औरैया: कहते हैं कि हिम्मत कभी भी नहीं हारनी चाहिए. लगातार प्रयास और बुलंद हौंसले हमेशा मुकाम तक पहुंचाने का काम करते हैं. विफलता से ही नई ऊर्जा प्रदान होती है. बस उस विफलता को अंत नहीं मानना चाहिए. ऐसा ही जज्बा है राजेश कैथवार का.
राजेश कैथवार, जिन्होंने खेती में ही कुछ नया करने की ठानी. उन्होंने न केवल अपनी आय के स्रोत बढ़ाये, बल्कि लोगों के लिए प्रेरणा बनकर उन्हें भी खेती में ही जागरूक कर कमाई के संसाधनों से रू-ब-रू करवाया.
सुंदरीपुर गांव के रहने वाले राजेश कैथवार बताते हैं कि वह पोस्ट ग्रेजुएट होने के बावजूद भी पहले गेहूं, धान की खेती करते थे मगर मुनाफे के नाम पर वह पीछे रह जाते थे. सच्ची लगन के बल पर उन्होंने आधुनिक खेती करने की ठान ली, जिसमें तकरीबन एक लाख रुपये की लागत लगाकर उन्होंने शिमला मिर्च की खेती शुरू की. एक लाख रुपये की लागत से उन्हें साल भर में करीब पांच से छह लाख रुपये तक की इनकम हुई और फिर यह सिलसिला लगातार शुरू हो गया.
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