औरैया: जिले के दिबियापुर थाना क्षेत्र के एक गांव के निवासी सुनील कुमार ने बताया कि शुक्रवार की शाम उसका 20 वर्षीय चचेरा भाई गौरव पुत्र शिवकुमार घर में अकेले थे. इसी बीच गांव के ही कुछ युवक आए और गाली-गलौज करते हुए घर में घुस गए. आरोपियों ने कुछ दिन पहले गौरव के परिवार की महिला सदस्य से छेड़छाड़ की थी, जिस मामले में आरोपी गौरव पर समझौते का दबाव बनाने का प्रयास कर रहे थे. जब बात नहीं बनी, तो आरोपियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. इसमें एक गोली गौरव के सिर में लग गई. गोलियों की आवाज सुनकर आस-पास के लोग एवं परिजन मौके पर पहुंचे, तो गौरव लहूलुहान होकर जमीन पर पड़ा था.
आनन-फानन में परिजनों व ग्रामीणों ने घायल गौरव को दिबियापुर सीएचसी में भर्ती कराया, जहां से उसे सैफई रेफर कर दिया गया. सूचना पर सीओ सुरेंद्र नाथ व दिबियापुर थाना प्रभारी आलोक कुमार दुबे सीएचसी पहुंचे. परिजनों ने बताया कि गौरव गांव में टेंट हाउस का काम करता है.
शुक्रवार शाम को दिबियापुर थाना क्षेत्र में चली गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरे जनपद में दहशत का माहौल बना हुआ है. चारों तरफ दिनदहाड़े चली गोलियों की चर्चाएं चल रही हैं. युवक को गोली लगने की सूचना मिलते ही सीओ सिटी सुरेंद्र नाथ, दिबियापुर थाना प्रभारी आलोक कुमार दुबे ने मौके पर पहुंचकर मामले की छानबीन शुरू कर दी है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले में जांच के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी.
पढ़ें- युवती ने सोशल मीडिया के जरिये लगाई सुरक्षा की गुहार, माता-पिता पर लगाए गंभीर आरोप
पढ़ें- औरैया की गुड़ियाः रेप के बाद हुई थी किशोरी की हत्या, पोस्टमार्टम में खुलासा
औरैया में महिला अपराध की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. आए दिन महिला और युवतियों से छेड़छाड़ के मामले सामने आते रहते हैं, बावजूद इसके पुलिस प्रशासन इन अपराधियों पर लगाम लगाने में फेल नजर आ रहा है. अक्टूबर साल 2020 में एक रूह कंपा देने वाला मामला सामने आया था. औरैया के अजीतमल कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में घर से करीब 400 मीटर दूर बाजरे के खेत में एक किशोरी का शव मिला था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म के बाद किशोरी की गर्दन की हड्डी तोड़ने की बात सामने आयी थी, जिसके बाद अंदेशा जताया जा रहा था कि आरोपी ने दुष्कर्म के बाद किशोरी की गर्दन की हड्डी तोड़ दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई. उधर, प्रशासन मामले को दबाने में जुटा था. पुलिस ने गांव को छावनी में तब्दील कर दिया था. गांव के अंदर बाहरी लोगों का आना-जाना रोक दिया गया था.