औरैया: MP/MLA कोर्ट के विशेष न्यायाधीश संजय कुमार सिंह ने गुरुवार को 2008 से जेल में सजा काट रहे पूर्व बसपा विधायक व उनके तीन साथियों को गैंगस्टर मामले में दोषी पाए जाने पर पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही सभी पर 8-8 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा भी सुनाई है.
दरअसल, दिसंबर 2008 में दिबियापुर में गेल कालोनी में रह रहे PWD के अधिशासी अभियंता मनोज कुमार गुप्ता की पीट-पीटकर हत्या करने के बहुचर्चित मामले में बसपा से पूर्व विधायक शेखर तिवारी व उनके साथियों पर दिबियापुर थाना में हत्या व गैंगस्टर का मामले दर्ज हुआ था. इंजीनियर हत्याकांड के अभियुक्त शेखर तिवारी व अन्य सहयोगियों को कोर्ट से आजीवन कारावास हुआ था. घटना के बाद से अभी तक सभी जेल में बंद हैं. इस हत्याकांड के बाद पुलिस ने शेखर तिवारी, विनय तिवारी, मनोज कुमार अवस्थी व पूती उर्फ रामबाबू पर गैंगस्टर एक्ट की धारा 3(1) का मामला भी पंजीकृत किया था. यह मुकदमा भी विशेष न्यायाधीश MP/MLA कोर्ट में चल रहा था.
गुरुवार को कोर्ट ने इस गैंगस्टर मामले के चारों अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए 5 साल का कठोर कारावास व दंड के प्रश्र पर अभियोजन की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अरविंद कुमार राजपूत ने तर्क दिया कि अभियुक्तों को लोक सेवक की नृशंस हत्या का दोषी माना गया है. और इस गंभीर प्रकृति के अपराध को देखते हुए उन्हें कठोर दंड दिया जाना चाहिए.
दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय कुमार सिंह ने चारों अभियुक्त पूर्व विधायक शेखर तिवारी, विनय तिवारी, मनोज कुमार अवस्थी तथा पूती उर्फ रामबाबू को पांच साल के कठोर कारावास व आठ-आठ हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. कोर्ट ने सभी अभियुक्तों की ओर से प्रस्तुत मामले में जेल में बिताई गई अवधि उपरोक्त कारावास की समयावधि में समायोजित करने का भी आदेश दिया. हालांकि सभी अभियुक्तगण इस मामले में सुनाई गई सजा से अधिक समय से जेलों में सजा काट चुके हैं. पूर्व विधायक शेखर तिवारी को उरई जेल व साथी अभियुक्तों को फतेहगढ़ व अन्य जेलों से न्यायालय में निर्णय के लिए पेश किया गया. जहां से सभी को वापस जेल भेज दिया गया.