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हाईकोर्ट के आदेश का पालन कराने गई जज के सामने डीएम ने खोया आपा, मौके पर मौजूद अधिवक्ताओं पर भड़के - डीएम सुनील कुमार वर्मा

औरैया में विवादित जमीन पर जिला प्रशासन ने निर्माण कार्य शुरु कराया. जहां हाईकोर्ट के आदेश पर जांच करने पहुंची सिविल जज सीनियर डिवीजन के सामने अपनी बात रख रहे अधिवक्ताओं पर डीएम सुनील कुमार वर्मा भड़क गए.

जज के सामने भड़के डीएम
जज के सामने भड़के डीएम
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Published : Aug 22, 2021, 10:27 PM IST

औरैयाः शहर के तिलक नगर मोहल्ला स्थित पुराना नुमाइश मैदान की जमीन पर विवाद के चलते मार्च 2019 में हाईकोर्ट ने यथास्थिति का स्टे जारी किया था. जिसको लेकर 25 मार्च 2019 को सभी संबंधित जिला स्तरीय अधिकारियों को स्टे की कॉपी भी प्राप्त हो गई. इस संबंध में हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप कुमार के प्रयास के चलते हाईकोर्ट की ओर से जारी स्टे आदेश में जिलाधिकारी की ओर से उस जमीन को नई पुलिस चौकी के लिए आवंटित किया जाना पाया गया. जिसमें संबंधित ठेकेदार को जिला प्रशासन की ओर से नीलामी के माध्यम से पुलिस चौकी और विवादित जमीन के चारों ओर बाउंड्रीवाल बनाने का ठेका दिया जाना बताया गया.

इसकी जानकारी होते ही संंबंधित वादी सत्यवती देवी ने तत्काल हाईकोर्ट की शरण ली. जिस पर हाईकोर्ट ने मामला संज्ञान में लेते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए मौके का निरीक्षण कर फोटोग्राफ समेत अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए. सिविल जज सीनियर डिवीजन को मौके पर जाकर निरीक्षण करने का आदेश दिया गया था.

आपको बता दें कि पुराना नुमाइश मैदान के मामले में सत्यवती की ओर से हाईकोर्ट से मार्च 2019 में यथा स्थिति का स्टे लिया गया था. इसके बाद भी जिला प्रशासन की ओर से नुमाइश मैदान के चारों तरफ बाउंड्री बनवाए जाने का काम शुरू कर दिया गया. जानकारी होते ही वादी ने न्याय के लिए दोबारा हाईकोर्ट की शरण ली. जिस पर हाईकोर्ट ने 19 अगस्त 2021 को सिविल जज सीनियर डिवीजन औरैया को विवादित जगह पर यथा स्थिति बनाए रखने और अग्रिम आदेश तक किसी भी प्रकार का निर्माण न होने देने के लिए अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर दिया. इसके साथ ही सिविल जज को मौके पर जाकर जांच पड़ताल कर उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. जिसपर जिला प्रशासन के अधिकारियों को फोटोग्राफ समेत अपना-अपना जबाव दाखिल करने को निर्देशित किया गया था. इसी को लेकर सिविल जज सीनियर डिवीजन शिवानी त्यागी शनिवार को निर्धारित समय पर मौके पर निरीक्षण करने पहुंची. जहां मौके पर मौजूद वादी के अधिवक्ताओं की ओर से पूरे मामले की जानकारी दी जा रही थी. तभी मौके पर मौजूद जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा अचानक से सिविल जज सीनियर डिवीजन को अपनी बात समझा रहे अधिवक्ता से उलझ गए. इस दौरान उन्होंने हाईकोर्ट का प्रतिनिधित्व कर रहीं जज साहिबा की उपस्थिति की अनदेखी कर अधिवक्ता से दस्तावेजों की मांंग करनी शुरू कर दी. जिस पर अधिवक्ता ने कहा कि दस्तावेजों को न्यायालय में पहले से ही दाखिल होने की बात कही. इस पर जिलाधिकारी ने भड़कते हुए कहा कि यहां बिना दस्तावेज के क्या करने आए हो.

इसे भी पढ़ें- इनकम टैक्स पोर्टल में समस्याएं, वित्त मंत्रालय ने इंफोसिस के सीईओ को किया तलब

इस पर अधिवक्ता ने मौके पर मौजूद सिविल जज शिवानी त्यागी से बात करते हुए कहा कि महोदय दस्तावेज आपको देने हैं या जिलाधिकारी को. इस बीच दूसरे अधिवक्ता दस्तावेज की फाइल लेकर मौके पर पहुंचे. जिसपर सिविल जज शिवानी त्यागी ने कोर्ट में कागज दिखाने की बात कही. उधर जिला प्रशासन की मनमानी को लेकर की गई कार्रवाई से लोगों में आक्रोश है.

औरैयाः शहर के तिलक नगर मोहल्ला स्थित पुराना नुमाइश मैदान की जमीन पर विवाद के चलते मार्च 2019 में हाईकोर्ट ने यथास्थिति का स्टे जारी किया था. जिसको लेकर 25 मार्च 2019 को सभी संबंधित जिला स्तरीय अधिकारियों को स्टे की कॉपी भी प्राप्त हो गई. इस संबंध में हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप कुमार के प्रयास के चलते हाईकोर्ट की ओर से जारी स्टे आदेश में जिलाधिकारी की ओर से उस जमीन को नई पुलिस चौकी के लिए आवंटित किया जाना पाया गया. जिसमें संबंधित ठेकेदार को जिला प्रशासन की ओर से नीलामी के माध्यम से पुलिस चौकी और विवादित जमीन के चारों ओर बाउंड्रीवाल बनाने का ठेका दिया जाना बताया गया.

इसकी जानकारी होते ही संंबंधित वादी सत्यवती देवी ने तत्काल हाईकोर्ट की शरण ली. जिस पर हाईकोर्ट ने मामला संज्ञान में लेते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए मौके का निरीक्षण कर फोटोग्राफ समेत अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए. सिविल जज सीनियर डिवीजन को मौके पर जाकर निरीक्षण करने का आदेश दिया गया था.

आपको बता दें कि पुराना नुमाइश मैदान के मामले में सत्यवती की ओर से हाईकोर्ट से मार्च 2019 में यथा स्थिति का स्टे लिया गया था. इसके बाद भी जिला प्रशासन की ओर से नुमाइश मैदान के चारों तरफ बाउंड्री बनवाए जाने का काम शुरू कर दिया गया. जानकारी होते ही वादी ने न्याय के लिए दोबारा हाईकोर्ट की शरण ली. जिस पर हाईकोर्ट ने 19 अगस्त 2021 को सिविल जज सीनियर डिवीजन औरैया को विवादित जगह पर यथा स्थिति बनाए रखने और अग्रिम आदेश तक किसी भी प्रकार का निर्माण न होने देने के लिए अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर दिया. इसके साथ ही सिविल जज को मौके पर जाकर जांच पड़ताल कर उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. जिसपर जिला प्रशासन के अधिकारियों को फोटोग्राफ समेत अपना-अपना जबाव दाखिल करने को निर्देशित किया गया था. इसी को लेकर सिविल जज सीनियर डिवीजन शिवानी त्यागी शनिवार को निर्धारित समय पर मौके पर निरीक्षण करने पहुंची. जहां मौके पर मौजूद वादी के अधिवक्ताओं की ओर से पूरे मामले की जानकारी दी जा रही थी. तभी मौके पर मौजूद जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा अचानक से सिविल जज सीनियर डिवीजन को अपनी बात समझा रहे अधिवक्ता से उलझ गए. इस दौरान उन्होंने हाईकोर्ट का प्रतिनिधित्व कर रहीं जज साहिबा की उपस्थिति की अनदेखी कर अधिवक्ता से दस्तावेजों की मांंग करनी शुरू कर दी. जिस पर अधिवक्ता ने कहा कि दस्तावेजों को न्यायालय में पहले से ही दाखिल होने की बात कही. इस पर जिलाधिकारी ने भड़कते हुए कहा कि यहां बिना दस्तावेज के क्या करने आए हो.

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इस पर अधिवक्ता ने मौके पर मौजूद सिविल जज शिवानी त्यागी से बात करते हुए कहा कि महोदय दस्तावेज आपको देने हैं या जिलाधिकारी को. इस बीच दूसरे अधिवक्ता दस्तावेज की फाइल लेकर मौके पर पहुंचे. जिसपर सिविल जज शिवानी त्यागी ने कोर्ट में कागज दिखाने की बात कही. उधर जिला प्रशासन की मनमानी को लेकर की गई कार्रवाई से लोगों में आक्रोश है.

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