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गंगा का जलस्तर बड़ा, किसानों की फसलें बर्बाद - अमरोहा किसानों की फसलें बर्बाद

अमरोहा में गंगा का जलस्तर बढ़ने से किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं. किसानों की फसलें बर्बाद होने से किसान परेशान हैं. किसानों को इसकी वजह से भारी नुकसान हुआ है.

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Published : May 22, 2021, 5:00 PM IST

अमरोहा: जिले में पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश के कारण शुक्रवार रात गंगा का जलस्तर बढ़ गया. इससे गंगा किनारे स्थित तरबूज, खरबूजा और खीरे की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद फसलों में पानी पहुंच गया, जिसमे सारी फसल नष्ट हो गई. जलस्तर बढ़ने से किसान फसलों को लेकर चिंतित हैं.

यह भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश : अमरोहा में बरामद हुईं 35 करोड़ की नकली किताबें

किसानों को हो रहा नुकसान

गुरुवार को बारिश की वजह से राम गंगा पोषक नहर का जलस्तर बढ़ गया था. बताया जा रहा है कि पानी का दबाव बढ़ने की वजह से शुक्रवार शाम बिजनौर बैराज से 50 हजार क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया. इसके साथ ही गंगा का जलस्तर और बढ़ना शुरू हो गया. इसके बाद पानी पुरोहितों की झोपड़ी गंगा के टापू स्थित ग्राम रखेड़ा, बिरला, धोरिया, सतैंडा, मटैना, कबीरपुर, मोहम्मदाबाद और तिगरी तक पहुंच गया, जिससे किसानों की फसल तरबूज, खरबूजा, खीरा और लौकी को भारी नुकसान पहुंचा है. इसको लेकर किसान चिंतित हैं. बची हुई कुछ फसलों को पानी के अंदर से बाहर निकाल रहे हैं, ताकि उन्हें बेचकर कुछ पैसे हासिल कर सकें. किसान समरपाल ने बताया कि बीती रात को अचानक गंगा का जलस्तर बढ़ गया, जिससे हजारों बीघे में लगी फसलों में पानी भर गया. बची हुई फसल को निकाल कर ला रहे हैं, ताकि उन्हें बेचकर घर का कुछ खर्चा चला सकें. समय से पहले ही फसल नष्ट हो गई, जिससे सभी किसानों को भारी नुकसान हुआ है.

अमरोहा: जिले में पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश के कारण शुक्रवार रात गंगा का जलस्तर बढ़ गया. इससे गंगा किनारे स्थित तरबूज, खरबूजा और खीरे की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद फसलों में पानी पहुंच गया, जिसमे सारी फसल नष्ट हो गई. जलस्तर बढ़ने से किसान फसलों को लेकर चिंतित हैं.

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किसानों को हो रहा नुकसान

गुरुवार को बारिश की वजह से राम गंगा पोषक नहर का जलस्तर बढ़ गया था. बताया जा रहा है कि पानी का दबाव बढ़ने की वजह से शुक्रवार शाम बिजनौर बैराज से 50 हजार क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया. इसके साथ ही गंगा का जलस्तर और बढ़ना शुरू हो गया. इसके बाद पानी पुरोहितों की झोपड़ी गंगा के टापू स्थित ग्राम रखेड़ा, बिरला, धोरिया, सतैंडा, मटैना, कबीरपुर, मोहम्मदाबाद और तिगरी तक पहुंच गया, जिससे किसानों की फसल तरबूज, खरबूजा, खीरा और लौकी को भारी नुकसान पहुंचा है. इसको लेकर किसान चिंतित हैं. बची हुई कुछ फसलों को पानी के अंदर से बाहर निकाल रहे हैं, ताकि उन्हें बेचकर कुछ पैसे हासिल कर सकें. किसान समरपाल ने बताया कि बीती रात को अचानक गंगा का जलस्तर बढ़ गया, जिससे हजारों बीघे में लगी फसलों में पानी भर गया. बची हुई फसल को निकाल कर ला रहे हैं, ताकि उन्हें बेचकर घर का कुछ खर्चा चला सकें. समय से पहले ही फसल नष्ट हो गई, जिससे सभी किसानों को भारी नुकसान हुआ है.

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