदिर होंगे ध्वस्त
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट राम मंदिर परिसर में 250 वर्ष से पहले के जर्जर हुए प्राचीन मंदिरों को हटाया जाएगा. कंपनी के इंजीनियर्स ने राम मंदिर के लिए नींव की खुदाई से पहले की तैयारी पूरी कर ली है.
अयोध्या: राम मंदिर की नींव खुदाई से पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट राम मंदिर परिसर में पुराने निर्माण को हटाने की तैयारी में है. राम जन्मभूमि परिसर में कई प्राचीन मंदिर जीर्ण-शीर्ण हो गए हैं. ऐसे मंदिरों में श्रद्धालुओं का दर्शन प्रतिबंधित है. अब ट्रस्ट ने ऐसे मंदिरों को हटाने का निर्णय लिया है. रामजन्म परिसर में हटाए जाने वाले मंदिरों में 250 साल पुराना सीता रसोई भी शामिल है.
भगवान राम के जन्म स्थान पर राम मंदिर निर्माण कार्य लार्सन एंड टूब्रो कंपनी को सौंपा गया है. कंपनी के इंजीनियर्स ने मंदिर की नींव की खुदाई से पहले की तैयारी पूरी कर ली है. अयोध्या विकास प्राधिकरण से राम मंदिर निर्माण को लेकर एनओसी प्राप्त होते ही राम जन्मभूमि परिसर में मंदिर की नींव की खुदाई का कार्य होना है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा है कि मंदिर निर्माण में बड़ी-बड़ी मशीनों को लगाया जाएगा. मशीनों के मूवमेंट में बाधक बनने वाले पुराने जीर्ण-क्षीर्ण मंदिरों को हटाया जाना है.