अमरोहा: उत्तर प्रदेश के जनपद अमरोहा में शासन के निर्देश पर हुई छापेमारी में जीआर सॉल्वेंट एंड एलाइड इंडस्ट्रीज में पशु आहार बनाने के लिए टेक्निकल ग्रेड यूरिया की जगह सब्सिडी दाम पर किसानों को दिए जाने वाले यूरिया का इस्तेमाल किया जा रहा था. सदस्यीय टीम के निरीक्षण में कंपनी में अनुदानित (सब्सिडाइज्ड) यूरिया का इस्तेमाल करते पाया गया. जहां गोदाम में 88 बोरे रखे पाए गए. फैक्ट्री के मालिक व अन्य के खिलाफ उर्वरक नियंत्रण एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है. प्रशासन की कार्रवाई के क्षेत्र के कारोबारियों में हड़कंप मचा है.
मामला अमरोहा जनपद के थाना अमरोहा देहात क्षेत्र के कैलसा पाकबड़ा मार्ग स्थित जी आर साल्वेंट फैक्ट्री का है. शासन के निर्देश पर प्रदेश में टीम बना कर छापेमारी के आदेश दिए गए थे, जिसमें अमरोहा जिलाधिकारी बी के त्रिपाठी ने डिप्टी कलक्टर अनिल कुमार, जिला कृषि अधिकारी राजीव कुमार सिंह और पुलिस क्षेत्राधिकारी सिटी विजय कुमार राणा की टीम ने शासन के निर्देश पर सोमवार को कैलसा स्थित जीआर सॉल्वेंट एंड एलाइड इंडस्ट्रीज लिमिटेड में छापेमारी की गई. फैक्ट्री में ग्वाला पशु आहार ब्रांड का पशु आहार तैयार किया जाता है. जांच में अधिकारियों ने फैक्ट्री के गोदाम से अनुदानित यूरिया के 88 कट्टे बरामद पाए गए.
जिला कृषि अधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि फैक्ट्री में अनुदानित यूरिया का अवैध रूप से पशु आहार बनाने में उपयोग किया जा रहा था. जबकि उसकी जगह टेक्निकल ग्रेड यूरिया (कॉमर्शियल) को प्रयोग किया जाना था. इतनी बड़ी मात्रा में अनुदानित यूरिया फैक्ट्री में कहां से आया. इसके दस्तावेज प्रबंधन से तलब किए गए, लेकिन कोई संतोष जनक जवाब नहीं दे सका और न ही दस्तावेज दिखाए जा सके. इस पर फैक्ट्री प्रबंधक को अपनी औद्योगिक इकाई में टेक्निकल ग्रेड यूरिया का प्रयोग न करके उसकी जगह अनुदानित यूरिया का प्रयोग करने का दोषी पाया गया.
प्रबंधन को बताया गया कि अनुदानित यूरिया का कॉमर्शियल इस्तेमाल उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 का उल्लंघन है. यूरिया के कट्टे कब्जे में लेकर फैक्ट्री प्रबंधक के खिलाफ थाने में तहरीर दी गई. जिला कृषि अधिकारी की तहरीर पर जीआर सॉल्वेंट एंड एलाइड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंधक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है. मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, औद्योगिक इकाइयों में टेक्निकल ग्रेड यूरिया का इस्तेमाल किया जाता है. टेक्निकल ग्रेड यूरिया मतलब कॉमर्शियल, जिसकी बाजार में कीमत करीब 1500 से 3000 प्रति कट्टा तक होती है. जबकि, अनुदानित यूरिया केवल किसानों के लिए होता है. जिसकी कीमत वर्तमान में केवल 266.50 रुपये है. अनुदानित यूरिया का प्रयोग उद्योग इकाइयों में करना प्रतिबंधित है. ऐसा करने वालों पर उर्वरक नियंत्रण आदेश एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम की कार्रवाई का प्रावधान है, लेकिन रुपये बचाने के लिए औद्योगिक इकाई के मालिक या कर्मचारी अनुदानित यूरिया का इस्तेमाल करते हैं, जोकि गलत है.
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