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औरैया: बेसहारा नाबालिग बच्चों को मिलेगा सहारा, अधिकारी ने मदद के लिए बढ़ाए हाथ

यूपी में औरैया के ककोर-बुजुर्ग में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. मौत की वजह ठंड बताई गई. युवक की मौत से बच्चे अनाथ हो गए हैं. उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है. मामले की जानकारी अपर जिलाधिकारी को हुई. उन्होंने मदद का आश्वासन दिया है.

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Published : Jan 10, 2020, 5:01 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:17 PM IST

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अनाथ बच्चे

औरैया: जिला के ककोर-बुजुर्ग में एक परिवार के तीन नाबालिग बच्चे जीवन से संघर्ष कर रहे हैं. ये हर रोज रोटी, कपड़ा और मकान की जद्दोजहद से जूझ रहे हैं. इनके पिता राकेश वाल्मीकि की कुछ समय पहले मौत हो गई थी. पिता का साया उठने से लक्ष्मी, अजितेश व पुष्पा अनाथ हो गए.

जानकारी देते संवाददाता.

इन बच्चों की मुसीबत में अब अपर जिलाधिकारी रेखा एस चौहान ने सहारा दिया है. उन्होंने प्राथमिकता के आधार पर बच्चों के राशन की उपलब्धता के लिए तत्काल निर्देश दिए हैं. बच्चों को पीएम आवास से मकान और शिक्षा भी मिलने की आस जगी है.

अपर जिलाधिकारी रेखा एस चौहान ने ठंड से बचने के लिए तत्काल कच्चे घर पर तिरपाल लगवाया और राशन मुहैया करावाया.

इसे भी पढ़ें - यूपी में कड़ाके की ठंड, आज भी बूंदाबांदी के आसार

औरैया: जिला के ककोर-बुजुर्ग में एक परिवार के तीन नाबालिग बच्चे जीवन से संघर्ष कर रहे हैं. ये हर रोज रोटी, कपड़ा और मकान की जद्दोजहद से जूझ रहे हैं. इनके पिता राकेश वाल्मीकि की कुछ समय पहले मौत हो गई थी. पिता का साया उठने से लक्ष्मी, अजितेश व पुष्पा अनाथ हो गए.

जानकारी देते संवाददाता.

इन बच्चों की मुसीबत में अब अपर जिलाधिकारी रेखा एस चौहान ने सहारा दिया है. उन्होंने प्राथमिकता के आधार पर बच्चों के राशन की उपलब्धता के लिए तत्काल निर्देश दिए हैं. बच्चों को पीएम आवास से मकान और शिक्षा भी मिलने की आस जगी है.

अपर जिलाधिकारी रेखा एस चौहान ने ठंड से बचने के लिए तत्काल कच्चे घर पर तिरपाल लगवाया और राशन मुहैया करावाया.

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Intro:स्लग--शासन प्रशासन से मदद की गुहार लगाते नाबालिक बच्चे।

एंकर--कहते हैं कि बदनसीबी जब दस्तक देती है तो फ़िर वह जाति धर्म और बड़े छोटे का भेद दरकिनार कर दे ती है।मामला औरैया जनपद के ककोर मुख्यालय स्थित ककोर बुजुर्ग का है।जहां असहाय और लाचार तीन मासूम लक्ष्मी ,अजितेश व पुष्पा ने सरकार से आवास और शिक्षा के लिए गुहार लगाई है।हाल ही में बच्चों के पिता राकेश वाल्मीकि की ठंड के चलते मौत के बाद तीनों नाबालिक बच्चे अनाथ हो गए हैं।तीनो बच्चों की आर्थिक स्थिति बेहद जर्जर है।इनके पिता सफाई कर्मी के रूप में जाने जाते थे।एवं बच्चों का भरण पोषण उन्हीं के कंधों पर निर्भर था।

Body:वीओ--बच्चों के सर पर छत के नाम पर फटी हुई पन्नी और दीवारों के जगह मिट्टी की दो साइडों का सहारा है।इसकी सूचना मिलते ही औरैया अपर जिलाधिकारी रेखा एस चौहान ऐसे में इन बच्चों के लिए सहारे की आशा बनकर सामने आईं और उन्होंने सबसे पहले बच्चों के लिए तिरपाल डलवाने का काम किया साथ ही अन्य खाने पीने का कुछ सामान भी मुहैया कराया।उनका कहना है कि तीनों नाबालिक बच्चों को शिक्षा के लिए प्रधान के माध्यम से विद्यालय में दाखिला और अंत्योदय राशन कार्ड एवं आवास की सुविधा मुहैया कराया जाएगा।

Conclusion:वीओ-2-बेशक़ बच्चों के सर से माँ बाप का साया छिन गया हो लेकिन ये मासूम अभी उम्मीदें लगाए हैं उस सिस्टम से जिसके मुंह ताकतें बच्चे आगे शिक्षा लेना चाहते हैं।साथ ही सर ढकने के लिए आवास की जरूरत भी महसूस कर रहे ये बच्चे हर आने जाने वाले अधिकारियों से आश की किरण देख रहे हैं।

बाइट--रेखा एस चौहान अपर जिलाधिकारी।

बाइट--ग्राम प्रधान विनोद कुमार।

बाइट--लक्ष्मी ,पुष्पा लाचार बच्चे।

P2c विशाल त्रिपाठी
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:17 PM IST
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