अमरोहाः मामला जनपद के गजरौला क्षेत्र का है. लगभग 4 महीने पहले 20 से अधिक युवकों से हरेंद्र गौरव नामक व्यक्ति ने गजरौला स्थित जुबिलेंट फैक्ट्री में नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों रुपये लिए थे. जब युवकों को नौकरी नहीं मिली, तो सभी ने हरेंद्र से पैसे मांगने शुरू कर दिए. पीड़ित युवकों का आरोप है कि हरेंद्र पैसे देने में आनाकानी कर रहा है.
युवकों ने दिए थे 10-10 हजार रुपये
युवकों का आरोप है कि हरेंद्र ने सभी से 10-10 हजार रुपये लेकर जुबिलेंट में नौकरी दिलाने के लिए बुलाया. पीड़ित ईश्वर प्रसाद ने बताया कि वहां पहुंचने पर उनका सिर्फ मेडिकल कराकर उन्हें वापस कर दिया गया. पीड़ित का कहना है कि मेडिकल के अलावा हमें न रोजगार मिला और न हमारा पैसा.
यूं आए झांसे में
ईश्वर प्रसाद ने बताया कि हरेंद्र के दोस्त ने हमसे संपर्क किया था, जो मुझे भी जानता था. उसने कहा कि गजरौला स्थित एक औद्योगिक इकाई में नौकरी के लिए जगह खाली है. फिर क्या था, दोस्त ने दोस्त की बात सुनकर नौकरी के लिए 10 हजार रुपये दे दिए. वहीं दोस्ती का सिलसिला धोखेबाजी में बदल गया. अब ठगी करने वालों से पैसे वापस करने की गुहार लगाते रहते हैं.
पीड़ित ईश्वर प्रसाद ने बताया कि हम एक-दूसरे के दोस्तों के संपर्क में आए थे. दोस्तों ने कहा कि औद्योगिक इकाई में नौकरी की जगह खाली है. नौकरी का लालच था. नौकरी करनी थी, क्योंकि बेरोजगारी था. घर से इधर-उधर से पैसे इकट्ठा कर ठगी करने वाले गिरोह को थमा दिया. अब न नौकरी मिली, न पैसे मिले.