अमरोहा: सैदनगली थाना क्षेत्र में सोमवार को किसान ने सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली. इससे परिजनों में कोहराम मच गया. सुसाइड नोट में किसान ने लिखा कि एक हादसे में उसे झूठा फंसाया गया है. इस बात से आहत होकर वह जान दे रहा है. वहीं, पुलिस पूरे मामले की जांच-पड़ताल में जुटी है.
बता दें कि थाना सैदनगली क्षेत्र के गांव निचला तरारा निवासी 38 वर्षीय मदन का शव गांव के जंगल में बकायन के पेड़ के पास मिला. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. किसान की जेब से चार सुसाइड नोट मिले हैं. इसमें किसान ने अपनी मौत का कारण पुलिस और फतेहपुर खादर के लोगों को ठहराया है. सुसाइड नोट में किसान ने लिखा है कि वह 21 जून 2022 को एक शादी से लौट रहा था. जिस गाड़ी में वह बैठा था, उस गाड़ी से गांव फतेहपुर में सड़क हादसा हो गया था. इस हादसे में मृतक किसान का ही नाम दर्ज कर दिया था. मृतक किसान की जेब से मिले सुसाइड नोट में लिखा है कि उसे झूठा फंसाया गया था. वह इसी को लेकर परेशान था. ग्रामीणों ने बताया कि किसान अपने पीछे चार बच्चे, पत्नी के अलावा माता-पिता को छोड़ गया.
सैदनगली थानाध्यक्ष संदीप कुमार का कहना है कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. परिजनों की तरफ से अभी तहरीर नहीं मिली है. तहरीर मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. जेब से मिले सुसाइड नोट की बात जांच का विषय है.
किसान ने सुसाइड नोट में लिखा कि यह सरकार भी गंदी है और इस सरकार में कर्मचारी गंदे हैं. मैं क्या किसी सवारी में बैठने वाला किसी को मार सकता है तो मैंने भी मार डाला. मैं इस सरकार से पूछना चाहता हूं कि बैठने वाला मारता है या चलाने वाला मारता है. सैदनंगली थाने के कर्मचारियों ने पहले पांच लाख लेकर मुझे झूठा फंसा दिया. मेरी मिट्टी को जब तक लेकर मत जाना जब तक योगी, मोदी आकर इंसाफ ना दें. मैं अपनी बेटी को कलेक्टर बनाना चाहता था. मेरी मौत का कारण पुलिस वाले हैं. जिसने मुझे झूठा फंसा कर मुझे मरने पर मजबूर कर दिया. मैं 18 लाख 28 हजार जो मुआवजे में देता, उससे आधा पैसा मुझे इंसाफ मिलने में लगा देना. मेरी आखिरी सबको राम राम.
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