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औरैया: आधुनिक खेती कर इस किसान ने पेश की मिसाल, बना लोगों का प्रेरणा स्त्रोत

औरैया जिले के रहने वाले राजेश ने खेती में ही कुछ नया करने की ठानी. उन्होंने लगन और मेहनत के बल पर न केवल अपनी आय के स्रोत बढ़ाये, बल्कि लोगों के लिए प्रेरणा बनकर उन्हें भी खेती में ही जागरूक कर कमाई के संसाधनों से रूबरू करवाया.

राजेश कैथवार से बातचीत करते संवाददाता विशाल त्रिपाठी
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Published : Feb 28, 2019, 10:30 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:16 PM IST

औरैया: कहते हैं कि हिम्मत कभी भी नहीं हारनी चाहिए. लगातार प्रयास और बुलंद हौंसले हमेशा मुकाम तक पहुंचाने का काम करते हैं. विफलता से ही नई ऊर्जा प्रदान होती है. बस उस विफलता को अंत नहीं मानना चाहिए. ऐसा ही जज्बा है राजेश कैथवार का.

राजेश कैथवार, जिन्होंने खेती में ही कुछ नया करने की ठानी. उन्होंने न केवल अपनी आय के स्रोत बढ़ाये, बल्कि लोगों के लिए प्रेरणा बनकर उन्हें भी खेती में ही जागरूक कर कमाई के संसाधनों से रू-ब-रू करवाया.

राजेश कैथवार से बातचीत करते संवाददाता विशाल त्रिपाठी.

सुंदरीपुर गांव के रहने वाले राजेश कैथवार बताते हैं कि वह पोस्ट ग्रेजुएट होने के बावजूद भी पहले गेहूं, धान की खेती करते थे मगर मुनाफे के नाम पर वह पीछे रह जाते थे. सच्ची लगन के बल पर उन्होंने आधुनिक खेती करने की ठान ली, जिसमें तकरीबन एक लाख रुपये की लागत लगाकर उन्होंने शिमला मिर्च की खेती शुरू की. एक लाख रुपये की लागत से उन्हें साल भर में करीब पांच से छह लाख रुपये तक की इनकम हुई और फिर यह सिलसिला लगातार शुरू हो गया.

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औरैया: कहते हैं कि हिम्मत कभी भी नहीं हारनी चाहिए. लगातार प्रयास और बुलंद हौंसले हमेशा मुकाम तक पहुंचाने का काम करते हैं. विफलता से ही नई ऊर्जा प्रदान होती है. बस उस विफलता को अंत नहीं मानना चाहिए. ऐसा ही जज्बा है राजेश कैथवार का.

राजेश कैथवार, जिन्होंने खेती में ही कुछ नया करने की ठानी. उन्होंने न केवल अपनी आय के स्रोत बढ़ाये, बल्कि लोगों के लिए प्रेरणा बनकर उन्हें भी खेती में ही जागरूक कर कमाई के संसाधनों से रू-ब-रू करवाया.

राजेश कैथवार से बातचीत करते संवाददाता विशाल त्रिपाठी.

सुंदरीपुर गांव के रहने वाले राजेश कैथवार बताते हैं कि वह पोस्ट ग्रेजुएट होने के बावजूद भी पहले गेहूं, धान की खेती करते थे मगर मुनाफे के नाम पर वह पीछे रह जाते थे. सच्ची लगन के बल पर उन्होंने आधुनिक खेती करने की ठान ली, जिसमें तकरीबन एक लाख रुपये की लागत लगाकर उन्होंने शिमला मिर्च की खेती शुरू की. एक लाख रुपये की लागत से उन्हें साल भर में करीब पांच से छह लाख रुपये तक की इनकम हुई और फिर यह सिलसिला लगातार शुरू हो गया.

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Intro:एंकर--कहते हैं कि हिम्मत कभी भी नहीं हारनी चाहिए लगातार प्रयास और बुलंद हौसले हमेशा मुक़ाम तक पहुंचाने का काम करते है।और विफलता से ही नई ऊर्जा प्रदान होती है बस उस विफलता को अंत नहीं मानना चाहिए उस पर निरंतर प्रयास की जरूरत है।ऐसा ही जज्बा औरैया जिले के राजेश कैथवार से जुड़ा हुआ है जिन्होंने खेती में ही कुछ नया करने की ठान आय के स्रोत बढ़ाये बल्कि लोगों के लिए प्रेरणा बनकर उन्हें भी खेती में ही जागरूक कर कमाई के संसाधनों से रूबरू करवाया।


Body:वीओ--जनपद औरैया के ग्राम सुंदरी पुर निवासी राजेश कैथवार बताते हैं कि वह पोस्ट ग्रेजुएट होने के वावजूद भी पहले गेहूं धान की खेती करते थे मगर मुनाफा के नाम पर वह पीछे रह जाते थे लेकिन उनकी लगन और उनकी सोच के बल पर उन्होंने आधुनिक खेती करने की ठान ली जिसमे तकरीबन एक लाख रुपये की लागत लगाकर वह शिमला मिर्च की खेती शुरू कर दिए।


Conclusion:एक लाख रुपये की लागत से उन्हें साल भर में करीब पांच से छः लाख रुपये तक कि इनकम हुई और फिर यह सिलसिला लागतार शुरू हो गया।इतना ही नहीं राजेश को प्रेरणा मान अन्य किसानों ने भी आधुनिक खेती करनी शुरू कर दी।

बाइट--राजेश कैथवार किसान।
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:16 PM IST
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