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जालौन के बाद औरैया में धंसा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, 5 दिन पहले पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन

पहली बारिश से ही औरैया के मिहौली टोल प्लाजा के पास बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे धंस गया. 16 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया था.

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मिहौली टोल प्लाजा के पास बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की सड़कें बारिश से बह गई
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Published : Jul 22, 2022, 5:36 PM IST

औरैयाः एक सप्ताह पहले शुरू हुए हजारों करोड़ों रुपये की लागत से बने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की पहली बारिश ने ही पोल खोल दी. बीते दो दिनों की बारिश से मिहौली टोल प्लाजा के पास बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर 2 से 3 फुट गहरे गड्ढे बन गए. यहां का नाला व मिट्टी बह गयी है. इससे सड़क धंसने का खतरा बना हुआ है.

बुंदलेखंड एक्सप्रेसवे सड़कें धंसने का मामला देखें

बता दें कि16 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के उद्घाटन किया था. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा था कि 28 माह में इस एक्सप्रेस वे को उच्च क्वालिटी के साथ बनाकर यूपी सरकार ने यह साबित कर दिया है कि कोई भी काम ईमानदारी से किया जाए तो वह है गुणवत्ता परख जरूर होगा. लेकिन मिहौली से निकले बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के टोल प्लाजा के समीप दो दिन से हो रही बारिश के कारण मिट्टी व सड़क किनारे बना नाला बह गया.


यह भी पढ़ें-प्रतापगढ़ मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में टार्च की रोशनी से हो रहा इलाज

गौरतलब है कि योगी सरकार ने बुंदलेखंड एक्सप्रेसवे को चित्रकूट से इटावा तक 296 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट को 14,800 करोड़ की लागत से बनाकर तैयार किया था. इसको यूपीडा के सीईओ व अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने उच्च क्वालिटी का बताया था. लेकिन इसकी क्वालिटी की पोल बुधवार व गुरुवार को हुई मूसलाधार बारिश ने खोलकर रख दी है. बारिश के कारण इस एक्सप्रेसवे पर 2 से 3 फुट गहरे गड्ढे हो गए हैं.

जालौन में एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के मौके पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने इसे विकास का एक्सप्रेसवे बताया था. उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक नया आयाम प्रदान करेगा. वहीं उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से चित्रकूट से दिल्ली की दूरी तो 3-4 घंटे कम हुई ही है, लेकिन इसका लाभ इससे भी कहीं ज्यादा है. ये एक्सप्रेस वे यहां सिर्फ वाहनों को गति नहीं देगा, बल्कि ये पूरे बुंदेलखंड की औद्योगिक प्रगति को गति देगा. प्रदेश सरकार का दावा है कि एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किया जाएगा. इसके लिए जालौन और बांदा को इंडस्ट्रियल हब की तर्ज़ पर बनाया जाएगा. इस कारण बुंदेलखंड का न सिर्फ आर्थिक विकास होगा बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. बता दें उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड इलाके से सर्वाधिक पलायन होता रहा है.

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औरैयाः एक सप्ताह पहले शुरू हुए हजारों करोड़ों रुपये की लागत से बने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की पहली बारिश ने ही पोल खोल दी. बीते दो दिनों की बारिश से मिहौली टोल प्लाजा के पास बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर 2 से 3 फुट गहरे गड्ढे बन गए. यहां का नाला व मिट्टी बह गयी है. इससे सड़क धंसने का खतरा बना हुआ है.

बुंदलेखंड एक्सप्रेसवे सड़कें धंसने का मामला देखें

बता दें कि16 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के उद्घाटन किया था. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा था कि 28 माह में इस एक्सप्रेस वे को उच्च क्वालिटी के साथ बनाकर यूपी सरकार ने यह साबित कर दिया है कि कोई भी काम ईमानदारी से किया जाए तो वह है गुणवत्ता परख जरूर होगा. लेकिन मिहौली से निकले बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के टोल प्लाजा के समीप दो दिन से हो रही बारिश के कारण मिट्टी व सड़क किनारे बना नाला बह गया.


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गौरतलब है कि योगी सरकार ने बुंदलेखंड एक्सप्रेसवे को चित्रकूट से इटावा तक 296 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट को 14,800 करोड़ की लागत से बनाकर तैयार किया था. इसको यूपीडा के सीईओ व अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने उच्च क्वालिटी का बताया था. लेकिन इसकी क्वालिटी की पोल बुधवार व गुरुवार को हुई मूसलाधार बारिश ने खोलकर रख दी है. बारिश के कारण इस एक्सप्रेसवे पर 2 से 3 फुट गहरे गड्ढे हो गए हैं.

जालौन में एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के मौके पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने इसे विकास का एक्सप्रेसवे बताया था. उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक नया आयाम प्रदान करेगा. वहीं उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से चित्रकूट से दिल्ली की दूरी तो 3-4 घंटे कम हुई ही है, लेकिन इसका लाभ इससे भी कहीं ज्यादा है. ये एक्सप्रेस वे यहां सिर्फ वाहनों को गति नहीं देगा, बल्कि ये पूरे बुंदेलखंड की औद्योगिक प्रगति को गति देगा. प्रदेश सरकार का दावा है कि एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किया जाएगा. इसके लिए जालौन और बांदा को इंडस्ट्रियल हब की तर्ज़ पर बनाया जाएगा. इस कारण बुंदेलखंड का न सिर्फ आर्थिक विकास होगा बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. बता दें उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड इलाके से सर्वाधिक पलायन होता रहा है.

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