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औरैया की बेटी का Under 19 women क्रिकेट टीम में चयन, जानिए इस मुकाम तक कैसे पहुंची - औरैया की बेटी का क्रिकेट में चयन

औरैया के छोटे से गांव भरसेन की रहने वाली 15 वर्षीय आयुषी सेंगर का चयन UPCA Under 19 women Cricket Team में हो गया है. जिसको लेकर जनपद में चारों ओर खुशी का माहौल है. लोग खुद को गौरवान्वित भी महसूस कर रहे हैं.

आयुषी सेंगर
आयुषी सेंगर
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Published : Dec 21, 2022, 7:36 PM IST

जानकारी देते हुए आयुषी सेंगर

औरैया: कहते हैं अगर आप के हौसले बुलंद हो तो आप उन बुलंदियों पर भी पहुंच सकते हैं. जिसका सपना आपने देखा था. जरूरी नहीं उसके पीछे पिता का साया हो, जरूरी यह है कि आपकी परवरिश करने वाली मां आपको हमेशा प्रोत्साहित करती रहे. जी हां कुछ ऐसा ही कर दिखाया है औरैया की बेटी आयुषी सेंगर ने. जिसने UPCA Under19 women Cricket Team में स्थान हासिल कर जनपद का नाम रोशन किया. वहीं, बुधवार को औरैया पहुंची आयुषी सेंगर का जगह-जगह जोरदार स्वागत किया गया. बेटी की कामयाबी देख मां की आंखों में खुशी के आंसू आ गए.

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आयुषी सेंगर ने मनाया जीत का जश्न

जन्म से 15 दिन पहले ही हो गई थी पिता की मृत्यु
ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए आयुषी सेंगर ने बताया कि वह छोटे से गांव भरसेन की रहने वाली है. आज जिस मुकाम पर पहुंची है, उसका पूरा श्रेय उनकी मां, गुरुजनों और चाचा के साथ-साथ पूरे परिवार वालों को जाता है.नम आंखों के साथ आयुषी ने बताया कि उसके पिता की मृत्यु उसके जन्म से महज 15 दिन पहले ही हो गई थी. जिसको लेकर रिश्तेदार और गांव के लोग उसको और उसकी मां को तरह-तरह की बातें बोलकर ताने मारते थे.

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सम्मानित हुई आयुषी सेंगर

मां की लाचारी को देख क्रिकेट की तरफ अपनाया था रुख
पिता का साया उठने के बाद मानों घर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था. लेकिन जैसे-तैसे मां ने खुद को संभाला और एक एनजीओ में प्राइवेट नौकरी कर भाई बहनों को स्कूल भेजा. लेकिन मेरा मन कभी भी पढ़ने को नहीं हुआ. मां की लाचारी को देखते हुए मैंने क्रिकेट की दुनिया में अपना रुख करना शुरू कर दिया. आस पड़ोस के लड़कों के साथ क्रिकेट खेल कर आज इस मुकाम पर पहुंची हूं.

चार बार मिली असफलता के बाद भी जारी रखी जंग
आयुषी ने बताया कि उसे यहां तक आने में चार बार असफलता का मुंह देखना पड़ा. इस बार उसने अपनी मां से बोला था कि ये आखिरी बार है. अगर इस बार भी असफलता हाथ लगी तो अब क्रिकेट का हाथ छोड़कर पढ़ाई में ध्यान दूंगी. लेकिन इस बार उसके हाथ लगी सफलता ने उसके सपनों में पंख लगा दिए.

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आयुषी सेंगर को सम्मानित किया गया

देश के लिए खेलना चाहती है आयुषी
आयुषी ने बताया कि उसका सफर सिर्फ यही तक नहीं है. बल्कि आगे का भी है. उसका सपना है कि वह देश के लिए खेलें और देश का नाम रोशन करें. वह अपना सपना पूरा करने के लिए हर तरह से तैयार है. आयुषी ने बताया कि उसने क्रिकेट की शुरुआत शहर के भारतीय बालिका इंटर कॉलेज से की थी. जहां पर उसे शिक्षकों का उचित मार्गदर्शन भी प्राप्त हुआ था.

क्षत्रिय समाज के लोगों ने भी आयुषी का जगह-जगह किया स्वागत
जनपद और समाज का नाम रोशन करने वाली आयुषी सेंगर का जनपदवासियों के साथ-साथ क्षत्रिय समाज के लोगों ने भी स्वागत और सम्मान किया. इस दौरान क्षत्रिय महासभा औरैया के संरक्षक रविंद्र कुशवाह, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष दीपू सिंह राजावत समेत सैकड़ों क्षत्रियों ने आयुषी का स्वागत और सम्मान किया.

यह भी पढ़ें- युवक के पेट में चाकू मारने वाले 3 दोषियों को 10-10 साल की सजा

जानकारी देते हुए आयुषी सेंगर

औरैया: कहते हैं अगर आप के हौसले बुलंद हो तो आप उन बुलंदियों पर भी पहुंच सकते हैं. जिसका सपना आपने देखा था. जरूरी नहीं उसके पीछे पिता का साया हो, जरूरी यह है कि आपकी परवरिश करने वाली मां आपको हमेशा प्रोत्साहित करती रहे. जी हां कुछ ऐसा ही कर दिखाया है औरैया की बेटी आयुषी सेंगर ने. जिसने UPCA Under19 women Cricket Team में स्थान हासिल कर जनपद का नाम रोशन किया. वहीं, बुधवार को औरैया पहुंची आयुषी सेंगर का जगह-जगह जोरदार स्वागत किया गया. बेटी की कामयाबी देख मां की आंखों में खुशी के आंसू आ गए.

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आयुषी सेंगर ने मनाया जीत का जश्न

जन्म से 15 दिन पहले ही हो गई थी पिता की मृत्यु
ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए आयुषी सेंगर ने बताया कि वह छोटे से गांव भरसेन की रहने वाली है. आज जिस मुकाम पर पहुंची है, उसका पूरा श्रेय उनकी मां, गुरुजनों और चाचा के साथ-साथ पूरे परिवार वालों को जाता है.नम आंखों के साथ आयुषी ने बताया कि उसके पिता की मृत्यु उसके जन्म से महज 15 दिन पहले ही हो गई थी. जिसको लेकर रिश्तेदार और गांव के लोग उसको और उसकी मां को तरह-तरह की बातें बोलकर ताने मारते थे.

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सम्मानित हुई आयुषी सेंगर

मां की लाचारी को देख क्रिकेट की तरफ अपनाया था रुख
पिता का साया उठने के बाद मानों घर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था. लेकिन जैसे-तैसे मां ने खुद को संभाला और एक एनजीओ में प्राइवेट नौकरी कर भाई बहनों को स्कूल भेजा. लेकिन मेरा मन कभी भी पढ़ने को नहीं हुआ. मां की लाचारी को देखते हुए मैंने क्रिकेट की दुनिया में अपना रुख करना शुरू कर दिया. आस पड़ोस के लड़कों के साथ क्रिकेट खेल कर आज इस मुकाम पर पहुंची हूं.

चार बार मिली असफलता के बाद भी जारी रखी जंग
आयुषी ने बताया कि उसे यहां तक आने में चार बार असफलता का मुंह देखना पड़ा. इस बार उसने अपनी मां से बोला था कि ये आखिरी बार है. अगर इस बार भी असफलता हाथ लगी तो अब क्रिकेट का हाथ छोड़कर पढ़ाई में ध्यान दूंगी. लेकिन इस बार उसके हाथ लगी सफलता ने उसके सपनों में पंख लगा दिए.

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आयुषी सेंगर को सम्मानित किया गया

देश के लिए खेलना चाहती है आयुषी
आयुषी ने बताया कि उसका सफर सिर्फ यही तक नहीं है. बल्कि आगे का भी है. उसका सपना है कि वह देश के लिए खेलें और देश का नाम रोशन करें. वह अपना सपना पूरा करने के लिए हर तरह से तैयार है. आयुषी ने बताया कि उसने क्रिकेट की शुरुआत शहर के भारतीय बालिका इंटर कॉलेज से की थी. जहां पर उसे शिक्षकों का उचित मार्गदर्शन भी प्राप्त हुआ था.

क्षत्रिय समाज के लोगों ने भी आयुषी का जगह-जगह किया स्वागत
जनपद और समाज का नाम रोशन करने वाली आयुषी सेंगर का जनपदवासियों के साथ-साथ क्षत्रिय समाज के लोगों ने भी स्वागत और सम्मान किया. इस दौरान क्षत्रिय महासभा औरैया के संरक्षक रविंद्र कुशवाह, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष दीपू सिंह राजावत समेत सैकड़ों क्षत्रियों ने आयुषी का स्वागत और सम्मान किया.

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