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अयोध्या: 14 कोसी परिक्रमा करने उमड़े लाखों श्रद्धालु, राम के जयकारों से गूंजी अयोध्या

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Published : Nov 5, 2019, 12:08 AM IST

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा के लिए श्रद्धालुओं का जत्था करीब 24 घंटे पहले से ही आना शुरू हो गया है. परिक्रमा शुरू होने से पहले ईटीवी भारत ने परिक्रमा करने पहुंचे श्रद्धालुओं से बात की गई.

4 कोसी परिक्रमा करने उमड़े लाखों श्रद्धालु.

अयोध्या: अगर आस्था का संगम देखना है तो अयोध्या आना जरूरी है. यह बात इसलिए कही जा रही है क्योंकि यहां का सौहार्द प्रेम और भगवान राम के प्रति आस्था के पुजारियों की भक्ति सजीव चित्रण प्रस्तुत करती है. जो दृश्य 14 कोसी परिक्रमा के दौरान अयोध्या में देखने को मिलता है. वह शायद ही किसी अन्य धर्म स्थलों पर आपको देखने को मिलता हो.

4 कोसी परिक्रमा करने उमड़े लाखों श्रद्धालु.

अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा के लिए उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
परिक्रमा मंगलवार यानी 5 नवंबर की सुबह 6:05 से शुरू होनी है, लेकिन इसके लिए अयोध्या में श्रद्धालुओं का जत्था करीब 24 घंटे पहले से ही आना शुरू हो गया है. सोमवार की शाम होते-होते अयोध्या नगरी पूरे राम भक्तों से भरी पड़ी है. अयोध्या शहर के अधिकतर क्षेत्रों में श्रद्धालुओं का जत्था बड़ी संख्या में इधर-उधर भ्रमण करते देखा जा सकता है. परिक्रमा शुरू होने से पहले ईटीवी भारत की टीम ने अयोध्या का दौरा किया. इस दौरान परिक्रमा करने पहुंचे श्रद्धालुओं से बात की गई. परिक्रमार्थियों ने बताया कि वह सुबह ही घर से चले थे और शाम को अयोध्या पहुंचे हैं. रात में उन्हें किसी आश्रय स्थल का सहारा नहीं मिलेगा तो पार्क में ही रात गुजारनी पड़ेगी.

परिक्रमा मार्ग पर श्रद्धालु परिक्रमा किसी भी स्थल से शुरू करके वहां पूरी कर सकते हैं, लेकिन अधिकतर श्रद्धालु राम की पैड़ी पर स्नान करने के बाद परिक्रमा शुरू करते हैं. इसके साथ ही नाका हनुमानगढ़ी सहादतगंज, हनुमानगढ़ी समेत परिक्रमा रोड पर स्थित समस्त धार्मिक स्थलों से श्रद्धालु परिक्रमा की शुरुआत करते हैं.

इसे भी पढ़ें- सोनभद्र: अयोध्या मामले में आने वाले फैसले के लिए जिला प्रशासन अलर्ट

अक्षय नवमी को होती है 14 कोसी परिक्रमा
अक्षय नवमी तिथि को ही सतयुग का आरंभ हुआ था. कार्तिक मास में तुलसी के पेड़ की पूजा और आंवले के बीच की सेवा विशेष फलदाई मानी जाती है. इस महीने में भगवान विष्णु की आराधना का विशेष महत्व है. इसी मान्यता के चलते लाखों की संख्या में भक्त अयोध्या पहुंचते हैं और नंगे पांव अयोध्या नगरी की परिक्रमा करते हैं. मान्यता है कि अक्षय नवमी की तिथि में किए गए कार्य से मिलने वाला फल कभी क्षय नहीं होता है इसी मान्यता के चलते देश के कोने-कोने से श्रद्धालु अयोध्या पहुंचते हैं और राम नगरी की परिक्रमा करते हैं. 14 कोसी परिक्रमा करने के साथ ही मां सरयू में स्नान करते हैं और प्रमुख मंदिरों में दर्शन करते हैं.

परिक्रमा शुरू करने का समय
अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा मंगलवार सुबह 6:05 से शुरू होगी जो अगले दिन 6 नवंबर सुबह 7:49 तक चलेगी.

अयोध्या: अगर आस्था का संगम देखना है तो अयोध्या आना जरूरी है. यह बात इसलिए कही जा रही है क्योंकि यहां का सौहार्द प्रेम और भगवान राम के प्रति आस्था के पुजारियों की भक्ति सजीव चित्रण प्रस्तुत करती है. जो दृश्य 14 कोसी परिक्रमा के दौरान अयोध्या में देखने को मिलता है. वह शायद ही किसी अन्य धर्म स्थलों पर आपको देखने को मिलता हो.

4 कोसी परिक्रमा करने उमड़े लाखों श्रद्धालु.

अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा के लिए उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
परिक्रमा मंगलवार यानी 5 नवंबर की सुबह 6:05 से शुरू होनी है, लेकिन इसके लिए अयोध्या में श्रद्धालुओं का जत्था करीब 24 घंटे पहले से ही आना शुरू हो गया है. सोमवार की शाम होते-होते अयोध्या नगरी पूरे राम भक्तों से भरी पड़ी है. अयोध्या शहर के अधिकतर क्षेत्रों में श्रद्धालुओं का जत्था बड़ी संख्या में इधर-उधर भ्रमण करते देखा जा सकता है. परिक्रमा शुरू होने से पहले ईटीवी भारत की टीम ने अयोध्या का दौरा किया. इस दौरान परिक्रमा करने पहुंचे श्रद्धालुओं से बात की गई. परिक्रमार्थियों ने बताया कि वह सुबह ही घर से चले थे और शाम को अयोध्या पहुंचे हैं. रात में उन्हें किसी आश्रय स्थल का सहारा नहीं मिलेगा तो पार्क में ही रात गुजारनी पड़ेगी.

परिक्रमा मार्ग पर श्रद्धालु परिक्रमा किसी भी स्थल से शुरू करके वहां पूरी कर सकते हैं, लेकिन अधिकतर श्रद्धालु राम की पैड़ी पर स्नान करने के बाद परिक्रमा शुरू करते हैं. इसके साथ ही नाका हनुमानगढ़ी सहादतगंज, हनुमानगढ़ी समेत परिक्रमा रोड पर स्थित समस्त धार्मिक स्थलों से श्रद्धालु परिक्रमा की शुरुआत करते हैं.

इसे भी पढ़ें- सोनभद्र: अयोध्या मामले में आने वाले फैसले के लिए जिला प्रशासन अलर्ट

अक्षय नवमी को होती है 14 कोसी परिक्रमा
अक्षय नवमी तिथि को ही सतयुग का आरंभ हुआ था. कार्तिक मास में तुलसी के पेड़ की पूजा और आंवले के बीच की सेवा विशेष फलदाई मानी जाती है. इस महीने में भगवान विष्णु की आराधना का विशेष महत्व है. इसी मान्यता के चलते लाखों की संख्या में भक्त अयोध्या पहुंचते हैं और नंगे पांव अयोध्या नगरी की परिक्रमा करते हैं. मान्यता है कि अक्षय नवमी की तिथि में किए गए कार्य से मिलने वाला फल कभी क्षय नहीं होता है इसी मान्यता के चलते देश के कोने-कोने से श्रद्धालु अयोध्या पहुंचते हैं और राम नगरी की परिक्रमा करते हैं. 14 कोसी परिक्रमा करने के साथ ही मां सरयू में स्नान करते हैं और प्रमुख मंदिरों में दर्शन करते हैं.

परिक्रमा शुरू करने का समय
अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा मंगलवार सुबह 6:05 से शुरू होगी जो अगले दिन 6 नवंबर सुबह 7:49 तक चलेगी.

Intro:
अयोध्या: अगर आस्था का संगम देखना है तो अयोध्या आना जरूरी है. यह बात इसलिए कही जा रही है क्योंकि यहां का सौहार्द प्रेम और राम के प्रति आस्था के पुजारियों की भक्ति सजीव चित्रण प्रस्तुत करती है. जो दृश्य 14 कोसी परिक्रमा के दौरान अयोध्या में देखने को मिलता है वह शायद ही किसी अन्य धर्म स्थलों पर आपको देखने को मिलता हो.





Body:परिक्रमा मंगलवार यानी 5 नवंबर की सुबह 6:05 से शुरू होनी है लेकिन इसके लिए अयोध्या में श्रद्धालुओं का जत्था करीब 24 घंटे पहले से ही आना शुरू हो गया है. सोमवार की शाम होते-होते अयोध्या नगरी पूरे राम भक्तों से भरी पड़ी है. अयोध्या शहर के अधिकतर क्षेत्रों में श्रद्धालुओं का जत्था बड़ी संख्या में इधर-उधर भ्रमण करते देखा जा सकता है. परिक्रमा शुरू होने से पहले ईटीवी भारत की टीम ने अयोध्या का दौरा किया. इस दौरान परिक्रमा करने पहुंचे श्रद्धालुओं से बात की गई. परिक्रमार्थियों ने बताया कि वह सुबह ही घर से चले थे और शाम को अयोध्या पहुंचे हैं रात में उन्हें किसी आश्रय स्थल का सहारा नहीं मिलेगा तो पार्क में ही रात गुजारनी पड़ेगी.




Conclusion:सोमवार की शाम होते-होते तुलसी उद्यान राम कथा पार्क राम की पैड़ी और भजन स्थल समेत सभी प्रमुख स्थलों पर परिक्रमार्थी चटाई बिछाए लेते दिखे. वैसे तो परिक्रमा मार्ग पर श्रद्धालु परिक्रमा किसी भी स्थल से शुरू करके वहां पूरी कर सकते हैं लेकिन अधिकतर श्रद्धालु राम की पैड़ी पर स्नान करने के बाद परिक्रमा शुरू करते हैं. इसके साथ ही नाका हनुमानगढ़ी सहादतगंज, हनुमानगढ़ी समेत परिक्रमा रोड पर स्थित समस्त धार्मिक स्थलों से श्रद्धालु परिक्रमा की शुरुआत करते हैं.

अक्षय नवमी को होती है 14 कोसी परिक्रमा
माना जाता है कि अक्षय नवमी तिथि को ही सतयुग का आरंभ हुआ था इसीलिए इस स्थिति को युवा देती थी भी कहा जाता है. कार्तिक मास में तुलसी के पेड़ की पूजा और आंवले के बीच की सेवा विशेष फलदाई मानी जाती है. इस महीने में भगवान विष्णु की आराधना का विशेष महत्व है. इसी मान्यता के चलते लाखों की संख्या में भक्त अयोध्या पहुंचते हैं और नंगे पांव अयोध्या नगरी की परिक्रमा करते हैं. मान्यता है कि अक्षय नवमी की तिथि में किए गए कार्य से मिलने वाला फल कभी क्षय नहीं होता है इसी मान्यता के चलते देश के कोने-कोने से श्रद्धालु अयोध्या पहुंचते हैं और राम नगरी की परिक्रमा करते हैं. 14 कोसी परिक्रमा करने के साथ ही मां सरयू में स्नान करते हैं और प्रमुख मंदिरों में दर्शन करते हैं.

परिक्रमा शुरू करने का समय
अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा मंगलवार सुबह 6:05 से शुरू होगी जो अगले दिन 6 नवंबर सुबह 7:49 तक चलेगी.

बाइट- परिक्रमार्थी/श्रद्धालु
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