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अमरोहा के गांवों में घुसा पानी, प्रशासन की नाकामी

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Published : Aug 24, 2020, 5:41 PM IST

Updated : Aug 24, 2020, 6:39 PM IST

यूपी के अमरोहा में कई गांव इन दिनों बाढ़ से जूझ रहे हैं. उनका कहना है कि हर रोज राशन खरीदने जाने के लिए जान जोखिम में डालना पड़ता है. बावजूद इसके शासन और प्रशासन हमारी सुध नहीं ले रहा है.

अमरोहा के कई गांव मे बाढ़.
अमरोहा के कई गांव मे बाढ़.

अमरोहा: जनपद के खादर क्षेत्र में कई गांव इन दिनों बाढ़ से जूझ रहे हैं. मैदानी इलाकों में हो रही बरसात के बीच बिजनौर बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. तिगरी में गंगा का जलस्तर 200.25 सेंटीमीटर के स्तर तक पहुंच गया है. इलाके के कई गांवों में पानी भरने से लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन शासन और प्रशासन इनकी कोई मदद नहीं कर रहा है.

बता दें कि गजरौला क्षेत्र के कई गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. मैदानी इलाकों में लगातार हो रही बारिश खादर इलाकों के लिए आफत बनी है. गंगा में रामगंगा पोषक नहर उफान पर है. इसमें ग्रामीणों की नींद उड़ी हुई है. लोग काम-धंधा छोड़ गंगा के पानी पर ही नजर रख रहे हैं. पता नहीं कब पलायन करने के हालात बन जाएं.

अमरोहा के कई गांव में बाढ़, देखें वीडियो.

बीते दिनों बिजनौर बैराज से सवा लाख हजार क्यूसेक पानी तिगरी गंगा की ओर छोड़ा गया था. गंगा का जलस्तर 5 सेंटीमीटर बढ़ कर 200.25 सेंटीमीटर के स्तर तक पहुंच गया. तिगरी में गंगा के खतरे का निशान अब सिर्फ 1.75 मीटर दूर ही रह गया है.

ईटीवी भारत से ग्रामीणों ने बताया कि राशन लेने के लिए रोजाना पानी में उतरकर चार से पांच किलोमीटर जाना पड़ता है. उसके बाद घर में चूल्हा जलता है. गांव में पानी भर जाने से खाना बनाने के लिए ईंधन भी नहीं है. जैसे-तैसे खाना बनाकर बच्चों का पेट भरते हैं, लेकिन शासन या प्रशासन हमारी कोई सुध नही ले रहा है. चुनाव के समय इलाके में जनप्रतिनिधियों का तांता लगा रहता था, लेकिन अब कोई हमारी मदद के लिए आगे नहीं आ रहा है.

जलभराव की वजह से ग्रामीणों का गजरौला से संपर्क टूट गया है. गांव से बाहर जाने वाले रास्तों पर भी पानी जमा हुआ है. जिसने जरूरी कामों से गजरौला आने वाले लोगों के चार-चार फीट पानी के बीच से गुजरना पड़ता है. वहीं बाढ़ खंड प्रदीप पवार ने बताया कि बारिश नहीं होती है तो अगले 2 से 3 दिनों में जलस्तर कम होने की संभावना है.

अमरोहा: जनपद के खादर क्षेत्र में कई गांव इन दिनों बाढ़ से जूझ रहे हैं. मैदानी इलाकों में हो रही बरसात के बीच बिजनौर बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. तिगरी में गंगा का जलस्तर 200.25 सेंटीमीटर के स्तर तक पहुंच गया है. इलाके के कई गांवों में पानी भरने से लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन शासन और प्रशासन इनकी कोई मदद नहीं कर रहा है.

बता दें कि गजरौला क्षेत्र के कई गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. मैदानी इलाकों में लगातार हो रही बारिश खादर इलाकों के लिए आफत बनी है. गंगा में रामगंगा पोषक नहर उफान पर है. इसमें ग्रामीणों की नींद उड़ी हुई है. लोग काम-धंधा छोड़ गंगा के पानी पर ही नजर रख रहे हैं. पता नहीं कब पलायन करने के हालात बन जाएं.

अमरोहा के कई गांव में बाढ़, देखें वीडियो.

बीते दिनों बिजनौर बैराज से सवा लाख हजार क्यूसेक पानी तिगरी गंगा की ओर छोड़ा गया था. गंगा का जलस्तर 5 सेंटीमीटर बढ़ कर 200.25 सेंटीमीटर के स्तर तक पहुंच गया. तिगरी में गंगा के खतरे का निशान अब सिर्फ 1.75 मीटर दूर ही रह गया है.

ईटीवी भारत से ग्रामीणों ने बताया कि राशन लेने के लिए रोजाना पानी में उतरकर चार से पांच किलोमीटर जाना पड़ता है. उसके बाद घर में चूल्हा जलता है. गांव में पानी भर जाने से खाना बनाने के लिए ईंधन भी नहीं है. जैसे-तैसे खाना बनाकर बच्चों का पेट भरते हैं, लेकिन शासन या प्रशासन हमारी कोई सुध नही ले रहा है. चुनाव के समय इलाके में जनप्रतिनिधियों का तांता लगा रहता था, लेकिन अब कोई हमारी मदद के लिए आगे नहीं आ रहा है.

जलभराव की वजह से ग्रामीणों का गजरौला से संपर्क टूट गया है. गांव से बाहर जाने वाले रास्तों पर भी पानी जमा हुआ है. जिसने जरूरी कामों से गजरौला आने वाले लोगों के चार-चार फीट पानी के बीच से गुजरना पड़ता है. वहीं बाढ़ खंड प्रदीप पवार ने बताया कि बारिश नहीं होती है तो अगले 2 से 3 दिनों में जलस्तर कम होने की संभावना है.

Last Updated : Aug 24, 2020, 6:39 PM IST
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